UNESCO: स्कूलों में स्मार्ट फ़ोन के प्रयोग पर पाबन्दी की पुकार
संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में स्मार्ट फ़ोन उपकरणों के अत्यधिक प्रयोग पर बुधवार को चिन्ता व्यक्त की गई है और इन उपकरणों पर दुनिया भर के स्कूलों में प्रतिबन्ध लगाए जाने की पुकार लगाई गई है. संयुक्त राष्ट्र के शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन – UNESCO के अनुसार, मोबाइल फ़ोन के अत्यधिक प्रयोग से, शिक्षा ग्रहण प्रभावित हो रहा है.
टैक्नॉलॉजी पर यूनेस्को की रिपोर्ट में देशों से इस बारे में सावधानी से विचार करने का आग्रह किया गया है कि स्कूलों में टैक्नॉलॉजी का प्रयोग किस तरह किया जाए.
रिपोर्ट में मानव-केन्द्रित एक ऐसे नज़रिए की ज़रूरत को रेखांकित किया गया है, जिसमें डिजिटल टैक्नॉलॉजी, एक उपकरण के रूप में काम करे, नाकि वो ख़ुद ही प्राथमिक स्थान ले बैठे.
यूनेस्को के एक पदाधिकारी मैनॉस एंटॉनिनिस ने यूएन न्यूज़ के साथ एक बातचीत में, शैक्षणिक प्रौद्योगिकी में, डेटा सार्वजनिक हो जाने के ख़तरों के बारे में भी आगाह किया, क्योंकि केवल 16 प्रतिशत देशों में, कक्षाओं में, क़ानून के अनुसार डेटा निजता की गारंटी है.
डेटा का दुरुपयोग
उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि डेटा की विशाल तादाद, समुचित नियमों के बिना ही प्रयोग की जा रही है, ये डेटा, शिक्षा-इतर उद्देश्यों, व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए प्रयोग के लिए उपलब्ध हो रहा है, जोकि स्वभाविक रूप से मानवाधिकारों का उल्लंघन है, जिस पर लगाम लगाए जाने की आवश्यकता है.”
यूनेस्को की इस रिपोर्ट में, डिजिटल शिक्षा द्वारा उत्पन्न, विषमताओं को भी रेखांकित किया गया है. कोविड-19 महामारी के दौरान, दुनिया भर में, लगभग 50 करोड़ बच्चे, केवल ऑनलाइन मंचों के प्रयोग की तरफ़ रुख़ बढ़ जाने के कारण, शिक्षा प्राप्ति से वंचित रह गए.
रिपोर्ट में ऑनलाइन संसाधनों में, भौगोलिक आधार पर महत्वपूर्ण असन्तुलन उजागर किए गए हैं, जिनमें योरोप और उत्तरी अमेरिका ऑनलाइन संसाधन ज़्यादा उपलब्ध रहे.
यूनेस्को ने, शिक्षा में प्रौद्योगिकी का प्रयोग किस तरह किया जाए और उसे क्या आकार दिए जाए, इस बारे में देशों से स्वयं के मानक निर्धारित करने का आग्रह किया है.
इस मामले में ये भी ध्यान रखे जाने की बात कही गई है कि प्रौद्योगिकी, निजी रूप में पढ़ाई जाने वाली कक्षाओं, अध्यापक के नेतृत्व में होने वाली पढ़ाई का स्थान नहीं ले, और सभी के लिए गुणवत्ता वाली शिक्षा के साझे लक्ष्य को सहारा दे.
अपार सम्भावनाएँ
यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले ने आगाह करते हुए कहा है, “डिजिटल क्रान्ति में अपार सम्भावनाएँ निहित हैं, मगर जिस तरह से समाज में इस पर क़ानूनी लगाम कसे जाने के लिए चेतावनियाँ दी गई हैं, उसी तरह से, शिक्षा में इसका प्रयोग किस तरह किया जाए, उस पर भी ध्यान दिया जाना ज़रूरी है.”
उन्होंने कहा, “इसका प्रयोग, वृहद शिक्षा अनुभवों और छात्रों व अध्यापकों की बेहतरी के लिए होना चाहिए, नाकि उनके रास्तों में व्यवधान उत्पन्न करने के लिए.”
Technology in education: A tool on whose terms? नामक यह रिपोर्ट, उरुग्वाय में, यूनेस्को द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में जारी गई है.