सीरिया: ‘युद्ध समाप्ति के लिए, कूटनैतिक प्रयासों के साथ, ठोस ज़मीनी कार्रवाई की दरकार’

सीरिया में कार्यरत संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने मंगलवार को कहा है कि देश में 12 वर्षों से जारी युद्ध की समाप्ति के लिए, कूटनैतिक प्रयासों में हुई लगातार प्रगति से मेले खाती हुई, ठोस ज़मीनी कार्रवाई की दरकार है. उन्होंने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में कहा है कि देश में फिर से सिर उठाती हिंसा एक बार फिर आम लोगों की ज़िन्दगियाँ लील रही है.
सीरिया के लिए यूएन महासचिव के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने देश के ताज़ा राजनैतिक और मानवीय घटनाक्रम के बारे में सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए कहा, “ये बहुत अहम है कि हाल के राजनैतिक क़दमों से मेल खाती हुई ठोस कार्रवाई भी की जाए.”
सीरिया से सम्बन्धित अनेक मुद्दों के समाधान तलाश करने की दिशा में, हाल के अनेक कूटनैतिक क़दमों से प्रगति तेज़ हुई है.
इनमें सीरिया सरकार के साथ सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 2252 में उठाई गई चिन्ताओं सहित, क्षेत्रीय अखंडता पर देश की सरकार के साथ प्रत्यक्ष बातचीत जारी रखने और राष्ट्रीय सुलह-सफ़ाई के लिए प्रयास शामिल हैं.
रूस ने अप्रैल में, ईरान, सीरिया और तुर्कीये के विदेश मंत्रियों की एक बैठक की मेज़बानी की थी. साथ ही अम्मान में भी मिस्र, इराक़, जॉर्डन, सऊदी अरब और सीरिया के विदेश मंत्रियों की एक बैठक हुई थी.
अरब देशों की लीग ने काहिरा में सम्बन्धित प्रस्ताव पारित किए थे, और सीरिया सरकार के साथ प्रत्यक्ष बातचीत जारी रखने के लिए, एक अरब मंत्रिस्तरीय सम्पर्क समिति गठित की गई थी.
इसी अवधि के दौरान, सीरिया के राष्ट्रपति ने जेद्दाह में हुए अरब लीग सम्मेलन में भी शिरकत की थी.
सीरिया के लिए विशेष दूत गेयर पैडरसन ने कहा, “इन विषयों व बिन्दुओं पर साझा ध्यान और चर्चा आगे बढ़ने के लिए एक अच्छा अवसर मुहैया करा सकते हैं.”
मगर उन्होंने एक कूटनैतिक समाधान तलाश करने में सक्रिय महत्वपूर्ण मंत्रियों के साथ अपनी बातचीत में, “ये भी स्पष्ट किया है कि वो सीरियाई लोगों और क्षेत्रीय व अन्य साझीदारों के लिए यथास्थिति क़ायम रहने के ख़तरों को समझते हैं, जो अस्थिरता को दूर करना चाहते हैं.”
उन्होंने कहा कि अगर ठोस मुद्दों पर समुचित ध्यान दिया गया, चाहे मामूली बढ़त के साथ ही, तो ये नया समीकरण, बहुत प्रतीक्षित गति का माहौल सृजित कर सकता है.
उन्होंने इस सन्दर्भ में सीरियाई पक्षों, अरब, अस्ताना और पश्चिमी पक्षों व सुरक्षा परिषद के साथ लगातार सम्पर्क क़ायम रहने की आशा भी व्यक्त की.
गेयर पैडरसन ने कहा कि सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 2254 को लागू करने में मामूली सी प्रगति के लिए भी ”बहुत से भिन्न पक्षों के विश्वास और संसाधनों के साथ-साथ, गम्भीर कार्रवाई की भी दरकार होगी.”
उन्होंने कहा कि इस पृष्ठभूमि में, सीरियाई लोग विशाल पैमाने पर तकलीफ़ें उठा रहे हैं.
सीरियाई शरणार्थियों ने स्वदेश वापसी के लिए इच्छाएँ व्यक्त की थीं, मगर वर्ष 2023 में बहुत कम संख्या ने ही आगामी वर्ष के दौरान स्वदेश लौटने की ख़्वाहिश ज़ाहिर की है.
इस स्थिति के लिए, आजीविका अर्जन के अवसरों की कमी, एक कमज़ोर सुरक्षा स्थिति, और मनमाने बन्दीकरण का डर, जैसे कुछ प्रमुख कारण गिनाए गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत समन्वय कार्यालय OCHA की उपनिदेशक ग़ादा ऐलताहिर मुदावी ने कहा है कि सीरियाई लोगों को, इस समय अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के सबसे ज़्यादा समर्थन की आवश्यकता है, जितनी उन्हें 12 वर्षों के दौरान कभी नहीं हुई.
उन्होंने मौजूदा परिदृश्य का ख़ाका पेश करते हुए कहा, “सीरिया में मानवीय संकट को एक वैश्विक प्राथमिकता बनाए रखना होगा”, जहाँ दर्जन भर वर्षों के युद्ध के बाद, “सीरियाई आबादी के एक विशाल हिस्से को, खाद्य, स्वास्थ्य, और आश्रय सम्बन्धी अपनी बुनियादी ज़रूरतें पूरी करने के लिए दैनिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.”
सीरिया में लगभग एक करोड़ 53 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है, जोकि देश की कुल आबादी का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा है.
ग़ादा ऐलताहिर मुदावी का कहना था कि इस संकट के इतिहास में पहली बार, सीरिया के हर उपज़िले में, लोग मानवीय संकट के कुछ ना कुछ स्तर का सामना कर रहे हैं.
फ़रवरी 2023 में आए भूकम्प ने, पहले से ही ख़स्ताहाल मानवीय स्थिति को और भी ज़्यादा जटिल बना दिया, जिसके कारण तीन लाख, तीस हज़ार से ज़्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा है, और हज़ारों अन्य लोग, बुनियादी सेवाओं और आजीविकाओं से वंचित हैं.