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प्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध, युवजन की अगुवाई में मुहिम का नया चरण

टाइट टर्नर कार्यक्रम आयोजन में युवा जलवायु कार्यकर्ताओं की उपलब्धियों का जश्न मनाया गया.
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टाइट टर्नर कार्यक्रम आयोजन में युवा जलवायु कार्यकर्ताओं की उपलब्धियों का जश्न मनाया गया.

प्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध, युवजन की अगुवाई में मुहिम का नया चरण

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूनेप) ने प्लास्टिक संकट से निपटने के लिए, युवाओं की अगुवाई में वैश्विक आन्दोलन, ‘टाइड टर्नर्स’ (Tide Turners) के अगले चरण की शुरुआत की है. इस अभियान के लिए, ब्रिटेन ने अगले तीन साल के लिए 16 लाख पाउण्ड के वित्त पोषण की घोषणा की है.

इस मुहिम के ज़रिये, मौजूदा परिस्थितियों को पूर्ण रूप से बदल देने के लिए युवाओं को साथ लेकर प्रयास किए जाएंगे.

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भारत की राजधानी नई दिल्ली में 20 अप्रैल को आयोजित एक कार्यक्रम में, ‘टाइड टर्नर्स’ कार्यक्रम के युवा पर्यावरण चैम्पियनों की उपलब्धियों को रेखांकित किया गया. साथ ही, दुनिया भर में प्लास्टिक प्रदूषण का मुक़ाबला करने के लिए अगले तीन वर्षों के लिए युवाओं की लामबन्दी करने का रास्ता तैयार किया गया.

वैश्विक स्तर पर, अनुमानित एक करोड़ 90 लाख से दो करोड़ 30 लाख टन प्लास्टिक कचरा प्रतिवर्ष झीलों, नदियों और समुद्रों में फेंक दिया जाता है.

ऐवरेस्ट की चोटी से लेकर महासागरों के तल तक, प्लास्टिक प्रदूषण फैला हुआ है, और मानव स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था व हमारे पर्यावरण को नुक़सान पहुँचाकर, टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति को ख़तरे में डाल रहा है.

प्लास्टिक प्रदूषण संकट को दूर करने के वैश्विक प्रयासों में युवजन की भूमिका को अहम माना गया है.

‘टाइड टर्नर्स प्लास्टिक चैलेंज’ के ज़रिये, यूएन पर्यावरण एजेंसी, स्काउट्स आन्दोलन के विश्व संगठन (WOSM), वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ़ गर्ल गाइड्स एण्ड गर्ल स्काउट्स (WAGGGS), वन्यजीव संगठन WWF इंडिया, और पर्यावरण शिक्षा केन्द्र (CEE), सहित अनेक भागीदारों के साथ मिलकर, युवाओं की क्षमता निर्माण करके प्लास्टिक प्रदूषण के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने एवं इसे एक वैश्विक आन्दोलन का रूप देने के लिए प्रयासरत है. 

दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में, यूनेप की सदभावना दूत, दीया मिर्ज़ा, और यूनेप चैम्पियन ऑफ़ द अर्थ, अफ़रोज शाह समेत, युवा नेताओं, संस्थागत भागीदारों एवं अन्य लोगों ने भाग लिया.

कचरे, प्लास्टिक की सफ़ाई

इस अवसर पर केन्या में गर्ल्स गाइड्स की सदस्य, वायलेट अधियाम्बो ने कहा: "मैंने स्कूलों में लड़कियों को प्लास्टिक री-सायकिल करके उन्हें उपयोगी उत्पादों में बदलने का प्रशिक्षण दिया. अब वे प्लास्टिक से सजावट का सामान बना रहे हैं, और एक पहल के तहत, प्लास्टिक कचरा बेचकर वर्दी ख़रीदने के लिए धन जुटा रहे हैं. हमारी आबादी कितनी ज़्यादा है - अगर हम सभी प्लास्टिक उठाकर साफ़ करते हैं, तो अपने पर्यावरण को आसानी से स्वच्छ बना सकते हैं."

बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय की छात्रा स्नेहा शाही ने, अपने कॉलेज परिसर में स्थित एक नदी से 700 किलोग्राम से अधिक प्लास्टिक कचरे की सफ़ाई की.

उन्होंने बताया: "हम समुद्र तट पर प्लास्टिक इकट्ठा कर रहे हैं लेकिन हमारे पास इस कचरे को अलग करने या री-सायकिल करने का कोई तरीक़ा नहीं है. निकटतम पुनर्चक्रण संयंत्र, 200 किलोमीटर दूर है और यह हमारे लिए बहुत महंगा पड़ता है."

यूनेप में पारिस्थितिकी तंत्र प्रभाग के उपनिदेशक, ब्रूनो पोज़ी कहते हैं, "स्काउट्स और गर्ल गाइड्स सहित समस्त युवाओं की पर्यावरणीय कार्रवाई संचालित करने की शक्ति अभूतपूर्व है."

"टाइड टर्नर्स कार्यक्रम 40 देशों में वैश्विक स्तर पर 588,000 से अधिक युवाओं तक पहुँच चुका है और यूनेप, युवा पर्यावरण नेताओं के साथ अपनी साझेदारी मज़बूत करके, इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए उत्सुक है.”

मुहिम का पाँचवा चरण

‘टाइड टर्नर’ का पाँचवां चरण, युवाओं और नीति निर्माताओं के बीच सम्बन्धों में सामंजस्य बनाने हेतु, युवाओं को पैरोकारी प्रशिक्षण देने पर केन्द्रित होगा.

यह नया चरण, प्लास्टिक प्रदूषण पर अन्तरराष्ट्रीय, क़ानूनी रूप से बाध्यकारी दस्तावेज़ विकसित करने पर लक्षित वार्ता आरम्भ होने से ठीक पहले शुरू किया गया है, जो 29 मई से 2 जून तक पेरिस में आयोजित की जा रही है.

इसके अतिरिक्त, इस वर्ष 5 जून को मनाए जाने वाले 'विश्व पर्यावरण दिवस' पर, प्लास्टिक प्रदूषण के समाधानों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा.

यह दिवस, प्लास्टिक प्रदूषण का अन्त करने के लिए सरकारों, शहरों व व्यवसायों द्वारा निवेश किए जाने और समाधानों को लागू करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है.

इस कार्यक्रम में यूनेप की सदभावना दूत, दीया मिर्ज़ा और अनेक साझेदारों ने भाग लिया.
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