वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

टिकाऊ भविष्य को आकार देने में आदिवासी युवजन के योगदान का जश्न

लुटाना रिबेरो, ब्राज़ील के एमेज़ॉना राज्य की राजधानी मनौस के पड़ोस में स्थित, आदिवासी समूह, पार्के दा ट्रीबोस की एकमात्र महिला प्रमुख हैं.
UNFPA Brazil/Isabela Martel
लुटाना रिबेरो, ब्राज़ील के एमेज़ॉना राज्य की राजधानी मनौस के पड़ोस में स्थित, आदिवासी समूह, पार्के दा ट्रीबोस की एकमात्र महिला प्रमुख हैं.

टिकाऊ भविष्य को आकार देने में आदिवासी युवजन के योगदान का जश्न

मानवाधिकार

बुधवार, 9 अगस्त को पूरे विश्व में, आदिवासी जन का अन्तरराष्ट्रीय दिवस  (International day of the world's indigenous peoplesमनाए जाने के दौरान "आत्मनिर्णय के लिए परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में आदिवासी युवजन" का विषय, संयुक्त राष्ट्र के सभी समारोहों के केन्द्र में रहेगा.

चूँकि बहुत से युवा आदिवासी जन, जलवायु कार्रवाई, मानवाधिकार और सांस्कृतिक संरक्षण की कार्रवाई में सक्रिय हैं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश का यह सन्देश पूरी दृढ़ता से प्रतिध्वनित होता है कि यह वर्ष, युवजन के बारे में है.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, इस दिवस के लिए जारी अपने सन्देश में कहा है, "हम परिवर्तन लाने और भविष्य सँवारने में आदिवासी युवाओं की भूमिका का जश्न मनाते हैं."

कार्रवाई में संलग्न

आदिवासी जन का लम्बे समय से अपनी भूमि, संस्कृतियों और परम्पराओं के साथ एक अनूठा सम्बन्ध रहा है, लेकिन यह अक्सर भूमि अतिक्रमण, संसाधन दोहन और उनके अधिकारों को सीमित मान्यता जैसे बाहरी दबावों से ख़तरे में आ जाता है.

लेकिन महासचिव ने कहा, "युवा आदिवासी जन, इन चुनौतियों से लड़ने में सहायता कर रहे हैं.”

ऐसे समय में जब दुनिया अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है, आदिवासी युवजन अपनी आवाज़ बुलन्द कर रहे हैं, बदलाव का अलख जगा रहे हैं और अपने समुदायों और ग्रह के भविष्य को सँवारने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “वे वैश्विक जलवायु कार्रवाई आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे हैं, न्याय एवं समानता के हिमायती हैं, अपनी संस्कृतियों का सम्मान करते हैं, मानव अधिकारों को आगे बढ़ाते हैं और विश्वभर में स्थानीय निवासियों के इतिहास एवं उनसे जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाते हैं. 

निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी

90 देशों में फैले, अनुमानतः 47 करोड़ 60 लाख आदिवासी जन हमारी दुनिया का अहम हिस्सा हैं. लेकिन वो आर्थिक असमानता के बोझ तले दबे हैं - वैश्विक आबादी के पाँच प्रतिशत से भी कम होने के बावजूद, यह दुनिया के सबसे निर्धन, 15 प्रतिशत लोगों में शामिल हैं.

ये विविध समुदाय, 5 हज़ार विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और विश्व की अनुमानित 7 हज़ार भाषाओं में से अधिकांश के प्राथमिक वक्ता हैं. अपने पर्यावरण के साथ उनका सामंजस्य और विकास के प्रति समग्र दृष्टिकोण, मानवता को मूल्यवान सबक़ सिखाता है.

महासचिव, एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “इसलिए स्त्री एवं पुरुष आदिवासी युवजन को निर्णय प्रक्रिया में शामिल करना ज़रूरी है. आज चुने गए विकल्प ही कल के विश्व का स्वरूप निर्धारित करेंगे.”

बुधवार सुबह अन्तरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर, अनेक युवा आदिवासी जन, एक वर्चुअल कार्यक्रम में अपने विचार व दृष्टिकोण साझा करेंगे.