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जलवायु लक्ष्यों को पाने के लिए, बीता जा रहा है समय - नई यूएन रिपोर्ट

जलवायु परिवर्तन के लिए जीवाश्म ईंधनों का इस्तेमाल एक बड़ा कारण है.
© Unsplash/Viktor Lysenko
जलवायु परिवर्तन के लिए जीवाश्म ईंधनों का इस्तेमाल एक बड़ा कारण है.

जलवायु लक्ष्यों को पाने के लिए, बीता जा रहा है समय - नई यूएन रिपोर्ट

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि पेरिस जलवायु समझौते में वैश्विक तापमान वृद्धि पर नियंत्रण के लिए जिन दीर्घकालिक लक्ष्यों को स्थापित किया गया था, दुनिया उन्हें हासिल करने के रास्ते से दूर है. इसके मद्देनज़र, यूएन विशेषज्ञों ने निर्णायक क़दम उठाए जाने पर बल दिया है.

यह रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र संस्था (UNFCCC) द्वारा जारी की गई है.

यूएन संस्था के कार्यकारी सचिव साइमन स्टील ने कहा, “मैं देशों की सरकारों से इस रिपोर्ट के निष्कर्षों को ध्यानपूर्वक पढ़ने और अन्तत: यह समझने का आग्रह करता हूँ कि उनके लिए इसके क्या मायने हैं, और उन्हें अब किन महत्वाकाँक्षी क़दमों को उठाना होगा.” 

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“यह व्यवसायों, समुदायों और अन्य मुख्य हितधारकों, सभी के लिए है.”

इस रिपोर्ट में 2022 और 2023 में तकनीकी विचार-विमर्श के दौरान प्राप्त 17 अहम निष्कर्षों का सारांश प्रस्तुत किया गया है, जोकि पेरिस जलवायु समझौते को लागू किए जाने की प्रक्रिया में मौजूदा स्थिति को दर्शाते हैं. 

इस समझौते में सभी देशों से आग्रह किया गया है कि पूर्व-औद्योगिक काल के स्तर की तुलना में वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस के नज़दीक तक सीमित रखना होगा. 

इस समझौते के अनुसार, कार्बन उत्सर्जन में कटौती व शमन (mitigation) प्रयासों से लेकर जलवायु हानि व क्षति, सभी क्षेत्रों में अभी और क़दम उठाए जाने की आवश्यकता है.

यूएन एजेंसी के अनुसार, कुछ ऐसी कमियाँ हैं, जिनके बारे में अच्छे से पता है, लेकिन इन तकनीकी निष्कर्षों ने इन खाइयों को पाटने के लिए उभरते हुए अवसरों और सृजनात्मक समाधानों को रेखांकित किया है.  

इस क्रम में, समझौते को लागू करने में तेज़ी लाने, जलवायु कार्रवाई, और ज़रूरी समर्थन प्रदान करने के लिए सर्वोत्तम तौर-तरीक़ों व प्रस्तावों को रेखांकित किया गया है.

महत्वपूर्ण क्षण

इस वर्ष नवम्बर-दिसम्बर में दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में यूएन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन आयोजित हो रहा है, जिसमें जलवायु कार्रवाई के नज़रिये से वैश्विक स्तर मौजूदा हालात का जायज़ा लिया जाएगा. 

इस प्रक्रिया से जुड़े सभी प्रतिनिधियों को यह समीक्षा करनी होगी कि जलवायु लक्ष्यों को पाने के लिए क्या उनकी ओर से प्रगति दर्ज की गई है या नहीं, और किन क्षेत्रों में वे इससे दूर हैं.

कॉप28 सम्मेलन की अध्यक्षता सम्भाल रहे सुल्तान अल जबेर ने ज़ोर देकर कहा कि पेरिस समझौते का सम्मान करने के लिए, पुराने तौर-तरीक़ों और ढर्रों से दूर हटना होगा.

उनके अनुसार, इसके लिए यह ज़रूरी है कि वर्ष 2030 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों में 43 प्रतिशत तक की कमी लाई जाए.

उन्होंने बताया कि इसके मद्देनज़र, कॉप28 अध्यक्ष द्वारा एक महत्वाकाँक्षी कार्रवाई एजेंडा प्रस्तुत किया गया है, जिसके ज़रिये टिकाऊ ऊर्जा की दिशा में न्यायोचित ढंग से बढ़ने, जलवायु वित्त पोषण की चुनौतियों से निपटने और आमजन के जीवन व आजीविका पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा. 

सुल्तान अल जबेर ने उम्मीद जताई कि आम लोगों के लिए सतत आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करते हुए, इन लक्ष्यों को हासिल करना सम्भव होगा, जिसके लिए यह ज़रूरी है कि महत्वाकाँक्षा से कार्रवाई व असल नतीजों की ओर बढ़ा जाए.