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तुर्कीये-सीरिया भूकम्प के 100 दिन बाद भी, लाखों बच्चे गम्भीर स्थिति में

फ़रवरी में आए भूकम्प (फ़ाइल) के बाद तुर्कीये और सीरिया में बाल श्रम बढ़ने की आशंका है.
© UNICEF
फ़रवरी में आए भूकम्प (फ़ाइल) के बाद तुर्कीये और सीरिया में बाल श्रम बढ़ने की आशंका है.

तुर्कीये-सीरिया भूकम्प के 100 दिन बाद भी, लाखों बच्चे गम्भीर स्थिति में

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने बुधवार को बताया कि तुर्कीये और सीरिया में आए घातक भूकम्प के 100 दिनों के बाद भी, दोनों देशों में 60 लाख से अधिक लड़के और लड़कियाँ, अनगिनत मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी ने कहा कि कुल मिलाकर तुर्कीये में 25 लाख और पड़ोसी देश सीरिया में 37 लाख बच्चों को, लगातार मानवीय सहायता की आवश्यकता है.

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6 फ़रवरी को आए भूकम्प, और उसके बाद आए हज़ारों झटकों के असर से, अनगिनत परिवार संकट में हैं व बच्चे बेघर हो गए हैं. ये बच्चे, पानी, शिक्षा, चिकित्सा देखभाल एवं अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुँच से वंचित हैं.

'जीवन अस्त-व्यस्त'

दोहरी त्रासदी के कुछ ही हफ़्तों बाद दोनों देशो का दौरा कर चुकीं यूनीसेफ़ प्रमुख कैथरीन रसैल ने कहा है, "भूकम्प के बाद, दोनों देशों में बच्चों ने अकल्पनीय हानि एवँ पीड़ा का सामना किया है."

उन्होंने कहा, "भूकम्प का प्रभाव उन क्षेत्रों में हुआ, जहाँ कई परिवार पहले से ही बेहद कमज़ोर स्थिति में थे. अनेक बच्चों ने अपने परिवार एवं प्रियजन खो दिए हैं, और अपने घरों, स्कूलों व समुदायों को तबाह होते देखा है. उनका पूरा जीवन ही अस्त-व्यस्त हो गया है.”

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के अनुसार, प्रभावित क्षेत्रों में, भूकम्प से पहले भी बहुत से परिवार जीने के लिए संघर्ष कर रहे थे.

युवा ज़िन्दगियों को जोखिम

तुर्कीये के प्रभावित क्षेत्रों में, देश भर के लगभग 32 प्रतिशत की तुलना में, लगभग 40 प्रतिशत परिवार, पहले से ही ग़रीबी की रेखा से नीचे रह रहे थे. अनुमानों के अनुसार, यह आँकड़ा 50 प्रतिशत से ऊपर पहुँचने के आसार हैं.

गम्भीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में, कमज़ोर वर्ग के बच्चों को हिंसा, जबरन शादी, जबरन मज़दूरी, और स्कूल छोड़ने जैसे जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है. स्कूल में नामांकित क़रीब 40 लाख बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान पहुँचा है, जिसमें 3 लाख 50 हज़ार से अधिक युवा शरणार्थी और प्रवासी हैं.

यूनीसेफ़ ने चेतावनी दी है कि हालाँकि हाल के वर्षों में तुर्कीये में इन जोखिमों को कम करने की दिशा में प्रगति हुई है, लेकिन भूकम्प के असर से वो प्रगति उलट सकती है.

सीरियाई युद्ध का असर

ध्यान रहे कि सीरिया में 12 साल से युद्ध जारी है, जिसकी वजह से बच्चे पहले से ही संघर्ष की स्थिति में जी रहे हैं. इस युद्ध का असर सभी बुनियादी ढाँचों एवं सार्वजनिक सेवाओं पर पड़ा है, और भूकम्प आने से यह स्थिति और भी बदतर हो गई है.

पानी और सीवेज प्रणाली की गम्भीर क्षति से 65 लाख लोग, हैज़ा समेत अन्य जल-जनित बीमारियों के जोखिम में हैं.

यूनीसेफ़ का अनुमान है कि पाँच वर्ष से कम आयु के 51 हज़ार बच्चों के मध्यम और गम्भीर तीव्र कुपोषण से पीड़ित होने की सम्भावना है.साथ ही, 76 हज़ार गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को, तीव्र कुपोषण के लिए उपचार की आवश्यकता है.

इसके अतिरिक्त, यह अनुमान लगाया गया है कि लगभग 20 लाख बच्चों की शिक्षा बाधित हुई है, और कई स्कूलों को अब भी, शरण स्थलों के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.

शोषण का जोखिम

इनमें से बहुत से लड़के और लड़कियाँ अभी भी अविश्वसनीय कठिन परिस्थितियों में जी रहे हैं. वो, बार-बार आश्रय बदलने की अनिश्चितता के कारण, अत्यधिक तनाव में रहते हैं.

कैथरीन रसैल ने परिवारों को निरन्तर समर्थन की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा, "भोजन और ऊर्जा की बढ़ती क़ीमतों, आपदा के दीर्घकालिक प्रभावों, आजीविका की हानि और सेवाओं तक पहुँच से वंचित लाखों बच्चे, अत्यधिक ग़रीबी में धँस जाने के जोखिम का सामना कर रहे हैं."

"इन बच्चों और परिवारों के लिए, जब तक तत्काल एवं दीर्घकालिक पुनर्निर्माण योजना में, वित्तीय सहायता व आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता नहीं दी जाती, तब तक बच्चों पर शोषण व दुर्व्यवहार का जोखिम बना रहेगा."

बच्चों को प्राथमिकता

यूनीसेफ़ ने बेहतर निर्माण की आवश्यकता पर बल देते हुए, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह "बाल-केन्द्रित प्रारम्भिक पुनर्बहाली" को प्राथमिकता दें.  

एजेंसी ने प्रमुख क्षेत्रों में निवेश जारी रखने का भी आहवान किया, जिसमें परिवारों के लिए वित्तीय सहायता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच और मनो-सामाजिक समर्थन सुनिश्चित करना शामिल है.

इसके अलावा, बीमारियाँ फैलने के जोखिम को कम करने समेत, स्वास्थ्य, पोषण और पानी, साफ़-सफ़ाई एवं स्वच्छता कार्यक्रमों के लिए धन की आवश्यकता निरन्तर बनी हुई है.

यूनीसेफ़ ने, सीरिया में भूकम्प प्रभावित लगभग तीस लाख बच्चों की जीवन रक्षक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, 17 करोड़ 27 लाख डॉलर की अपील की है. अब तक लगभग 7 करोड़ 81 लाख डॉलर प्राप्त हो चुके हैं, लेकिन पोषण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्रों के लिए वित्त पोषण बहुत कम है.

वहीं सीमा के दूसरी ओर, यूनीसेफ़ को अब भी तुर्कीये में बच्चों को आवश्यक सेवाएँ प्रदान करने के लिए, 19 करोड़ 60 लाख डॉलर की अपील में से, 8 करोड़ 50 लाख से ज़्यादा की ज़रूरत है.