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सूडान: आन्तरिक विस्थापन एक सप्ताह में दोगुना, IOM

सूडान से विस्थापित हुए कुछ शरणार्थियों ने चाड में अस्थाई शिविर बनाए हैं.
© WFP/Jacques David
सूडान से विस्थापित हुए कुछ शरणार्थियों ने चाड में अस्थाई शिविर बनाए हैं.

सूडान: आन्तरिक विस्थापन एक सप्ताह में दोगुना, IOM

प्रवासी और शरणार्थी

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने मंगलवार को कहा है कि सूडान में 15 अप्रैल को प्रतिद्वन्द्वी सेनाओं के बीच युद्ध भड़कने के बाद से, देश के भीतर ही विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या, पिछले एक सप्ताह के दौरान दोगुनी हो गई है.

संगठन के प्रवक्ता पॉल डिल्लन ने जिनीवा में प्रैस वार्ता में कहा कि ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, युद्ध के कारण, देश के भीतर विस्थापित (IDPs) होने वाले लोगों की संख्या सात लाख से ज़्यादा हो गई है.

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प्रवक्ता ने बताया कि इन विस्थापितों की संख्या अनेक इलाक़ों में बहुत बढ़ गई है, जिनमें राजधानी भी शामिल है, जहाँ युद्ध अब भी जारी है: “गत मंगलवार को, ये संख्या तीन लाख 40 हजार थी…”

युद्ध भड़कने से पहले, सूडान में देश के भीतर विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या 37 लाख थी.

अनेक दिशाओं में पलायन

इस सवाल के जवाब में कि विस्थापन के शिकार लोग किस दिशा में जा रहे हैं, प्रवक्ता ने कहा कि अभी ये शुरुआती आँकड़ें हैं और इनका विश्लेषण किया जा रहा है. वो लोग अनेक प्रान्तों में दाख़िल हो रहे हैं, जिनमें श्वेत नील और ख़ारतूम क्षेत्र भी शामिल हैं.

ये पलायन और विस्थापन अनेक कारणों से हो रहा है, मसलन जहाँ ये लोग जा रहे हैं, वहाँ युद्ध तो नहीं हो रहा है.

अलबत्ता, लोगों को नक़दी हासिल कर पाना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि नक़दी वितरण बन्द हो गया है, और बैंकिंग प्रणालियाँ, वास्तव में ठप हो गई हैं.

प्रवासन संगठन के अनुसार, ईंधन का बन्दोबस्त करना मुश्किल और महंगा मामला है.

सामान आपूर्ति ठप

आईओएम के प्रवक्ता ने कहा, “संगठन ने देश भर में छह भंडार-गृहों में ग़ैर-खाद्य सामान रखा हुआ है. मगर ये सामान अभी तक ज़रूरमन्द लोगों तक नहीं पहुँचाया जा सका है.”

“युद्ध तत्काल रोका जाना होगा और मानवीय सहायता कर्मियों को अपना काम फिर शुरू करने के लिए अनुकूल हालात बनाने होंगे. स्थिति के बेक़ाबू हो जाने से पहले, ज़रूरतमन्द लोगों तक सहायता पहुँचाई जानी होगी.”

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने राजधानी ख़ारतूम में, गत सप्ताहान्त के दौरान, विश्व खाद्य कार्यक्रम  (WFP) के मुख्य कार्यालयों की लूटपाट की, सोमवार को कड़ी निन्दा की थी.

बड़े पैमाने पर लूटपाट से, अगर सभी नहीं तो, ज़्यादातर यूएन एजेंसियाँ और मानवीय सहायता साझीदार प्रभावित हुए हैं.

देश में राष्ट्रीय सेना और मिलिशिया गुट – RSF के दरम्यान 15 अप्रैल को भड़की ये लड़ाई अब चौथे सप्ताह में प्रवेश कर चुकी है.

सूचना शून्यता

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की संचार अधिकारी इशीता सुमरा ने, रोम स्थित मुख्यालय से कहा, “इस समय, हमारे पास ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, हम ख़ारतूम कार्यालय में हुई लूटपाट के स्तर की पुष्टि करने की स्थिति में भी नहीं हैं”

“मगर हम दोहराते हैं कि एजेंसी के भंडार से भोजन, वाहन, ईंधन और जो सम्पदाएँ लूटी गई हैं, वो सूडान के लोगों के लिए रखी गई थीं. और इस लूटपाट के कारण, सूडान के लोग प्रत्यक्ष प्रभावित होते हैं.“

संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी सूडान में अपनी देखभाल सुविधाओं पर भी हमले और लूटपाट होने की ख़बरें दी हैं.

संगठन के प्रवक्ता तारिक जेसारेविक ने कहा है, “15 अप्रैल के बाद से, संगठन ने स्वास्थ्य ठिकानों पर 28 हमलों की पुष्टि की है, जिनके कारण आठ लोगों की मौत हुई और 18 जन घायल हुए. अन्य ख़बरों की भी पुष्टि की जा रही है.”

संगठन ने ये भी बताया है कि मध्य अप्रैल में ये युद्ध भड़कने के बाद, 604 लोगों की मौत हुई है और पाँच हज़ार से ज़्यादा घायल हुए हैं. अलबत्ता, संयुक्त राष्ट्र ने लगातार कहा है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं ज़्यादा होगी.