संयुक्त राष्ट्र के सेवानिवृत्त कर्मचारी बने, यूक्रेनी शरणार्थी परिवार के मेज़बान
ब्रिटेन के ग्रामीण इलाक़े में स्थित एक घर में, संयुक्त राष्ट्र के दो सेवानिवृत्त कर्मचारी, एक वर्ष से अधिक समय से यूक्रेन से विस्थापित एक माँ और बेटे को आश्रय दिए हुए हैं. विश्व शरणार्थी दिवस पर, साथ रहने वाले इन दोनों परिवारों ने अपनी कहानी व अनुभव साझा किए.
ओक्साना और 11 वर्षीय साशा, उन 1 लाख से अधिक यूक्रेनी लोगों में से हैं, जिनका फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद ब्रिटेन के घरों में स्वागत किया गया है. उनके आने पर उनसे मुलाक़ात के लिए आए, जेन हॉवर्ड और लॉरेन्स जोलेस ने कहा, "हमें ऐसा करना सही लगा."
कार्रवाई के लिए तत्पर
ओक्साना और साशा, कीयेफ़ के एक क़स्बे में रहते थे, जो युद्ध के पहले कुछ हफ़्तों में आग की चपेट में आ गया था. जब वो ब्रिटेन आए थे, तब उन्हें अंग्रेज़ी का एक शब्द भी नहीं आता था, और वो शायद ही कभी यूक्रेन से बाहर गए थे.
ओक्साना ने कहा, "मैं कहीं भी जाने से बहुत डरती थी. मैं चिन्तित थी क्योंकि मैं इस देश की भाषा और रीति-रिवाज़ों से वाक़िफ नहीं थी. मुझे नहीं पता था कि मैं अजनबियों के साथ किस तरह तालमेल बिठा पाऊँगी.”
लेकिन, यह "काफ़ी आसान" रहा, उन्होंने कहा.
वो बताती हैं, "जेन और लॉरेन्स हमसे हवाई अड्डे पर मिलने आए और मुलाक़ात के पहले मिनट में ही मुझे समझ आ गया था कि मुझे बहुत दयालु लोगों का साथ मिला है."
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, यूएनएचसीआर में 35 वर्षों तक कार्यरत रहे लॉरेन्स ने बताया कि उनके पास उनके रहने के लिए एक पर्याप्त जगह थी.
यूएनएचसीआर में लॉरेन्स, सरकारों को शरणार्थियों के लिए अपने दरवाज़े खोलने और मेज़बान आबादी द्वारा उनकी सहायता सुनिश्चित करने का काम करते थे.
उन्होंने कहा "अब इस स्थिति के दूसरी ओर होकर यह दिखा पाना कि यह करना सम्भव है, कुछ ऐसा था जिसे करने में मुझे बहुत ख़ुशी हुई."
'अमूल्य' समर्थन
यहाँ आने पर, ओक्साना और साशा को, बैंक खाता खोलने, स्कूल खोजने और डॉक्टर के पास पंजीकरण जैसी कई बाधाओं का सामना करना पड़ा.
ओक्साना ने कहा, "जेन और लॉरेन्स ने समय निकालकर, हर क़दम पर हमारी मदद की. उनके नैतिक और भौतिक समर्थन का मूल्य आँकना असम्भव है."
ओक्साना के लिए रोज़गार खोजना सबसे बड़ी परेशानी थी. वह पहले एक शिक्षक और मानव संसाधन कार्यकारी के रूप में काम कर चुकी थीं.
स्थानीय रोज़गार केन्द्र, उन्हें कृषि सम्बन्धी कार्य की पेशकश कर सकता था, जहाँ अँग्रेज़ी भाषा की ज़रूरत नहीं थी. लेकिन, उन्होंने ओक्साना को अँग्रेज़ी सीखकर, ऑफ़िस में काम खोजने की सलाह दी.
जेन ने बताया, "शून्य से शुरू करके, आज ओक्साना बहुत अच्छी तरह बातचीत करने में सक्षम हो गई हैं."
अनगिनत लोगों के सहयोग की आवश्यकता
ग्रामीण इलाकों में सीमित सार्वजनिक परिवहन के मद्देनज़र, जेन और लॉरेन्स ने अपने मेहमानों को बाइक मुहैया करवाई, और ओक्साना को मैनुअल कार चलाना भी सिखाया. इस बीच, साशा स्थानीय गाँव के स्कूल में घुल-मिल गए हैं.
जेन ने बताया, "स्कूल ने एक शिक्षण सहायक की मदद से उसने अतिरिक्त सहायता लेकर, सभी बाधाएँ पार कर ली हैं. उन्होंने उसकी स्कूल की वर्दी ख़रीदकर दी, भोजन स्कूल में ही मुफ़्त मिलता है. लेकिन, सबसे उत्कृष्ट यह रहा कि स्कूल के बच्चों ने उसका दिल से स्वागत किया.
वे सभी इस बात से भी सहमत थे कि उन्हें स्थानीय लोगों का भी भरपूर समर्थन मिला. पुस्तकालय ने यूक्रेनी भाषा की बच्चों की किताबें ख़रीदीं, शरणार्थियों को प्रसाधन के पैकेट दिए गए और स्थानीय खाद्य बैंक से भी पर्याप्त सहायता प्राप्त हुई.
शुरूआत में, मेज़बानों की पृष्ठभूमि व सभी की सलामती की जाँच करने के बाद, जेन और लॉरेन्स को ब्रिटेन की सरकार व स्थानीय प्राधिकरण द्वारा कुछ धनराशि की मदद भी दी जा रही है.
विभिन्न संस्कृतियों का मेल
साथ रहने के अनुभव से, सभी को अपनी संस्कृतियों के बारे में अधिक जानने का अवसर मिला है.ओक्साना ने अपने मेज़बानों को, बोरश से पेलमेनी जैसे यूक्रेनी भोजन का स्वाद चखाया, जिसे जेन ने "अद्भुत मिठाई" क़रार दिया. लॉरेन्स ने अपने यूक्रेनी मेहमानों को देखकर यह जाना कि उनके लिए "परिवार बेहद महत्वपूर्ण है" और "बुज़ुर्गों का सम्मान" करना बहुत ज़रूरी.
ओक्साना, पारम्परिक कढ़ाई करके धागे से झुमके और हार जैसे आभूषण भी बनाती हैं.
जेन ने कहा, "शरणार्थियों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे अपनी संस्कृति से जुड़े रहें. जब वे यहाँ पहुँचे, तो उनके पास सोपिल्का (बाँसुरी जैसा एक यूक्रेनी लोक वाद्य यंत्र) और दो छोटे पिठ्ठू थैलों के अलावा कोई सामान नहीं था. यह वास्तव में आपको सोचने पर मजबूर करता है कि अगर आपको केवल एक बैगभर सामान साथ ले जाना है, तो आप ऐसा कुछ लाएँगे, जो आपको घर की याद दिलाये.”
स्थाई नैतिक मूल्य
संयुक्त राष्ट्र के पूर्व कर्मचारियों के रूप में, जेन और लॉरेन्स के पेशेवर अनुभव ने, शरणार्थियों की मेज़बानी करने का निर्णय लेने की राह दिखाई.जेन कहती हैं, "चीज़ों को बदलने या लोगों की मदद करने की इच्छा ख़त्म नहीं होती है."
लॉरेन्स ने कहा, "मैंने देखा कि उनके लिए हालात कितने मुश्किल थे, और मैंने देखा कि लोग कितने सहनसक्षम हो सकते हैं, व अन्य लोगों से मिलने वाली थोड़ी सी मदद भी कितनी उपयोगी हो सकती है."
'बड़े परिवार का हिस्सा होने अहसास'
ओक्साना के सामने अब एक मुश्किल फ़ैसला है कि वह ब्रिटेन में ही रहें या अपनी बुज़ुर्ग माँ की देखभाल के लिए कीयेफ़ लौट जाएँ. जेन ने कहा कि उनका निर्णय जो भी हो, "उनका यहाँ हमेशा स्वागत है."
उन्होंने कहा कि उनके लिए यह अनुभव "अत्यधिक सकारात्मक" रहा है, "हमें इसे लेकर एक मिनट भी पछताना नहीं पड़ा."
मेज़बानों के "आत्म-बलिदान, करूणा, शालीनता और सम्वेदनशीलता" की सराहना करते हुए ओक्साना ने कहा कि जेन और लॉरेन्स से मिलाने के लिए वो अपने "भाग्य की हमेशा आभारी" रहेंगी.
"उन्होंने हमें आश्रय दिया, एक आरामदायक घर व भविष्य को लेकर विश्वास दिया, सुरक्षा दी, और सबसे महत्वपूर्ण, एक बड़े परिवार की भावना दी, जिसमें आपको समझा जाएगा, समर्थन दिया जाएगा और आपकी मदद की जाएगी."
जेन ने लोगों से से कहा कि वो याद रखें कि शरणार्थियों को "पूरे साल आपकी मदद की ज़रूरत है."लॉरेन्स ने "नकारात्मक बयानबाज़ी" पर ध्यान देने से बचने की सलाह दी.
उन्होंने कहा, "हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हम भी एक दिन शरणार्थी बन सकते हैं. इसलिए, लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप अपने साथ चाहेंगे."
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