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यूक्रेन: ज़रूरतमन्द आबादी तक राहत पहुँचाने के लिए 'सभी विकल्प आज़माने होंगे'

यूक्रेन के चेरनिहीव में एक माँ-बेटी, नए कपड़ों के एक डिब्बे को खोल रही हैं, जिसे मोल्दोवा में यूनीसेफ़ और साझेदार संगठनों ने प्रदान किया है.
© UNICEF/Tapes Ion
यूक्रेन के चेरनिहीव में एक माँ-बेटी, नए कपड़ों के एक डिब्बे को खोल रही हैं, जिसे मोल्दोवा में यूनीसेफ़ और साझेदार संगठनों ने प्रदान किया है.

यूक्रेन: ज़रूरतमन्द आबादी तक राहत पहुँचाने के लिए 'सभी विकल्प आज़माने होंगे'

मानवीय सहायता

मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा है कि यूक्रेन में जारी लड़ाई व गोलाबारी में फँसे आम नागरिकों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है, और वे जहाँ कहीं भी हों, इसे पाने के हक़दार हैं.

उन्होंने मौजूदा हालात के बारे में,सोमवार को सुरक्षा परिषद को अवगत कराते हुए ध्यान दिलाया कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप, राहतकर्मियों को ज़रूरतमन्दों तक पहुँचने के लिए रास्ता मुहैया कराया जाना होगा.

आपात राहत मामलों के प्रमुख ने सचेत किया कि आम नागरिकों तक पहुँचने के लिए सभी विकल्पों को आज़माया जाना अनिवार्य है.  

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मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने ज़ोर देकर कहा कि सभी युद्धरत पक्षों को मानवीय सहायता पहुँचने देने के लिए त्वरित और निर्बाध रास्ता मुहैया कराना होगा.

“मैं सभी पक्षों से इसे सम्भव बनाने के प्रयासों को मज़बूती देने का आग्रह करता हूँ, ताकि हम सभी ज़रूरतमन्द आम नागरिकों तक पहुँच सकें.”

बुनियादी आवश्यकताएँ

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स के अनुसार, रूस के साथ यूक्रेन के पूर्वोत्तर सीमा क्षेत्र और लड़ाई के अग्रिम मोर्चे वाले इलाक़ों में लोग फँसे हुए हैं और भोजन, जल व चिकित्सा देखभाल तक उनकी पहुँच नहीं है.

“पिछले सप्ताह ही, खेरसॉन में रिहायशी इमारतों, एक स्कूल, एक अस्पताल और एक वृद्धजन देखभाल केन्द्र को क्षति पहुँची है, जिससे अब बड़ी संख्या में आम नागरिकों को शरण व स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता है.”

उन्होंने ओडेसा में एक मानवीय राहत भंडारण केन्द्र और माइकोलाइव में यूक्रेनी रैड क्रॉस सचल अस्पताल पर हुए हमले की जानकारी दी, जिसमें मानवीय राहत आपूर्ति व अहम चिकित्सा उपकरणों को क्षति पहुँची है.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स के अनुसार, गोलाबारी में कोई कर्मचारी या स्वैच्छिक कार्यकर्ता घायल नहीं हुआ, मगर इसका ख़तरा लगातार बना हुआ है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि आम नागरिक, या फिर स्कूल, घर, अस्पताल व इमारतें कभी भी निशाना नहीं होनी चाहिएँ. यूएन अवर महासचिव ने एक राजनैतिक समाधान की आवश्यकता और यूक्रेन में शान्ति की अहमियत को रेखांकित किया है.

बताया गया है कि यूक्रेन के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में रूसी नियंत्रण वाले इलाक़ों में हताहत होने वाले आम लोगों की संख्या पिछले कुछ महीनों में अपने सबसे ऊँचे स्तर पर है.

20 हज़ार से अधिक हताहत

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने बताया है कि 24 फ़रवरी 2022 के बाद से अब तक, यूक्रेन में 23 हज़ार 600 से अधिक आम लोग हताहत हो चुके हैं, जबकि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका है.

यूएन अवर महासचिव के अनुसार, यूक्रेन में वर्ष 2023 की पहली तिमाही में लगभग 36 लाख लोगों को मानवीय सहायता मुहैया कराई गई.

विभिन्न एजेंसियों के लगभग 43 काफ़िलों व स्थानीय साझेदार संगठनों के ज़रिए, इस वर्ष अब तक अग्रिम मोर्चे पर रह रहे दो लाख 78 हज़ार लोगों तक पहुँचा गया है.

लेकिन, उन्होंने आगाह किया कि इन प्रयासों का दायरा व स्तर बढ़ाने के लिए और अधिक क़दम उठाए जाने की ज़रूरत है, और दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन व ज़ैपरोझिझिया पहुँचने के रास्ते में आने वाले अवरोधों को दूर करना होगा. ये सभी इलाक़े, फ़िलहाल रूसी महासंघ के सैन्य नियंत्रण में हैं.

मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को यूक्रेन में मानवीय सहायता प्रयासों से अवगत कराया.
UN Photo/Eskinder Debebe

काला सागर पहल के लिए प्रतिबद्धता

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स के अनुसार, ‘काला सागर अनाज निर्यात’ पहल के तहत खाद्य निर्यात, और रूस की ओर से खाद्य व उर्वरक निर्यात के ज़रिे वैश्विक खाद्य सुरक्षा में अहम योगदान दिया गया है.

अब तक, यूक्रेनी बन्दरगाहों से तीन करोड़ मीट्रिक टन सामग्री रवाना की जा चुकी है, जिसमें से 55 प्रतिशत विकासशील देशों तक भेजा गया है, जबकि सबसे कम विकसित देशों का आँकड़ा छह फ़ीसदी है.

इनमें छह लाख मीट्रिक टन गेहूँ भी है, जिसे विश्व खाद्य कार्यक्रम ने अफ़ग़ानिस्तान, इथियोपिया, केनया, सोमालिया, और यमन में मानवीय सहायता अभियानों के लिए रवाना किया है.

उन्होंने सचेत किया कि पिछली गर्मियों में खाद्य क़ीमतों में आए उछाल के बाद, दामों में कमी आई है मगर अब भी बहुत कुछ किया जाना बाक़ी है. पिछले एक महीने के दौरान, यूक्रेन के काला सागर बन्दरगाहों से होकर जाने वाले अनाज निर्यात में बड़ी कमी आई है.

अवर महासचिव ग्रिफ़िथ्स के अनुसार, रूस, यूक्रेन, संयुक्त राष्ट्र और तुर्कीये द्वारा संचालित, संयुक्त समन्वय केन्द्र में चुनौतीपूर्ण स्थिति पनपी है, जिसके कारण अभियान की रफ़्तार सुस्त हुई है.

उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस पहल की अवधि को बढ़ाने और अभियान को कारगर व पूर्वानुमेय ढंग से संचालित करने के लिए बातचीत जारी रखी जाएगी.

साथ ही, रूस से खाद्य वस्तुओं व उर्वरक के निर्यात पर एक सहमति पत्र के लिए भी यूएन ने अपना समर्थन व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि दुनिया की नज़र हम पर है और इसलिए सभी पक्षों को अपना दायित्व निभाना होगा.

‘युद्ध को रोकना होगा’

अवर महासचिव ने सुरक्षा परिषद से कहा कि ना तो यूक्रेन की जनता, और ना ही दुनिया भर में वे करोड़ों लोग इस युद्ध के जारी रहने का जोखिम मोल सकते हैं, जिन्होंने इसकी वजह से आर्थिक उथलपुथल और आपूर्ति श्रृंखला में मुश्किलों का सामना किया है.

उन्होंने सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों और सभी राष्ट्रों से आग्रह किया कि इस संहार और विनाश को रोकने के लिए हरसम्भव प्रयास किए जाने होंगे.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने भरोसा दिलाया है कि संयुक्त राष्ट्र और उसके मानवीय साझीदार संगठन, युद्ध प्रभावितों के जीवन व गरिमा की रक्षा करने और सदैव शान्ति की दिशा में प्रयास करन के लिए मुस्तैद हैं.