अफ़ग़ानिस्तान: भूकम्प प्रभावितों तक खाद्य सहायता पहुँचाने के लिए, 1.9 करोड डॉलर की अपील
संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में सिलसिलेवार भूकम्पों से प्रभावित हज़ारों लोगों तक मदद पहुँचाने के लिए 1.9 करोड़ डॉलर की अपील की है.
यूएन एजेंसी का कहना है कि इस सहायता धनराशि के ज़रिये एक लाख लोगों को आपात खाद्य सहायता प्रदान की जाएगी.
हेरात में पहला भूकम्प 7 अक्टूबर को आया, जिसमें 1,400 लोगों की मौत हुई और 1,800 से अधिक घायल हुए. इनमें से अधिकाँश महिलाएँ व बच्चे थे.
इस आपदा में 25 हज़ार से अधिक इमारतों के ध्वस्त हो जाने का अनुमान है. जीवित बचे लोगों ने फ़िलहाल अपने क्षतिग्रस्त घरों के नज़दीक टैंट में शरण ली है. वे हताश हैं और उन्हें भूकम्प के झटकों का ख़तरा अब भी बना हुआ है.
यूएन खाद्य सहायता एजेंसी ने भूकम्प आने के कुछ ही घंटों के भीतर ज़रूरतमन्द आबादी में पौष्टिक बिस्किट वितरित किए और बच्चों में कुपोषण की रोकथाम के लिए उन्हें विशेषीकृत भोजन दिया गया.
साथ ही, इस आपदा में बर्बाद हुए गाँवों में प्रभावित लोगों को गेहूँ का आटा, वनस्पति तेल, दालें और नमक समेत अन्य खाद्य सामग्री की आपूर्ति की गई है.
यूएन एजेंसी के अफ़ग़ानिस्तान कार्यालय में देशीय उपनिदेशक ऐना मारिया सलहुआना ने बताया कि उनका संगठन जीवित बचे लोगों तक सहायता पहुँचा रहा है.
मगर, इसके लिए खाद्य सामग्री की अफ़ग़ानिस्तान में संचालित उन कार्यक्रमों से आपूर्ति की जा रही है, जोकि पहले से ही धनराशि की गम्भीर क़िल्लत से जूझ रहे हैं. इसलिए तत्काल, अतिरिक्त सहायता धनराशि की आवश्यकता है.
आगामी चुनौतियाँ
देशीय उपनिदेशक ने बताया कि इन भूकम्पों जैसी आपदाओं ने स्थानीय समुदायों को दहला दिया है, जोकि पहले से ही बेहद विकट हालात में अपना गुज़ारा चलाने के लिए मजबूर हैं.
एक महीने बाद ही अफ़ग़ानिस्तान में कड़ी सर्दी का मौसम शुरू हो जाएगा. यूएन एजेंसी की योजना प्रभावित परिवारों को तीन से सात महीनों के लिए भोजन व नक़दी-आधारित हस्तांतरण के ज़रिये मदद पहुँचाने की है.
सहायता धनराशि उपलब्ध होने की स्थिति में, आपात राहत अभियान को आगे बढ़ाकर दीर्घकालिक सहनसक्षमता कार्यक्रम पर भी ध्यान केन्द्रित किया जाएगा, ताकि निर्बल हालात में जीवन व्यतीत कर रहे लोग फिर से अपनी आजीविका का निर्माण कर सकें.
इससे पहले, विश्व खाद्य कार्यक्रम को अफ़ग़ानिस्तान में ज़रूरतमन्द परिवारों को दी जाने वाली जीवनरक्षक खाद्य सहायता में कटौती के लिए मजबूर होना पड़ा था. फ़िलहाल, यूएन एजेंसी खाद्य सहायता पर निर्भर हर पाँच में से एक व्यक्ति को ही समर्थन मुहैया करा पाने में सक्षम है.
भूकम्प से उपजे हालात से इतर, विश्व खाद्य कार्यक्रम ने 40 करोड़ डॉलर की अपील की है, ताकि सर्दी के मौसम से पहले से ही खाद्य सामग्री का प्रबन्ध किया जा सके. ऐसे अनेक इलाक़े हैं, जहाँ भारी बर्फ़बारी व भूस्खलन के कारण स्थानीय समुदायों का शेष हिस्से से सम्पर्क कट जाता है.
अफ़ग़ानिस्तान में इनमें ऐसे परिवार भी हैं, जिन्हें आपात स्तर पर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा, वे महिलाएँ जिन्हें सार्वजनिक जीवन से बाहर धकेला जा रहा है.