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कोरिया प्रायद्वीप: बढ़ते तनावों को शान्त करने के लिए एकता की दरकार

उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में, सैन्य अधिकारी परेड का जश्न मनाते हुए (फ़ाइल फ़ोटो).
© Unsplash/Micha Brändli
उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में, सैन्य अधिकारी परेड का जश्न मनाते हुए (फ़ाइल फ़ोटो).

कोरिया प्रायद्वीप: बढ़ते तनावों को शान्त करने के लिए एकता की दरकार

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक और शान्तिनिर्माण मामलों की मुखिया रोज़मैरी डीकार्लो ने शुक्रवार को कहा है कि कोरिया प्रायद्वीप में चल रहे नकारात्मक घटनाक्रम को धीमा करने के लिए, सुरक्षा परिषद में एकता और कार्रवाई के अभाव की वजह से कोई ख़ास मदद नहीं मिल पाती है.

संयुक्त राष्ट्र की अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो ने कोरिया प्रायद्वीप में हाल के घटनाक्रम पर शुक्रवार को, 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा, “कोरिया प्रायद्वीप पर स्थिति जैसे महत्वपूर्ण शान्ति व सुरक्षा मुद्दे, सहयोग के क्षेत्र होने चाहिए.”

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उन्होंने कहा, “अलगाव नहीं, बल्कि राजनय ही, आगे बढ़ने का एक मात्र रास्ता है.”

इस मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की आपात चर्चा के दौरान, सदस्य देशों ने भिन्न मत व्यक्त किए. कुछ सदस्य देशों ने इस पर सहमति व्यक्त की कि राजनय यानि कूटनीति, शान्ति की दिशा में एक मार्ग प्रशस्त कर सकती है. जबकि कुछ अन्य सदस्यों ने अन्य देशों की तथाकथित “भड़काऊ सैन्य गतिविधियों” के सम्बन्ध में चिन्ताएँ व्यक्त कीं.

नाकाम प्रक्षेपण

रोज़मैरी डीकार्लो ने हाल की गतिविधियों पर बढ़ते तनाव पर चिन्ताएँ व्यक्त करते हुए याद दिलाया कि उत्तर कोरिया (DPRK) ने बुधवार को, देश की परिभाषा के अनुसार, एक “सैन्य ख़ुफ़िया सैटेलाइट” का प्रक्षेपण किया, जोकि कोरिया प्रायद्वीप के पश्चिमी तट में जाकर ध्वस्त हो गया.

उन्होंने बताया कि उत्तर कोरिया ने, अपनी पाँच वर्षीय सैन्य योजना के अनुरूप, वर्ष 2022 और 2023 के दौरान अपनी मिसाइल प्रक्षेपण गतिविधियों में ख़ासी वृद्धि की है. इनमें 80 से ज़्यादा प्रक्षेपण शामिल हैं, और उनमें बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी का प्रयोग भी है.

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि अलबत्ता देशों को सैटेलाइट प्रक्षेपण और अन्तरिक्ष गतिविधियों से लाभान्वित होने का अधिकार है, मगर सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव उत्तर कोरिया को, बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने वाले, किसी भी तरह के प्रक्षेपण से रोकते हैं.

उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने वैसे तो बुधवार को किए गए प्रक्षेपण के बारे में मंगलवार को, पूर्व सूचना, अन्तरराष्ट्रीय समुद्र संगठन (IMO) को भेजी थी, मगर उसने अन्य अन्तरराष्ट्रीय संगठनों को सतर्क नहीं किया, जिनमें अन्तरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO), और अन्तरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) शामिल हैं.

उत्तर कोरिया बे-लगाम है

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि उत्तर कोरिया “रोक से बाहर है, और अन्य पक्षों के पास, सैन्य निवारण (Deterrence) पर ध्यान देने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है.”

उन्होंने कहा कि मिसाइल प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके इस तरह के अन्य सैटेलाइट प्रक्षेपणों से बचने और एक टिकाऊ शान्ति की ख़ातिर व कोरिया प्रायद्वीप को परमाणु रहित क्षेत्र बनाने के लिए, तेज़ी के साथ संवाद फिर शुरू करने की, यूएन महासचिव की तरफ़ से बारम्बार पुकारों के बावजूद, उत्तर कोरिया ने कहा है कि बुधवार का प्रक्षेपण, “क्षेत्र में जारी सैन्य गतिविधियों का एक जवाब था”.

रोज़मैरी डीकार्लो ने बताया कि उत्तर कोरिया ने इस तरह का अपना पिछला प्रक्षेपण, वर्ष 2016 में किया था, जिसने सुरक्षा परिषद के सम्बद्ध प्रस्तावों के हनन में, बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी का प्रयोग किए जाने पर, सुरक्षा परिषद की निन्दा को उकसा दिया था.

परमाणु शस्त्र जोखिम

मीडिया ख़बरों से संकेत मिलता है कि इस क्षेत्र में, हाल के वर्षों में, अनेक देशों ने सैन्य अभ्यास किए हैं.

सैन्य ख़ुफ़िया सैटेलाइट का विकास करना, उत्तर कोरिया की पाँच वर्षीय सैन्य विकास योजना का हिस्सा है, मगर रोज़मैरी डीकार्लो ने ध्यान दिलाया कि ये योजना जनवरी 2021 में ज़ाहिर की गई थी, जोकि क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों के पुनःआरम्भ से काफ़ी पहले का समय था.

इस बीच, उत्तर कोरिया ने कहा है कि वर्ष 2022 और 2023 में किए गए प्रक्षेपणों में, “परमाणु शस्त्र भूमिकाओं“ वाली प्रणालियाँ शामिल थीं, और देश ने परमाणु हथियारों के सम्भावित प्रयोग का ज़िक्र करना जारी रखा हुआ है.

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि यूएन महासचिव ने परमाणु हथियारों से मुक्त एक विश्व की प्राप्ति के लिए, अपनी प्रतिबद्धता बारम्बार व्यक्त की है और कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया) द्वारा, परमाणु हथियार प्रसार-निषेध सन्धि के तहत, अपनी ज़िम्मेदारियों की फिर से पुष्टि किए जाने का स्वागत किया है.

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