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सुरक्षा परिषद: लाल सागर में जहाज़ों पर हूती लड़ाकों के हमलों की कठोर निन्दा

लाल सागर क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों की बैठक.
UN Photo/Manuel Elias
लाल सागर क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों की बैठक.

सुरक्षा परिषद: लाल सागर में जहाज़ों पर हूती लड़ाकों के हमलों की कठोर निन्दा

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें यमनी तट के नज़दीक हूती लड़ाकों द्वारा व्यापारिक व वाणिज्यिक जहाज़ों पर किए गए हमलों की कठोर निन्दा की गई है. इन हमलों से वैश्विक व्यापार में व्यवधान आया है और ग़ाज़ा युद्ध के प्रभाव वृहद क्षेत्र में फैलने की आशंका बढ़ी है.

प्रस्ताव के पक्ष में 11 वोट डाले, जबकि विरोध में मतदान नहीं हुआ. चार देशों – चीन, रूस, अल्जीरिया, मोज़ाम्बीक़ – ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. 

रूस ने प्रस्ताव के मसौदे में तीन संशोधनों का सुझाव रखा, मगर मतदान में तीनों को ख़ारिज कर दिया गया, जिसके बाद प्रस्ताव के मसौदे पर मतदान का मार्ग प्रशस्त हो गया.

इससे पहले, अमेरिका ने बताया था कि मंगलवार को दक्षिणी लाल सागर में ब्रिटेन की नौसेना के साथ मिलकर यमन में हूती लड़ाकों द्वारा दागे गए 21 ड्रोन विमानों और मिसाइलों को ध्वस्त किया गया है.

विश्व के एक अहम समुद्री जल मार्ग में चरमपंथियों के बढ़ते हमलों से उपजी चिन्ताओं के मद्देनज़र, पिछले सप्ताह भी सुरक्षा परिषद में चर्चा हुई थी.

7 अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल में हमास के आतंकी हमलों और उसके बाद ग़ाज़ा में इसराइली सैन्य कार्रवाई के बाद से अब तक, लाल सागर में अन्तरराष्ट्रीय जलमार्ग पर, हूती विद्रोहियों द्वारा दो दर्ज़न से अधिक हमले किए गए हैं. 

हूती गुट का यमन की राजधानी सना समेत देश के अधिकाँश हिस्सों पर नियंत्रण है, जिनमें लाल सागर का तटीय इलाक़ा भी है. हमास के समर्थन में इन हमलों की शुरुआत मध्य-नवम्बर में कथित तौर पर इसराइल जाने वाले जहाज़ों को निशाना बनाते हुए की गई थी.

मगर, अब इन हमलों का दायरा बढ़ाया गया है और सभी अन्तरराष्ट्रीय जहाज़रानी कम्पनियों को तब तक निशाना बनाने की बात कही गई है, जब तक इसराइल द्वारा ग़ाज़ा में पूर्ण रूप से मानवीय सहायता आपूर्ति के प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती.

इन परिस्थितियों में अनेक जहाज़ कम्पनियाँ अपना मार्ग बदलने के लिए मजबूर हुई हैं, जिससे लागत बढ़ी है और वैश्विक सप्लाई चेन में व्यवधान आने की आशंका है.

प्रस्ताव के मुख्य बिन्दु

बुधवार को पारित प्रस्ताव में 19 नवम्बर के बाद से अब तक, व्यापारिक और वाणिज्यिक जहाज़ों पर हूती लड़ाकों द्वारा किए गए हमलों की कठोर शब्दों में निन्दा की गई है, और ऐसे सभी हमलों को तत्काल रोके जाने की बात कही गई है.

प्रस्ताव में कहा गया है कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप, समुद्री मार्ग में व्यापारिक और वाणिज्यिक जहाज़ों को आवाजाही की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान किया जाना होगा.

साथ ही, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत, सदस्य देशों द्वारा अपने जहाज़ों की हमलों से रक्षा करने के अधिकार के प्रति ध्यान दिलाया गया है. 

प्रस्ताव के अनुसार, इन हमलों की बुनियादी वजहों से निपटे जाने की आवश्यकता है, जिनसे क्षेत्रीय तनाव बढ़ रहा है. इस क्रम में, तत्काल, दक्ष और कारगर क़दम उठाए जाने पर बल दिया गया है. 

प्रस्ताव में हूती लड़ाकों को किसी भी प्रकार से हथियार दिए जाने के प्रावधान की निन्दा की गई है, और लाल सागर व वृहद क्षेत्र में हालात भड़कने से बचने और संयम बरतने का आग्रह है.

साथ ही, यूएन के नेतृत्व में शान्ति प्रक्रिया को समर्थन जारी रखने की बात कही गई है, ताकि यमन में लम्बे समय से चले आ रहे हिंसक टकराव का अन्त किया जा सके.