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वैश्विक महामारियों की रोकथाम के लिए, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की नई योजना

भारत के दूर-दराज़ के इलाक़ों में कोविड का टीकाकरण करतीं स्वास्थ्यकर्मी, दीपा.
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भारत के दूर-दराज़ के इलाक़ों में कोविड का टीकाकरण करतीं स्वास्थ्यकर्मी, दीपा.

वैश्विक महामारियों की रोकथाम के लिए, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की नई योजना

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को अपनी एक नई पहल पेश की है, जिसका लक्ष्य, कोविड-19 जैसी घातक महामारियों से निपटने के लिए देशों की क्षमता को मज़बूती प्रदान करना है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के नवीनतम आँकड़ें दर्शाते हैं कि कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों में इस वर्ष बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.

बुधवार को जारी इन दिशानिर्देशों में श्वसन तंत्र सम्बन्धी रोग की वजह बनने वाले विषाणुओं, जैसेकि फ़्लू या विविध प्रकार के कोरोनावायरस के जोखिम से मुक़ाबला करने के उपायों को साझा किया गया है.

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ऐसे विषाणुओं में तेज़ी से अन्य वैरीएंट में बदल जाने की क्षमता होती है.

Preparedness and Resilience for Emerging Threats Initiative’, नामक इस दिशानिर्देश में नवीनतम उपकरण, साझा तौर पर सीखने व सामूहिक कार्रवाई के तौर-तरीक़ों को बताय गया है.

इनमें से कुछ उपायों को कोविड-19 महामारी और अन्य सार्वजनिक आपात स्थिति के दौरान भी अमल में लाया गया.

PRET पहल में किसी एक विशेष विषाणु या बीमारी के बजाय, वैश्विक महामारियों के नज़रिये से एकीकृत उपायों पर बल दिया गया है, जिसके लिए विषाणुओं व उनसे प्रभावित होने वाली प्रणालियों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.

महानिदेशक घेबरेयेसस के अनुसार, कोविड-19 ने दर्शाया कि विश्वव्यापी महामारी केवल एक स्वास्थ्य संकट नहीं है, बल्कि यह अर्थव्यवस्थाओं, शिक्षा, व्यापार, यात्रा, खाद्य आपूर्ति व्यवस्था व अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करती है.

इसके मद्देनज़र, यह योजना विभिन्न सैक्टर के बीच रचनात्मक सहयोग को बढ़ावा देने पर लक्षित है, और नागरिक समाज, धार्मिक समूहों व युवजन के साथ अन्य मानवीय गतिविधियों की हिस्सेदारी पर बल दिया गया है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि जल्द ही, उनके संगठन चौथी रणनीतिक तैयारी एवं जवाबी कार्रवाई योजना पेश की जाएगी.

इसके ज़रिये, अगले दो वर्ष की अवधि में देशों के लिए कोविड-19 के कारण आपात स्थिति में कार्रवाई के चरण के बाद, अब उसक सतत, दीर्घकालिक प्रबन्धन पर जानकारी साझा की जाएगी.

करोड़ों लोगों को देखभाल की दरकार

महानिदेशक घेबरेयेसस ने बताया कि कोविड-19 बीमारी की वजह से होने वाली मौतों में निरन्तर गिरावट दर्ज की गई है, जोकि उत्साहजनक है.

यूएन एजेंसी के अनुसार, इस वर्ष की शुरुआत से अब तक मृतक संख्या में 95 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है. मगर, कुछ देशों में यह बढ़ रही है और पिछले चार सप्ताह में, कोविड-19 की वजह से लगभग 14 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है.

उन्होंने कहा कि हर 10 में से एक संक्रमण मामले में लम्बे समय तक कोविड के लक्षण बने रहने की अवस्था, लॉन्ग कोविड, का पता चला है.

यह दर्शाता है कि आने वाले समय में करोड़ों लोगों को दीर्घकाल तक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता होगी.

उन्होंने कहा कि XBB.1.16 वैरीएंट का उभरना दर्शाता है कि वायरस अपना रूप व प्रकार बदल रहा है और नई संक्रमण लहरों और मौतों की वजह बन रहा है.

यूएन एजेंसी प्रमुख ने आशा जताई कि इस वर्ष किसी समय, कोविड-19 से उपजी अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य स्थिति को समाप्त किया जा सकता है.

लेकिन यह वायरस मौजूद रहेगा और देशों को अन्य संक्रामक बीमारियों की तरह इसके प्रबन्धन के तौर-तरीक़ों को समझना होगा.