वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

स्कूलो में AI टैक्नॉलॉजी का इस्तेमाल, नियामन के दायरे में लाने का आग्रह

यूनेस्को ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के दुरुपयोग को रोकने की ख़ातिर, इस पर नीतिपरक नियमों को लागू करने की सिफ़ारिश की है.
Unsplash/D koi
यूनेस्को ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के दुरुपयोग को रोकने की ख़ातिर, इस पर नीतिपरक नियमों को लागू करने की सिफ़ारिश की है.

स्कूलो में AI टैक्नॉलॉजी का इस्तेमाल, नियामन के दायरे में लाने का आग्रह

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने देशों की सरकारों से आग्रह किया है कि शिक्षा व अनुसन्धान के क्षेत्र में ‘जनरेटिव आर्टिफ़िशियल इंटैलीजेंस’ (Gen AI) के इस्तेमाल के लिए नियामन व्यवस्था तैयार की जानी होगी. 

यूएन एजेंसी ने डेटा सुरक्षा व उपयोक्ताओं की निजता के लिए उपाय किए जाने का भी आग्रह किया है, और उपयोक्ताओं (users) की आयु सीमा का भी ख़याल रखा जाना होगा..

Tweet URL

ग़ौरतलब है कि सृजनात्मक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Generative AI), पहले से मौजूद अल्गोरिदम के आधार पर डेटा और सामग्री सृजित कर सकती है.

सार्वजनिक रूप से उपलब्ध GenAI उपकरण, जैसेकि चैटजीपीटी की मदद से स्वनिर्मित लिखित सामग्री, तस्वीरें, वीडियो, संगीत और सॉफ़्टवेयर कोड को तैयार किया जा सकता है.

यह प्लैटफ़ॉर्म तेज़ी से उभरा है और दुनिया में करोड़ों लोगों द्वारा इस्तेमाल में लाया जा रहा है, जिनमें कई छात्र भी हैं, मगर इस टैक्नॉलॉजी से चिन्ताजनक तथ्यात्मक ग़लतियाँ भी हो सकती है.

कृत्रिम बुद्धिमता पर आधारित उपकरणों के सुरक्षित व नीतिपक इस्तेमाल के लिए नीतियाँ, कुछ ही देशों में लागू की गई हैं.

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले के अनुसार, “जनरेटिव एआई मानव विकास के लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकती है, लेकिन इसकी वजह से नुक़सान और पूर्वाग्रह भी पनप सकते हैं.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सार्वजनिक स्तर पर सम्पर्क व बातचीत और आवश्यक सुरक्षा व नियामन उपायों के बिना, इस टैक्नॉलॉजी को शिक्षा में एकीकृत नहीं किया जा सकता है.

महानिदेशक अज़ूले ने बताया कि यूनेस्को ने इस सिलसिले में दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनसे नीतिनिर्धारकों और शिक्षकों को एआई टैक्नॉलॉजी का उपयोग, मुख्यत: छात्रों के हित में करने में मदद मिलेगी.

अहम क़दम

यह पहली बार है जब नई टैक्नॉलॉजी के इस्तेमाल में मानव-केन्द्रित दूरदृष्टि सुनिश्चित करने के लिए तात्कालिक उपाय सुझाए गए हैं. इस क्रम में वैश्विक मानक स्थापित करने का यह पहला प्रयास है.

इनमें डेटा निजता के संरक्षण को अनिवार्य बनाना, और कक्षाओं में उनके इस्तेमाल के लिए 13 वर्ष की आयु निर्धारित करना है. 

साथ ही, इस टैक्नॉलॉजी के नीतिपरक व कारगर इस्तेमाल के इरादे से, GenAI प्रदाताओं के लिए आवश्यक बातों का उल्लेख किया गया है. 

इन गाइडलाइन्स में स्पष्ट किया गया है कि शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा छात्रों के इस्तेमाल के लिए एआई प्रणाली को मान्य बनाए जाने की आवश्यकता है.

डिजिटल अध्ययन सप्ताह 

यूनेस्को की ओर से इन दिशानिर्देशों को पहली बार मनाए जा रहे डिजिटल अध्ययन सप्ताह के दौरान जारी किया गया है.

इस सप्ताह के दौरान, एक हज़ार से अधिक प्रतिभागी सार्वजनिक डिजिटल अध्ययन प्लैटफ़ॉर्म, GenAI और उनके ज़रिये सीखने-सिखाने को बढ़ावा देने पर चर्चा करेंगे.

इस सप्ताह के दौरान, यूनेस्को द्वारा शिक्षा क्षेत्र में जारी अन्य महत्वपूर्ण दिशानिर्देशों को भी रेखांकित किया जाएगा, जिनमें शिक्षा नीतियों में सूचना व संचार टैक्नॉलॉजी समेत अन्य विषय हैं.