योरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र में, वैकल्पिक बिजली आपूर्ति स्रोत की बहाली
अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख रफ़ाएल ग्रोस्सी ने सोमवार को बताया कि यूक्रेन में ज़ैपोरिझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र को लगभग चार महीने बाद उसकी एकमात्र, अतिरिक्त बिजली आपूर्ति लाइन (back-up power line) से जोड़ दिया गया है. इसके बावजूद, क्षेत्र में सैन्य टकराव के कारण बिजली आपूर्ति की स्थिति अभी भी "बेहद नाज़ुक" बनी हुई है.
फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से पहले परमाणु प्लांट में बिजली आपूर्ति के लिए ऐसी छह अतिरिक्त बिजली लाइन मौजूद थीं, मगर बाद में इनमें से केवल एक ही संचालित हो पा रही थी.
1 मार्च को डनिप्रो नदी के दूसरी ओर हुई क्षति की वजह से यह एकमात्र कनेक्शन भी पूरी तरह कट गया, जिसे फिर से बहाल करने के प्रयासों में कठिन सुरक्षा हालात के कारण अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ा.
नई 330 किलोवोल्ट की बिजली लाइन बहाल होने के बाद, एक बैक-अप के रूप में काम करेगी और मुख्य आपूर्ति के उपलब्ध ना होने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में परमाणु प्लांट को बिजली आपूर्ति प्रदान करती रहेगी.
330 KV लाइन को फिर से स्थापित किया जाना बेहद अहम माना जा रहा है, चूँकि पिछले कई महीनों से परमाणु प्लांट, बिजली आपूर्ति के लिए एकमात्र 750 KV लाइन पर निर्भर था, जिसका उपयोग परमाणु सुरक्षा उपायों व रिएक्टर को ठंडा करने के लिए किया जाता है.
फ़रवरी 2022 में हिंसक टकराव शुरू होने से पहले, 750 KV की ऐसी चार आपूर्ति लाइन मौजूद थीं.
नई 330 किलोवोल्ट की बिजली लाइन अब मुख्य आपूर्ति के विकल्प के रूप में काम करेगी और 750 KV लाइन के उपलब्ध ना होने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में परमाणु प्लांट को बिजली की आपूर्ति करने के लिए उपलब्ध होगी.
यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने बिजली आपूर्ति की अतिरिक्त लाइन (back-up power line) को फिर से बहाल किए जाने को सकारात्मक बताया है. मगर, उनके अनुसार ज़ैपोरिझिया संयंत्र में बिजली आपूर्ति की स्थिति सम्वेदनशील बनी हुई है.
इससे पहले, IAEA के प्रमुख ग्रोस्सी ने शुक्रवार को बताया था कि विशेषज्ञ दल की जाँच में, परमाणु संयंत्र के आसपास किसी भी बारूदी सुरंग या विस्फोटक उपकरण का पता नहीं चला है.
परमाणु संयंत्र के भीतर व आसपास के इलाक़े में बारूद और अन्य विस्फोटक रखे जाने की ख़बरों के बाद ये निरीक्षण किया गया था.
अन्तरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी के निरीक्षण दल के अनुसार, कुछ सप्ताह पहले कख़ोवका बाँध के ध्वस्त होने के बावजूद, संयंत्र के पास उपयोग के लिए जल का भंडार उपलब्ध है.