वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

निर्णय-निर्धारण प्रक्रिया में महिलाओं के समावेश की सुनिश्चितता पर बल

अफ़ग़ानिस्तान की संसद में महिला सांसद, निर्णय निर्धारक भूमिकाओं में महिलाओं के विषय पर एक बैठक में हिस्सा ले रही हैं.
UN Women/ Nangyalai Tanai
अफ़ग़ानिस्तान की संसद में महिला सांसद, निर्णय निर्धारक भूमिकाओं में महिलाओं के विषय पर एक बैठक में हिस्सा ले रही हैं.

निर्णय-निर्धारण प्रक्रिया में महिलाओं के समावेश की सुनिश्चितता पर बल

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि निर्णय-निर्धारण प्रक्रिया में महिलाओं की समान एवं सार्थक भागेदारी ना केवल स्वयं में एक अधिकार है, बल्कि सार्वजनिक निर्णय लिए जाते समय, उनके मानवाधिकारों व हितों का सम्मान किए जाने की अनिवार्य शर्त भी है.

 

अन्तर-संसदीय संघ (Inter-parliamentary Union) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर, सांसदों की कुल संख्या का केवल साढ़े 26 प्रतिशत महिलाएँ हैं, जबकि क़रीब 22 देशों में उनका प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से भी कम है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय में महिला अधिकार एवं लैंगिक मामलों की प्रमुख हैना वू का कहना है कि महिलाओं की वैविध्यपूर्ण, सक्रिय भागेदारी और उनके स्वंय के अनुभवों को, निर्णय-निर्धारण के सभी स्तरों में सम्मिलित करके ही, समानता, टिकाऊ विकास और शान्ति के लक्ष्य हासिल किए जा सकेंगे.

इसके लिए सभी महिलाओं की भागेदारी आवश्यक है, लेकिन विकलांग महिलाओं के लिए यह विशेष रूप से प्रासंगिक है.

‘Women Enabled International’ (WEI) नामक संस्था के अनुसार, विश्व भर में हर पाँच में से एक महिला विकलांग है और अक्सर उन्हें निर्णय-निर्धारण प्रक्रिया से बाहर रखा जाता है, चूँकि कभी उनके लिए बैठक कक्ष तक पहुँचना या संकेत भाषा में अनुवाद सम्भव नहीं हो पाता, या फिर जानकारी सम्बन्धी सामग्री की सुलभता का अभाव होता है.

WEI एक अन्तरराष्ट्रीय ग़ैर-सरकारी संगठन है, जोकि लैंगिक मामलों और विकलांगता से जुड़े मुद्दों पर मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है.

समावेशन के रास्ते में हर व्यक्ति को अलग तरह के अवरोधों का सामना करना पड़ता है. ये अक्सर बैठक और कार्यक्रम के आयोजन सम्बन्धी मुद्दों से भी जुड़े हो सकते हैं.

कुछ मामलों में सुलभता सम्बन्धी आवश्यकताओं के बारे में जानकारी का अभाव होता है, तो कभी सुलभता उपायों में निवेश के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध नहीं होती है.

WEI का कहना है कि कभी-कभी आयोजकों और विकलांग महिलाओं व उनके प्रतिनिधि संगठनों के बीच तालमेल की कमी होती है.

वर्ष 2021 में, सर्वजन के लिए लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के इरादे से ‘Inclusive Generation Equality Collective’ (IGEC) स्थापित किया गया था, जोकि वर्तमान परिस्थितियों में बदलाव लाने की कोशिशों में जुटा है.

विश्व भर में विकलांगजन कार्यकर्ताओं का यह समूह - IGEC, सभी विकलांग महिलाओं का समावेशन सुनिश्चित किए जाने की पैरवी करता है. इस क्रम में, मौजूदा अवरोधों को हटाने के लिए ‘Feminist Accessibility’ नामक एक नए प्रोटोकॉल पर बल दिया गया है, जोकि अहम संकल्पों का एक ऐसा समूह है जिसके ज़रिए, लैंगिक समानता स्थलों पर विकलांग महिलाओं का समावेशन सुनिश्चित किया जाएगा. 

इस प्रोटोकॉल में देशों, नागरिक समाज संगठनों और संयुक्त राष्ट्र से लैंगिक समानता पर होने वाली चर्चाओं और निर्णय-निर्धारण स्थलों को महिलाओं, लड़कियों, ट्रांस, इंटरसेक्स और नॉन-बाइनरी विकलांग व्यक्तियों के लिए, पूर्ण रूप से सुलभ व समावेशी बनाने का संकल्प लेने का आग्रह किया गया है.

सार्वजनिक जीवन में भागेदारी

विकलांगजन के अधिकारों पर सन्धि के अनुच्छेद 9 के अनुसार, विकलांग व्यक्तियों के स्वतंत्रतापूर्वक जीवन व्यतीत करने और समाज में उनकी पूर्ण व समान भागेदारी के लिए, सुलभता (accessibility) एक पूर्व शर्त है.

इसका अर्थ है कि विकलांग व्यक्तियों के लिए, भौतिक पर्यावरण, परिवहन, जानकारी, टैक्नॉलॉजी की सुलभता का अधिकार, अन्य अधिकारों को साकार करने के लिए एक अनिवार्य शर्त है.

यूएन अधिकारी हैना वू का कहना है कि इसे ध्यान में रखते हुए, हम अपने सहयोगियों और साझीदारों को ‘Feminist Accessibility’ प्रोटोकॉल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने वाले स्थानों तक, विकलांग महिलाओं व लड़कियों के लिए व्यक्तिगत रूप से या ऑनलाइन माध्यम के ज़रिए शिरकत कर पाना सम्भव हो.

यूएन कार्यालय ने सार्वजनिक जीवन में महिलाओं और लड़कियों की भागेदारी को आगे बढ़ाने के लिए, अनेक क्षेत्रों में ठोस कार्रवाई किए जाने का आग्रह किया है.

यूएन मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, इसके तहत, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय क़ानूनी ढाँचे को मज़बूत किया जाना अहम होगा.