ग़ाज़ा में इसराइल के फिर बेदख़ली आदेश, विस्थापितों की हालत और भी जटिल
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों ने कहा है कि ग़ाज़ा में लोगों का सुरक्षित स्थानों के लिए विस्थापन लगातार जारी है. उधर इसराइल द्वारा क़ाबिज़ सीरियाई गोलान पहाड़ियों में, गत शनिवार को हुए एक रॉकेट हमले के बाद, मध्य पूर्व में क्षेत्रीय तनाव भड़कने की आशंका प्रबल हो गई है.
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA ने सोशल मीडिया मंच पर कहा है कि ग़ाज़ा के आम लोगों के लिए, इसराइली सेना के नए बेदख़ली आदेशों से नुसीरात और बुरीज शरणार्थी शिविर प्रभावित हुए हैं.
इन इलाक़ों में रह रहे परिवारों को बार-बार विस्थापित होना पड़ रहा है, जबकि उन्हें यह भी मालूम है कि ग़ाज़ा पट्टी में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है.
UNRWA के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने कहा है कि ग़ाज़ा युद्ध को नौ महीने से अधिक का समय हो चुका है, इस अवधि के दौरान ग़ाज़ा की केवल 14 प्रतिशत आबादी ऐसी है, जो इसराइल के बेदख़ली आदेशों से प्रभावित नहीं हुई है, यानि लगभग 86 प्रतिशत आबादी को इसराइल के बेदख़ली आदेशों की मार झेलनी पड़ी है.
फ़िलिपे लज़ारिनी ने कहा कि इसराइल द्वारा बेदख़ली आदेश जारी किए जाने के बाद, अक्सर तो लोगों के पास केवल कुछ घंटों का समय होता है, जो कुछ भी सामान साथ लेकर जा सकते हैं.
उन्हें अधिकतर पैदल चलना पड़ता है या जिनके पास ख़च्चर गाड़ी है तो वो उसमें कुछ सामान रखकर निकल पड़ने को मजबूर होना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि इसराइल के बेदख़ली आदेशों से, ग़ाज़ा में लगभग हर होई प्रभावित हुए हैं. युद्ध शुरू होने के बाद से, बहुत से लोगों को हर महीने कम से कम एक बार विस्थापित होना पड़ा है.
जल संयंत्र ध्वस्त
UNRWA ने एक सम्बन्धित घटनाक्रम में, ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह में, एक जल संयंत्र के विध्वंस का निन्दा है, जोकि मई से ही, इसरइली सेना की कार्रवाई के लिए नज़र में रहा है.
संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA के उप मानवीय सहायता संयोजक स्कॉट ऐंडरसन का कहना है कि जब भी ऐसा कुछ होता, जैसाकि रफ़ाह में बीते सप्ताहन्त हुआ है जिसमें जल संयंत्र को ध्वस्त कर दिया गया है, तो ऐसे में पानी के उत्पादन की क्षमता प्रभावित होती है.
उन्होंने बताया कि यूएन एजेंसी, स्वतंत्र रूप से स्थिति का आकलन नहीं कर पाई है.
UNRWA के अनुसार इसराइल के बेदख़ली आदेश अब लगभग हर दिन जारी किए जा रहे हैं, जबकि OCHA ने गत शुक्रवार को बताया था कि मानवीय सहायता एजेंसियों के अनुमान के अनुसार, इसराइल द्वारा सात दिन पहले जारी किए गए बेदख़ली आदेशों के बाद, बीते सप्ताह ख़ान यूनिस और दियर अल बलाह में एक लाख 90 हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हुए.
सहायता बाधाओं के घातक परिणाम
OCHA का कहना है कि इसराइल द्वारा हाल ही में जारी किए बेदख़ली आदेशों और भीषण युद्ध के कारण, सहायता अभियान लगातार अस्थिर हो रहे हैं और ख़ान यूनिस में आम लोगों को अति आवश्यक सहायता सामग्री मुहैया कराने के प्रयास बाधित हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के नवीनतम आँकड़ों से संकेत मिलता है कि ग़ाज़ा में 93 प्रतिशत स्कूल क्षतिग्रस्त हो गए हैं और उनमें से कुछ स्कूलों को तो सीधे रूप में निशाना बनाया गया है. इन क्षतिग्रस्त हुए स्कूलों में लगभग एक तिहाई स्कूल UNRWA के हैं, जहाँ लगभग 14 हज़ार शि7क, 3 लाख 70 हज़ार छात्रों को पढ़ाया करते थे.
ग़ाज़ा पट्टी में स्कूल से बाहर रहने को विवश, लाखों बच्चों को शिक्षा में मदद करने के लिए, UNRWA और यूनीसेफ़, अब एक शिक्षा प्रोत्साहन मुहिम चलाने की योजना बना रहे हैं, जो गुरूवार, 1 अगस्त को शुरू होने वाली है.
OCHA के उप मानवीय सहायता संयोजक स्कॉट ऐंडरसन ने बताया, “हम उन सभी लगभग 6 लाख बच्चों को किसी ना किसी तरह के शिक्षण वातावरण में रखने जा रहे हैं, जो स्कूली शिक्षा हासिल करने के योग्य हैं.”