चिन्ताजनक आँकड़ों के बीच, नाटकीय जलवायु कार्रवाई का आग्रह
संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख रिपोर्ट में पाया गया है कि वैश्विक तापमान वृद्धि और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों के स्तरों में अभूतपूर्व वृद्धि के मद्देनज़र, दुनिया को, बेक़ाबू होते जलवायु परिवर्तन से बचाने और पैरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों के साथ मेल बिठाने के लिए, नाटकीय कार्रवाई की दरकार है.
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने, 2023 उत्सर्जन अन्तर रिपोर्ट, सोमवार को जारी की है.
इसमें स्पष्ट सन्देश है – जब तक देश जलवायु कार्रवाई नहीं बढ़ाएंगे और 2030 के उनके संकल्पों में किए गए वादों से अधिक कार्रवाई नहीं करेंगे, तब तक दुनिया 2.5 – 2.9 डिग्री सैल्सियस की तापमान वृद्धि की दिशा में बढ़ रही है.
एक टूटा हुआ रिकॉर्ड
यूनेप की कार्यकारी निदेशक इन्गेर ऐंडरसन ने नैरोबी से यह रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन से, कोई भी व्यक्ति और अर्थव्यवस्था अछूते नहीं बच रहे हैं.
उन्होंने इस सन्दर्भ में, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों, वैश्विक तापमान के उच्च स्तरों और अत्यन्त गम्भीर मौसम पर, अवांछित रिकॉर्ड निर्धारित करने के चलन को बन्द करने की तत्काल ज़रूरत को रेखांकित किया.
इन्गेर ऐंडरसन ने ज़ोर देकर कहा, “...बल्कि हम अपर्याप्त महत्वाकांक्षी और समुचित कार्रवाई के अभाव के उसी पुराने ढर्रे से सुई हटाएँ, और दीकर रिकॉर्ड निर्धारित करना शुरू करें: उत्सर्जनों में कटौती पर, हरित व अन्य परिवर्तनों पर और जलवायु वित्त पर.”
तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सैल्सियस तक सीमित रखने के रास्ते पर वापसी के लिए, उत्सर्जनों में, मौजूदा परिदृश्यों की तुलना में, कम से कम 28 प्रतिशत की कटौती करनी होगी.
अगर तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सैल्सियस तक सीमित रखना है तो 42 प्रतिशत कटौती की ज़रूरत होगी.
महाद्वीपों की खाई को पाटना

इन्गेर ऐंडरसन के अफ़्रीका से दिए गए इस सन्देश को, दुनिया की दूसरी तरफ़ से स्पष्ट समर्थन प्राप्त हुआ, जिसमें यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरश ने, न्यूयॉर्क में विश्व नेताओं को, ज़ोरदार अपील जारी की.
उन्होंने कहा, “उत्सर्जन अन्तर, एक ऐसी उत्सर्जन खाई की तरह है - एक ऐसी खाई जो टूटे हुए वादों, बिखरी हुई ज़िन्दगियों, और टूटे हुए रिकॉर्ड्स से भरी हुई है.”
उन्होंने साथ ही ज़ोर देकर ये भी कहा कि परिवर्तन, शीर्ष से आरम्भ होना चाहिए.
“यह सबकुछ, नेतृत्व की विफलता है, निर्बलतम लोगों के साथ एक छल, और एक विशाल अवसर को हाथ से फिसल देना है.”
नवीकरणीय ऊर्जा साधनों की सुलभता और किफ़ायत पर ज़ोर देते हुए, उन्होंने विश्व नेताओं से, जलवायु संकट की विषैली जड़ को नष्ट करने देने का आग्रह किया, जो जीवाश्म ईंधन हैं.