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यूएन शान्तिरक्षक, ‘आशा व संरक्षा की एक मशाल’: गुटेरेश

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएँ), घाना की शान्तिरक्षक कैप्टेन सिसिलिया ऐरिज़ुआह को, 2022 का सैन्य लैंगिक पैरोकार पुरस्कार प्रदान करते हुए. (25 मई 2023)
UN Photo/Evan Schneider
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएँ), घाना की शान्तिरक्षक कैप्टेन सिसिलिया ऐरिज़ुआह को, 2022 का सैन्य लैंगिक पैरोकार पुरस्कार प्रदान करते हुए. (25 मई 2023)

यूएन शान्तिरक्षक, ‘आशा व संरक्षा की एक मशाल’: गुटेरेश

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को कहा है कि दुनिया भर में कार्यरत संयुक्त राष्ट्र के 87 हज़ार से ज़्यादा शान्तिरक्षक, लगातार ख़तरनाक और अनिश्चित होती एक दुनिया में, निर्बल लोगों के लिए आशा और संरक्षा की मशाल हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 के दौरान, अपनी ड्यूटी करते हुए, 102 शान्तिरक्षकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान किया.

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उन्होंने कहा कि 12 अभियानों में, 125 देशों के जो पुरुष और महिला शान्तिरक्षक सेवारत हैं, वो सुरक्षा, स्थिरता और क़ानून के शासन को समर्थन देने के लिए काम कर रहे हैं.

एंतोनियो गुटेरेश ने वर्ष 2022 का यूएन सैन्य लैंगिक पैरोकार पुरस्कार, घाना की एक शान्तिरक्षक कैप्टेन सिसिलिया ऐरिज़ुआह को प्रदान करने के अवसर पर कहा, “वो, शान्ति के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता की धड़कन हैं.”

“दुनिया भर से शान्तिरक्षकों को एक साथ लाकर, शान्तिरक्षा, बहुपक्षवाद के वास्तविकता में तब्दील होने का एक प्रेरक प्रतीक बन गई है.”

ये पुरस्कार गुरूवार को न्यूयॉर्क स्थित यूए महासभागार में प्रदान किया गया. कैप्टेन सिसिलिया ऐबयेई में यूए शान्ति मिशन में तैनात हैं.

उन्होंने कहा कि मगर टकरावों की लगातार बढ़ती जटिलता, अवरुद्ध शान्ति प्रक्रियाओं, आतंकवादी गतिविधियों, शस्त्र मिलिशिया, गैंग हिंसा और अन्तर-राष्ट्रीय अपराधों की निरन्तरता के कारण, समुदाय, देश और सम्पूर्ण क्षेत्र, विषैले हो रहे हैं.

शान्ति को निरन्तर ख़तरा

यूएन प्रमुख ने कहा कि डिजिटल विश्व, तनाव, विभाजन, नफ़रत और दुष्प्रचार व झूठ प्रचार का एक डरावना मोर्चा बन गया है.

उन्होंने कहा कि ये दुखद है कि हमारे शान्तिरक्षक, लगातार ऐसे स्थानों पर काम कर रहे हैं, जहाँ शान्ति क़ायम रखने जैसी कोई चीज़ ही नहीं है.

यूएन महासचिव ने यूएन महासभागार में प्रतिनिधित्व करने वाले तमाम देशों से, शान्ति-क्रियान्वयन मिशनों और आतंकवाद-निरोधक अभियानों की एक नई पीढ़ी की ज़रूरत पर, गम्भीरता के साथ विचार करने का आहवान किया.  जो यूएन चार्टर के अध्याय-7 के तहत, सुरक्षा परिषद के शासनादेश की अगुवाई में हो, और जिसके लिए धनराशि की निरन्तर उपलब्धता की गारंटी हो.

यूएन प्रमुख ने एक भावपूर्ण सृमति समारोह से पहले, शान्तिरक्षक स्मारक पर माल्यार्पण भी किया, जो संयुक्त राष्ट्र के नील ध्वज के तहत काम करते हुए किए गए बलिदान के सम्मान में बनाया गया है.

यूएन महासचिव ने इस अवसर पर कुछ क्षण का मौन रखने जाने से पहले कहा, “हम उनके बलिदान पर शोक सन्तप्त हैं और उनके परिवारों, मित्रों और सहयोगियों के साथ अपनी गहन सहानुभूति व्यक्त करते हैं. हम उनके बलिदान को कभी भी भूल सकते.”

महिलाएँ, अग्रिम मार्ग पर

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यूएन प्रमुख ने, महिलाओं, शान्ति व सुरक्षा पर सुरक्षा परिषद के ऐतिहासिक प्रस्ताव 1325 की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये याद दिलाता है कि “हमारी महिला शान्तिरक्षक, ना केवल वैश्विक शान्ति और सुरक्षा को समर्थन दे रही हैं, बल्कि वो रास्तों पर आगे चल रही हैं.”

उन्होंने कहा कि इस वर्ष की सैन्य लैंगिक पैरोकार पुरस्कार विजेता, घाना की शान्तिरक्षक कैप्टेन सिसिलिया ऐरज़ुआह, हर रूप में नेतृत्व और प्रस्ताव 1325 के पीछे के सिद्धान्तों की साक्षात रूप हैं.

कैप्टेन सिसिलिया ऐबयेई में में मार्च 2022 से, घाना की सम्पर्क प्लाटून कमांडर के रूप में कार्यरत हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा कि  हर जगह यूएन शान्तिरक्षा मिशनों में काम करने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ाने का, ये बेहतरीन समय है.

‘संयुक्त राष्ट्र दीर्घायु हो’

कैप्टेन सिसिलिया ने इस समारोह को अपने सम्बोधन में कहा कि वो इस पुरस्कार को पाकर सम्मानित महसूस कर रही हैं.  

ये पुरस्कार लैंगिक समानता और समावेशिता के लिए, “उनकी सम्पूर्ण प्लाटून के अथक प्रयासों और समर्पण को रेखांकित करता है.”

दक्षिण सूडान और सूडान के दरम्यान स्थित विवादित क्षेत्र ऐबयेई में, 2011 से यूएन शान्तिरक्षा मिशन (UNIFSA) की मौजूदगी रही है.

UNIFSA के सुरक्षा बल, पुलिस क्षमता को मज़बूत करने, जोखिम वाले हालात में रहने वाले आम लोगों के संरक्षण, और मानवीय सहायता व सहायता कर्मियों के मुक्त आवागमन में मदद करने के लिए काम कर रहे हैं.

कैप्टेन सिसिलिया ने अपना पुरस्कार ऐबयेई के अदभुत लोगों और तमाम शान्तिरक्षा कर्मियों, विशेष रूप में वर्दीधारी महिलाओं को समर्पित किया.

कैप्टेन सिसिलिया ने कहा, “मेरी कामना है कि हमारे समर्पण, निष्ठा और मानवता-प्रेम, कभी भी व्यर्थ ना जाएँ. संयुक्त राष्ट्र दीर्घायु हो."