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सुरक्षा परिषद में वीटो अधिकार का प्रयोग 'केवल अन्तिम विकल्प हो'

यूएन महासभा हॉल का विहंगम दृश्य.
UN Photo/Manuel Elias
यूएन महासभा हॉल का विहंगम दृश्य.

सुरक्षा परिषद में वीटो अधिकार का प्रयोग 'केवल अन्तिम विकल्प हो'

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के लिए अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य देशों द्वारा वीटो के इस्तेमाल के मुद्दे पर बुलाई गई बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा है कि इस अधिकार को, हमेशा अन्तिम विकल्प के रूप में इस्तेमाल में लाया जाना होगा.

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यूएन महासभा ने एक साल पहले ‘वीटो पहल’ पर एक प्रस्ताव पारित किया था. सदस्य देशों ने बुधवार को एक बैठक में संयुक्त राष्ट्र को और कारगर व दक्ष बनाए जाने के उपायों पर चर्चा की.

इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव में सुरक्षा परिषद के पाँच स्थाई सदस्यों – चीन, फ़्राँस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका - में से किसी एक देश द्वारा अपने वीटो अधिकार का इस्तेमाल किए जाने की स्थिति में, 10 दिनों के भीतर महासभा की बैठक बुलाए जाने की बात कही गई है.

इस प्रस्ताव का उद्देश्य, सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य देशों की, विशेष मतदान शक्ति के लिए जवाबदेही तय करना है, जिसके ज़रिये वे परिषद में किसी भी प्रस्ताव या निर्णय को रोक सकते हैं.  

यह अधिकार, संयुक्त राष्ट्र के स्थापना दस्तावेज़, यूएन चार्टर का हिस्सा है, और वैश्विक संगठन की स्थापना में इन देशों की अहम भूमिका को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह अधिकार दिया गया.

सभी पाँच स्थाई सदस्यों ने इस अधिकार का इस्तेमाल किसी ना किसी समय पर किया है और वर्ष 2000 के बाद से अब तक वीटो अधिकार का 44 बार इस्तेमाल किया जा चुका है.

यूएन महासभा के प्रमुख कसाबा कोरोसी ने अपने सम्बोधन में कहा कि वीटो अधिकार का मुद्दा, पूरे यूएन को प्रभावित करता है.

इन सभागारों में लिए जाने वाले निर्णय, या उनकी कमी, पूरी दुनिया में गूंजती है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वीटो अधिकार को, हमेशा अन्तिम विकल्प के रूप में इस्तेमाल में लाया जाना होगा.

विश्व शान्ति के लिए

उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब वीटो पहल के विषय पर औपचारिक चर्चा आयोजित की गई है. महासभा अध्यक्ष ने सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से कठिन सवाल पूछने और स्थिति को बदल कर रख देने वाले समाधान ढूंढने का आग्रह किया.

कसाबा कोरोसी ने आशा जताई कि सुरक्षा परिषद के सदस्य एकजुट होकर, व्यावहारिक समाधानों के लिए अपने हितों से परे जाकर, और विश्व शान्ति के लिए ज़िम्मेदारी से काम करेंगे.

उन्होंने वीटो अधिकार को विमान में एक ऑक्सीजन मास्क की तरह बताया, जिसका होना अच्छा है लेकिन सर्वोत्तम स्थिति यह है कि उसके इस्तेमाल की कभी नौबत ना आए.

महासभा प्रमुख के अनुसार, वीटो अधिकार पर यह चर्चा बहुपक्षवाद व सहयोग के नए रास्तों को तैयार करने का अवसर है, ताकि संस्थान के भीतर भरोसे का फिर से निर्माण किया जा सके. और उन आठ अरब लोगों के लिए कुछ बेहतर करने का अवसर, जो हम पर निर्भर हैं.