खाद्य वस्तुओं के आक्रामक प्रचार से बच्चों को बचाने के लिए नए दिशानिर्देश
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बच्चों को खाद्य वस्तुओं के प्रचार या मार्केटिंग के हानिकारक प्रभावों से बचाने के उद्देश्य से नीतियाँ तैयार करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इन दिशानिर्देशों में व्यापक स्तर पर ऐसे अनिवार्य उपायों को अपनाने पर बल दिया गया है, जिनसे सभी उम्र के बच्चों में संतृप्त वसा, ट्रांस फ़ैट, अत्य़धिक चीनी या नमक के इस्तेमाल से तैयार किए गए भोजन और ऐल्कॉहॉल-रहित पेय पदार्थों के आक्रामक प्रचार को रोका जा सके.
ट्रांस फ़ैट या ट्रांस फ़ैटी ऐसिड, आहार में वसा का सबसे ख़राब प्रकार माना जाता है, जिसके अधिक सेवन से हृदय रोग का जोखिम बढ़ता है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी में खाद्य संरक्षा एवं पोषण विभाग की निदेशक डॉक्टर फ़्राँसेस्को ब्रेन्का ने सचेत किया है कि बच्चों के लिए ट्रांस फ़ैट, मीठे और नमक से भरपूर खाद्य पदार्थों व पेय पदार्थों का बड़े पैमाने पर किया जाने वाला आक्रामक प्रचार, अस्वस्थ आहार-सम्बन्धी विकल्प चुनने के लिए ज़िम्मेदार है.
उन्होंने क्षोभ प्रकट किया कि ज़िम्मेदारी के साथ मार्केटिंग के तौर-तरीक़े अपनाए जाने के अनुरोधों का कोई सकारात्मक असर नहीं हुआ है.
एक दशक से भी अधिक समय पहले, सदस्य देशों ने बच्चों के लिए खाद्य वस्तुओं व ऐल्कॉहॉल-रहित पेय पदार्थों के प्रचार पर केन्द्रित यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की सिफ़ारिशों का समर्थन किया था.
लेकिन, यूएन एजेंसी के अनुसार, बच्चे अब भी मार्केटिंग के शक्तिशाली तौर-तरीक़ों से प्रभावित हो रहे हैं, जबकि इनके सेवन से बाल स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर होता है.
ये संशोधित सिफ़ारिशें, हाल के समय में प्राप्त तथ्यों व जानकारी की समीक्षा के नतीजों पर आधारित है, और इनमें मार्केटिंग से बच्चों के स्वास्थ्य, खान-पान की आदतों और भोजन के प्रति रवैये पर होने वाले प्रभाव का आकलन किया गया है.
संक्षेप में, खाद्य वस्तुओं का आक्रामक प्रचार, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक ख़तरा बना हुआ है और यह बच्चों के भोजन चयन, खाद्य वस्तुओं के सेवन और उससे जुड़े मानदंड़ों के विकास को भी नकारात्मक ढंग से प्रभावित करता है.
कारगर उपायों पर ज़ोर
विश्लेषण के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मार्केटिंग पर पाबन्दी लगाने वाली नीतियाँ सबसे कारगर तब साबित होंगी, जब वे अनिवार्य रूप से लागू की जाएं, सभी उम्र के बच्चों की रक्षा करें और सरकार के नेतृत्व वाले पोषक तत्व प्रोफ़ाइल मॉडल का उपयोग करें.
साथ ही, अन्य आयु वर्गों पर मार्केटिंग के इस्तेमाल से होने वाले जोखिम में कमी लाने के उपायों को भी आज़माना अहम होगा.
खाद्य वस्तुओं की मार्केटिंग से व्यवहार में बदलाव लाने की क्षमता पर भी लगाम कसी जानी होगी, जैसेकि उत्पाद के साथ बच्चों को प्रभावित करने वाले कार्टून, खिलौनों या तकनीक का इस्तेमाल, गाने के साथ विज्ञापन या फिर बड़ी हस्तियों द्वारा किया जाने वाला प्रचार.
इन सभी दिशानिर्देशों का उद्देश्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले खाद्य वातावरण स्थापित करने में सरकारों की सहायता प्रदान करना है.
इससे लोगों को स्वस्थ आहार विकल्प चुनने, आजीवन स्वस्थ खाने की आदतें विकसित करने, आहार की पोषण गुणवत्ता बढ़ाने और ग़ैर-संचारी रोगों के वैश्विक बोझ को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा.