वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

सूडान में जारी युद्ध में, विस्थापितों की संख्या हुई 10 लाख

दक्षिण सूडान की एक सीमा चौकी के पास, यूएन शरणार्थी एजेंसी के आवागमन केन्द्र एक परिवार
© UNHCR/Charlotte Hallqvist
दक्षिण सूडान की एक सीमा चौकी के पास, यूएन शरणार्थी एजेंसी के आवागमन केन्द्र एक परिवार

सूडान में जारी युद्ध में, विस्थापितों की संख्या हुई 10 लाख

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने, सूडान में युद्ध जारी रहने के मद्देनज़र, शुक्रवार को आगाह करते हुए कहा है कि देश में सुरक्षा की ख़ातिर पलायन करने वाले लोगों की संख्या, 10 लाख से भी ज़्यादा हो गई है.

हाल के दिनों में पश्चिमी दारफ़ूर की राजधानी अल-गेनीना को ताबड़तोड़ हमलों का निशाना बनाया गया है, वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि पाँच सप्ताह पहले भड़के इस सघन युद्ध के कारण, देश भर में 700 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 5,300 घायल हुए हैं.

यूएन शरणार्थी एजेंसी – UNHCR के प्रवक्ता मैथ्यू सॉल्टमार्श ने कहा है, “अभी तक सूडान के भीतर और पड़ोसी देशों में पहुँचे विस्थापितों की संख्या दस लाख से कुछ ज़्यादा हो गई है.”

प्रवक्ता ने, युद्धरत पक्षों के दरम्यान, 11 मई को जेद्दाह में सहमति के अनुरूप, आम लोगों की सुरक्षा का सम्मान करने और मानवीय सहायता कर्मियों के मुक्त आवागन की अनुमति दिए जाने की अपील भी जारी की.

समझौते का ‘खुलेआम उल्लंघन’

सूडान की राष्ट्रीय सेना और प्रतिद्वन्द्वी आरएसएफ़ लड़ाकों के दरम्यान हुए उस समझौते के तहत, दोनों पक्ष, युद्ध क्षेत्रों में फँसे आम लोगों को वहाँ से बाहर निकलने देने और मानवीय सहायता कर्मियों को सहायता पहुँचाने के लिए दाख़िल होने की अनुमति पर सहमत हुए हैं.

यूएन शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता ने ज़ोर देकर कहा कि अगर इस समझौते को लागू नहीं किया जाता है तो, आम लोग यूँ ही तकलीफ़ें उठाते रहेंगे.

प्रवक्ता ने साथ ही, यूएन आपदा राहत मामलों के समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स द्वारा, मानवीय सहायता समझौते के “खुलेआम उल्लंघन” की निन्दा को भी दोहराया.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स द्वारा इस निन्दा में कहा गया है, “दुर्भाग्य से, पिछले कुछ दिनों के दौरान हमने जो कुछ देखा है, वो ज़मीन पर लगातार जारी भयावह युद्ध, गोलाबारी है, और ये बहुत अहम है कि जेद्दाह में जो सहमति हुई, वो ज़मीन पर भी लागू हो, ताकि अधिक से अधिक सहायता पहुँचाई जा सके.”

स्वास्थ्य सेवाओं पर हमले जारी

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की प्रवक्ता कार्ला ड्रिस्डेल ने जिनीवा में पत्रकारों से बातचीत में पुष्टि करते हुए कहा कि 15 अप्रैल को युद्ध भड़कने से लेकर ही, स्वास्थ्य सुविधाओं और स्वास्थ्य कर्मचारियों को लगातार हमलों का निशाना बनाया गया है.

प्रवक्ता ने बताया कि 34 हमलों की पुष्टि हुई है जिनमें आठ लोगों की मौत होने और 18 लोगों के घायल होने की भी पुष्टि हुई है.

यूएन शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, इस युद्ध से सूडान के पड़ोसी देश भी लगातार प्रभावित हो रहे हैं, विशेष रूप में दक्षिण सूडान, चाड और मिस्र.

मिस्र, सूडानी शरणार्थियों की सबसे ज़्यादा संख्या की मेज़बानी कर रहा है. लगभग पाँच हज़ार सूडानी शरणार्थी, हर रोज़ मिस्र में दाख़िल हो रहे हैं.

एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि मिस्र की सरकार के आँकड़ों के अनुसार, वहाँ पहुँचने वाले सूडानी शरणार्थियों की संख्या लगभग एक लाख 10 हज़ार हो गई है.