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कारागार में सज़ा काटने के साथ-साथ, स्वादिष्ट कॉफ़ी बनाने का हुनर

इंडोनेशिया में टैंगराँग क्लास IIA सुधार सुविधा में संयुक्त राष्ट्र समर्थित कार्यक्रम क़ैदियों को नौकरी कौशल सीखने में मदद कर रहा है.।
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इंडोनेशिया में टैंगराँग क्लास IIA सुधार सुविधा में संयुक्त राष्ट्र समर्थित कार्यक्रम क़ैदियों को नौकरी कौशल सीखने में मदद कर रहा है.।

कारागार में सज़ा काटने के साथ-साथ, स्वादिष्ट कॉफ़ी बनाने का हुनर

एसडीजी

मुकम्मल झागदार दूध? उस पर एक ख़ूबसूरत तितली की आकृति. ज़ुबान पर कुछ मीठे-कड़वे स्वाद वाली एक बेहतरीन कैप्पोचिनो कॉफ़ी ? बल्कि ये उससे भी कहीं ज़्यादा एक चीज़ है. इस ख़ास कॉफ़ी का ये कप, डैनी नामक एक क़ैदी ने तैयार किया और परोसा है, जो इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के निकट स्थित कारागार - टैंगरांग में सज़ा काट रहे हैं. डैनी संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हैं जिसका मक़सद, कारागार में क़ैदियों को ऐसे नए कौशल सिखाना है जिनसे उन्हें अपनी सज़ा काटने के बाद, समाज में फिर से घुलने-मिलने में मदद मिल सके.

पाँच साल की सज़ा में से लगभग तीन साल की सज़ा काट चुके चुके, 31 वर्षीय डैनी कहते हैं, “मैं जेल में इस समय सर्वाधिक सदुपयोग करना चाहता हूँ, और ये प्रशिक्षण, मुझे बाद में रोज़गार पाने में मदद करेगा." 

"वैसे तो मुझे पहले भी कॉफ़ी बनानी आती थी, मगर यहाँ मैं अलग-अलग स्वाद व सुगन्ध वाली कॉफ़ी बनाने के कलात्मक तरीक़े सीख रहा हूँ."

डैनी, टैंगरांग सुधारगृह में रखे गए 200 क़ैदियों में से एक हैं. इंडोनेशिया में कुल लगभग 35 हज़ार क़ैदियों को इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया गया है, जिन्हें कपड़ों पर ईको-प्रिंटिंग से लेकर खेतीबाड़ी करने तक के व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाते हैं. डैनी को उम्मीद है कि कारागार के भीतर स्वादिष्ट कॉफ़ी बनाने की कला सीखने के सहारे वो, अपनी रिहाई के बाद किसी कैफ़े में रोज़गार पा सकेंगे.

सुधारगृह की प्रमुख सालिस फ़रीदा फित्रियानी कहती हैं कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक बेहतर भविष्य बनाना है, लेकिन सज़ा काट चुके लोगों को, यहाँ से बाहर निकलकर सफल होने के लिए केवल कौशल प्रशिक्षण ही पर्याप्त नहीं है.

सालिस फ़रीदा का कहना है कि जेल से रिहा होने वाले लोगों की जीवन भर निन्दा करने वाले समाज का सामना करने के लिए, कारागार में, क़ैदियों को व्यक्तित्व विकास में प्रशिक्षण, मनोवैज्ञानिक परामर्श और धार्मिक शिक्षा दिए जाते हैं.

सालिस फ़रीदा कहती हैं, ‘हमारा उद्देश्य क़ैदियों के लिए सकारात्मक गतिविधियाँ और प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है.”  

जनवरी 2022 में इंडोनेशिया में क्लास IIA करेक्शनल फैसिलिटी छोड़ने के बाद कॉफी शॉप खोलने वाले 32 वर्षीय हासविन ने कहा कि जेल में समय बिताने के बाद व्यवसाय शुरू करना कठिन है.
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एक ‘चोर’ की छवि को तोड़ना

नशीले पद्दार्थों के सम्बन्ध में एक दोषी, 32 वर्षीय हासविन कहते हैं, “जेल में सज़ा काटने के बाद, बाहर निकलकर कोई कारोबार करना कठिन है. हासविन, जनवरी 2022 में टैंगरांग सुधारगृह से बाहर आने के बाद, अब अपनी ख़ुद की कॉफी दुकान चलाते हैं, जिसमें नए और पुराने तरीक़ों का मिश्रण करने के साथ-साथ, मॉकटेल और खाने-पीने की अन्य चीज़ें बेचते हैं. 

हासविन कहते हैं, “अब जीवन काफ़ी बेहतर है.” हासविन बताते हैं कि अतीत में वो शराबख़ाने में, काम करते थे, और मुख्य रूप से उसी के कारण वो ड्रग सम्बन्धी अपराधों में फँस गए, और अन्ततः 2018 में वो गिरफ़्तार हो गए थे.

हासविन बताते हैं, “मैं अपने जीवन से अब काफ़ी सन्तुष्ट हूँ और मुझे अपनी रचनात्मकता पर गर्व है.”

अब, उनका काम केवल "ज़रूरतें पूरी करने का एक साधन" नहीं है, बल्कि यह एक नया अवसर है.

उनका कहना है, “मैं ख़ुद पर ‘एक ठग’ होने का धब्बा मिटाना चाहता हूँ और ये दिखाना चाहता हूँ कि एक पूर्व अपराधी भी आत्मनिर्भर और रचनात्मक हो सकता है.” 

विश्वविद्यालय की डिग्री के लिए अध्ययन इंडोनेशिया में Tangerang क्लास IIA सुधारक सुविधा में संयुक्त राष्ट्र समर्थित पायलट कार्यक्रम का हिस्सा है.
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खेल-कूद से लेकर विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों तक

टैंगरांग सुधारगृह क़ैदियों को ऐसा करने का एक अवसर देता है. टैंगरांग में वे पेशेवर खेलों में भी प्रतिस्पर्धात्मक शिरकत कर सकते हैं. यह, इंडोनेशिया में ऐसा एक अनूठा कारागार भी है, जहाँ क़ैदियों के लिए पूर्ण विश्वविद्यालय शिक्षा कार्यक्रम उपलब्ध है.

सुधार सुविधा की प्रमुख सालिस फ़रीदा कहती हैं कि इस पायलट कार्यक्रम के तहत फ़िलहाल 200 क़ैदियों को शामिल किया गया है, जिसे पूरे देश में सभी क़ैदियों को उपलब्ध बनाने की योजना है, हालाँकि ये धन की उपलब्धता पर निर्भर होगा.

शेख़ (स्येख़) युसूफ़ इस्लामिक विश्वविद्यालय में इस्लाम विषय के तीसरे वर्ष में पढ़ रहे छात्र असेप ने कहते हैं कि वो भी, कार्यक्रम में शिक्षा प्राप्त कर रहे अन्य अनेक लोगों की तरह, जेल आने से पहले अपने जीवन में, विश्वविद्यालय की शिक्षा हासिल करने का ख़र्च नहीं उठा सकते थे.

जेल में ये छात्र भी, विश्वविद्यालय के नियमित छात्रों के समान ही पाठ्यक्रम की शिक्षा हासिल करते हैं. असेप और उनके सहपाठी सप्ताह में तीन दिन होने वाली कक्षा में शामिल होते हैं, जो प्रतिदिन छह घंटे की होती है. असेप, अपनी ये शिक्षा पूरी करने और जेल से रिहा होने से पहले, उम्मीद करते हैं कि वो अन्य क़ैदियों को, मज़हबी परामर्श देने  सहायता कर सकेंगे.

इंडोनेशिया में टैंगराँग क्लास IIA सुधारक सुविधा के कैदी एक पायलट कार्यक्रम के माध्यम से पेशेवर खेलों में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं.
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क़ैदियों की आवश्कताओं के अनुसार

संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स व अपराध निरोधक कार्यालय – UNODC द्वारा समर्थित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूप-रेखा, ऐसे आकलन उपायों की मदद से तैयार की गई है जिनमें, क़ैदियों की व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुरूप, प्रमाण-आधारित तरीक़ों का प्रयोग किया जाता है.

सुधारगृह के अधिकारी, क़ैदियों का आकलन करने और उन्हें बेहतर रूप में समझने के लिए, इन साधनों का प्रयोग करते हैं. इनमें उनसे सम्भावित सुरक्षा-जोखिम का स्तर, कार्यक्रम के लिए उनकी उपयोगिता, शिक्षा के लिए उनकी प्रतिक्रिया की समझ हासिल करना शामिल हैं.

जकार्ता में, UNODC के एक कार्यक्रम प्रबन्धक रब्बी प्रमुदत्तमा कहते हैं, ”उदाहरण के लिए, हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि हमें ऐसे क़ैदियों को शामिल करें जो कक्षा में अन्य छात्रों को परेशान ना करें और शिक्षकों व सहपाठियों के साथ सहयोग करें.”

एक और मौक़ा

 यूएन ड्रग्स व अपराध निरोधक कार्यालय, ‘Second Chance’ (दूसरा अवसर) जैसे ग़ैर-सरकारी संगठनों का भी सहयोग और समर्थन करता है जो क़ैदियों के बाहर जाने के बाद, उन्हें समाज के साथ फिर से जुड़ने में सहायता करते हैं.

एक शान्त सुबह, कुछ क़ैदी, क़ुरान की आयतें याद कर रहे थे, जबकि कुछ अन्य क़ैदी, किकबॉक्सर्स की एक जोड़ी को देखने के लिए इकट्ठा हुए थे. जैसे ही बारिश शुरू हुई, उन्होंने उस उजली धूप के बारे में बातचीत की, जो देर-सबेर अवश्य नज़र आएगी.

डैनी के लिए तो सही रौशनी उस दिन होगी जब वो भी जेल से बाहर निकल जाएँ, और उन्हें कोई रोज़गार मिल जाए.

डैनी कहते हैं, "अभी मेरा मुख्य उद्देश्य पहले की तुलना में, एक बेहतर व्यक्ति बनना है." ऐसा दिन आने तक वह, धार्मिक गतिविधियों पर ध्यान केन्द्रित करते रहेंगे और स्वादिष्ट कॉफ़ी बनाने की कला सीखने में व्यस्त रहेंगे.