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यूक्रेन बाँध तबाही: स्वच्छ पेयजल का अभाव, बीमारियों का फैलाव, बड़े जोखिम

दक्षिणी यूक्रेन में कख़ोवका बाँध के ध्वस्त हो जाने के बाद, ख़ेरसॉन में एक बाढ़ प्रभावित इलाक़ा.
© UNICEF/Alexsey Filippov
दक्षिणी यूक्रेन में कख़ोवका बाँध के ध्वस्त हो जाने के बाद, ख़ेरसॉन में एक बाढ़ प्रभावित इलाक़ा.

यूक्रेन बाँध तबाही: स्वच्छ पेयजल का अभाव, बीमारियों का फैलाव, बड़े जोखिम

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहत एजेंसियों ने यूक्रेन में कख़ोवका बाँध के ध्वस्त होने के बाद उपजे गम्भीर हालात के मद्देनज़र, प्रभावित लोगों तक राहत पहुँचाने के लिए अपने प्रयास तेज़ कर दिए हैं.

बाँध टूटने के बाद प्रभावित इलाक़ों के घरों में जल भराव है, जिसके कारण अनेक लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है और उनके पास जल व्यवस्था नहीं है, जोकि अब एक बड़ी चुनौती बन रही है.

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) की प्रवक्ता ओलिविया हेडन ने राजधानी कीव से यूएन न्यूज़ के साथ एक इंटरव्यू में बताया कि, उनका संगठन अन्य साझेदारों के साथ मिलकर सुरक्षित इलाक़ों में शरण लेने वाले लोगों तक पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है.

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साथ ही, डनिप्रो नदी के तट पर स्थित सम्वेदनशील इलाक़ों में प्रभावितों तक पहुँचने के भी प्रयास किए जा रहे हैं.

बताया गया है कि सर्वाधिक प्रभावित इलाक़े में लगभग 17 हज़ार लोगों पर बाढ़ की चपेट में आने का जोखिम है, लेकिन अभी तक केवल एक हज़ार लोगों को ही बाँध से दूर सुरक्षित इलाक़ों में ले जाया गया है.

प्रवासन संगठन का कहना है कि अधिकाँश लोगों ने अपने घरों के पास ही रहने की इच्छा व्यक्त की है.

जल-जनित बीमारियाँ

बाढ़ और स्वच्छ जल के अभाव की वजह से जल-जनित बीमारियों के फैलने की आशंका है और मानवीय राहतकर्मियों ने स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में स्वास्थ्य उपाय और देखभाल महत्वपूर्ण होगी.

आपात राहत मामलों के प्रमुख, यूएन अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने मंगलवार देर शाम सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि ख़ेरसॉन क्षेत्र के आस-पास के इलाक़े में हुई इस तबाही के स्तर को आने वाले दिनों में ही आंका जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट हो रहा है कि इस तबाही के दक्षिणी यूक्रेन में अग्रिम मोर्चे के दोनों ओर, हज़ारों लोगों, उनके घरों, भोजन, पेयजल और आजीविकाओं के लिए गम्भीर और दीर्घकालिक नतीजे होंगे.

हज़ारों ज़िन्दगियों पर जोखिम

यूएन प्रवासन एजेंसी के महानिदेशक एंतोनियो वितोरिनो ने कहा कि इस बाँध के बर्बाद होने से गम्भीर पर्यावरणीय क्षति हुई है.

पिछले एक वर्ष से युद्ध से जूझ रहे देश पर इसका एक बड़ा मानवीय असर होने की आशंका है, चूँकि पहले से ही आवश्यक सेवाएँ भीषण दबाव में काम कर रही हैं.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे को कभी भी निशाना बनाया जाना होगा.

इसके बावजूद, मासूम लोगों को ना केवल एक घातक स्थिति वाले इलाक़े में रहना पड़ रहा है, बल्कि आगामी हफ़्तों में उनके लिए स्वच्छ पेयजल और ऊर्जा आपूर्ति भी एक बड़ी चुनौती होगी.

यूनीसेफ़ ने पहुँचाई मदद

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने यूएन न्यूज़ को बताया कि संगठन ने बुधवार तक 26 हज़ार पानी की बोतलें, स्वच्छता सम्बन्धी आपूर्ति, और 10 हज़ार से अधिक जल साफ़ करने की दवा दी हैं.

इसके अलावा, कुशल राहतकर्मियों की टीम गठित की गई हैं, जहाँ वे आवाजाही केन्द्रों और सुरक्षित स्थलों पर पहुँचने वाले लोगों, विशेष रूप से बच्चों को मनोसामाजिक समर्थन मुहैया कराएंगे.

यूनीसेफ़ के यूक्रेन कार्यालय में संचार व पैरोकारी मामलों के प्रमुख डेमियन रैन्स के अनुसार, अगले तीन महीनों के लिए यूएन एजेंसी विस्थापितों को नक़दी हस्तान्तरण के ज़रिये समर्थन देगी और हर घर में पाँच सदस्यों तक यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी.  

ख़ेरसॉन के एक बाढ़ग्रस्त इलाक़े से एक महिला को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है.
© UNICEF/Alexsey Filippov

क्राइमिया की आपूर्ति पर ख़तरा

यूएन प्रवासन एजेंसी ने कहा है कि बाँध टूट जाने के बाद से रूसी क़ब्ज़े वाले क्राइमिया में जल आपूर्ति पर भी असर पड़ने की आशंका है.

इसके अलावा, ज़ैपरोझिया में परमाणु ऊर्जा प्लांट में शीतलन व्यवस्था पर भी जोखिम है, हालांकि यह स्पष्ट किया गया है कि फ़िलहाल ऊर्जा संयंत्र के लिए कोई तात्कालिक ख़तरा नहीं है.

प्रवासन संगठन की आरम्भिक समीक्षा दर्शाती है कि पेयजल और भोजन, सबसे बड़ी प्राथमिकताएँ हैं और स्थानीय प्राधिकरणों के साथ मिलकर लोगों के लिए इनकी आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी.

इसके अलावा, जल और साफ़-सफ़ाई सम्बन्धी सेवाओं को समर्थन प्रदान करने, आपात राहत सामग्री वितरित करने, सामूहिक केन्द्रों को सहारा देने और स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ प्रदान किए जाने की भी योजना है.