पोलैंड: बिल्लियों में एवियन इन्फ़्लुएंज़ा संक्रमण के मामले, मगर व्यक्तियों के लिए जोखिम कम
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि पोलैंड में इन्फ़्लुएंज़ा A वायरस से संक्रमित पाई गईं 29 बिल्लियों में संक्रमण का स्रोत पता लगाने के लिए हर सम्भावना की पड़ताल की जा रही है. यह संक्रमण पक्षियों में पाए जाने वाले वायरस के समान है.
यूएन एजेंसी ने बुधवार, 12 जुलाई तक प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया कि A (H5N1) से संक्रमित बिल्लियों के सम्पर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति में फ़िलहाल कोई लक्षण नहीं देखा गया है.
सम्पर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों की निगरानी किए जाने की यह अवधि पूरी हो चुकी है.
बताया गया है कि अतीत में ऐसे छिटपुट मामले नज़र आते रहे हैं, जिसे आम तौर पर बर्ड फ़्लू वायरस कहा जाता है, मगर यह पहली बार है जब किसी एक देश (पोलैंड) में इतनी पड़ी संख्या में बिल्लियों के संक्रमित होने की जानकारी मिली है.
संगठन के अनुसार, संक्रमित बिल्लियों के सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों में संक्रमण की आशंका कम है, जबकि उनके मालिकों और पशु चिकित्सकों के लिए यह जोखिम, निम्न से मध्यम की श्रेणी में है. बचाव के लिए निजी रक्षा उपकरणों व उपायों को अपनाने पर बल दिया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि बिल्लियों में संक्रमण की ख़बर के बाद, सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों और निगरानी व्यवस्था पर उसकी मौजूदा सिफ़ारिशों में कोई बदलाव नहीं होगा.
यूएन एजेंसी के अनुसार इन्फ़्लुएंजा वायरस के स्वभाव में निरन्तर परिवर्तन हो रहा है, और इसलिए मानव व पशु स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले विषाणुओं का पता लगाने और उनकी निगरानी के लिए वैश्विक व्यवस्था बेहद अहम है.
साथ ही, जोखिम का आकलन करने के लिए समय पर वायरस के बारे में जानकारी साझा की जानी होगी.
यूएन एजेंसी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और पशु स्वास्थ्य एजेंसियों से नज़दीकी सहयोग, जानकारी साझा और संयुक्त रूप से जोखिम मूल्यांकन करने की अपील की है.
बिल्लियों की मौतें
स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 11 जुलाई तक, पोलैंड में प्रशासन ने 46 बिल्लियों और एक पिंजरे में रखी गई जंगली बिल्ली समेत, कुल 47 नमूनों का परीक्षण किया.
इनमें से 29 बिल्लियाँ, इन्फ़्लुएंज़ा A (H5N1) संक्रमण के लिए पॉज़िटिव पाई गईं. 14 बिल्लियों को कथित रूप से इच्छा-मृत्यु (euthanasia) दिया गया जबकि 11 अन्य की मौत हो गई. बताया गया है कि देश के 13 भौगोलिक क्षेत्रों में लिए गए नमूनों के परीक्षण का नतीजा पॉजिटिव आया है.
WHO का कहना है कि अभी यह पता नहीं चल सका है कि बिल्लियाँ इस वायरस के सम्पर्क में किस प्रकार आईं, और इसलिए जाँच पड़ताल जारी है.
यूएन एजेंसी ने आशंका जताई है कि संक्रमण के स्रोत सम्बन्ध में कई सम्भावनाएँ हो सकती हैं, जिनमें से एक यह है कि बिल्लियाँ स्वयं ही संक्रमित पक्षियों या पर्यावरण के साथ प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सम्पर्क में आई हों.
या फिर उन्होंने संक्रमित पक्षियों या वायरस से दूषित भोजन को सेवन किया हो. इसके मद्देनज़र, फ़िलहाल सभी पहलुओं को देखा जा रहा है और किसी सम्भावना को ख़ारिज नहीं किया गया है.
जिन 25 बिल्लियों के बारे में जानकारी उपलब्ध है, उनमें से 18 बाहर थीं, और 18 घर में थीं जहाँ वे बालकनी, छत या घर के पीछे जा सकती थीं. पाँच बिल्लियों के लिए बाहरी पर्यावरण में जाना सम्भव नहीं था.