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तुर्कीये: भूकम्प तबाही से लाखों बच्चों पर मंडराता जोखिम, सहायता धनराशि की दरकार

तुर्कीये में भूकम्प से प्रभावित हुए 20 लाख से अधिक बच्चों को समर्थन की आवश्यकता है.
© UNOCHA/Ahmad Abdulnafi
तुर्कीये में भूकम्प से प्रभावित हुए 20 लाख से अधिक बच्चों को समर्थन की आवश्यकता है.

तुर्कीये: भूकम्प तबाही से लाखों बच्चों पर मंडराता जोखिम, सहायता धनराशि की दरकार

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने आगाह किया है कि तुर्कीये और सीरिया के उत्तरी क्षेत्र में फ़रवरी 2023 में आए विनाशकारी भूकम्प के दो महीने बाद, तुर्कीये में लगभग 25 लाख बच्चों को अब भी मानवीय राहत की आवश्यकता है. यूएन एजेंसी के अनुसार,  इन बच्चों को निर्धनता के गर्त में धँसने, बाल श्रम या बाल विवाह का शिकार होने का जोखिम है, जिसकी रोकथाम के लिए उन्हें तत्काल समर्थन मुहैया कराया जाना होगा.

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6 फ़रवरी को आए भीषण भूकम्प से दोनों देशों में लगभग 54 हज़ार लोगों की मौत हो गई, हज़ारों अन्य घायल हुए और बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए हैं, जिनमें एक बड़ी संख्या बच्चों की है.

तुर्कीये में यूएन बाल कोष की प्रतिनिधि रेजिना डी डोमिनिसिस ने गुरूवार को बताया कि भूकम्प के कारण बच्चों के जीवन में भारी उथल-पुथल आई है.

“मानवीय सहायता कार्रवाई त्वरित और ठोस रही है, मगर वास्तविकता यह है कि लाखों बच्चों का तात्कालिक भविष्य अनिश्चित है, और परिवारों के लिए जीवन को फिर से पटरी पर लाने की क्षमता पर गम्भीर असर हुआ है.”

उन्होंने कहा कि बच्चों का संरक्षण सुनिश्चित करने और उनकी आवश्यकता को पूरा करने के लिए अधिक समर्थन प्रदान करना अहम है, और उसे पुनर्बहाली का एक मुख्य हिस्सा बनाना होगा.

यूनीसेफ़ ने तुर्कीये के लिए अतिरिक्त 13 करोड़ 80 लाख डॉलर की अपील की है, ताकि भूकम्प प्रभावित इलाक़ों में बच्चों को समर्थन प्रदान करने का कार्य जारी रखा जा सके.

साथ ही, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से बच्चों की ज़रूरतों को प्राथमिकता दिए जाने की पुकार लगाई गई है, ताकि बाल आवश्यकतों पर केन्द्रित राहत कार्रवाई व पुनर्बहाली प्रयासों को आगे बढ़ाया जा सके.

तुर्कीये सरकार और मानवीय राहत साझेदार संगठन देश में ज़रूरतमन्दों की तात्कालिक आवश्यकताओं और बुनियादी सेवाओं को प्रदान करने में जुटे हैं. मगर, परिवारों को इस आपदा से उबरने और अपने जीवन को फिर से खड़ा करने के लिए दीर्घकालिक समर्थन की भी दरकार होगी.

यूनीसेफ़ ने ज़ोर देकर कहा है कि बच्चों को पुनर्बहाली प्रयासों में प्राथमिकता दी जानी होगी, ताकि वे इस आपदा से आने वाले वर्षों या दशकों तक प्रभावित ना हों.

मानवीय राहत प्रयास

यूनीसेफ़ ने पारिवारिक अलगाव की रोकथाम करने, बिछड़े हुए सदस्यों को फिर से मिलाने के लिए अपने साझीदार संगठनों के साथ मिलकर प्रयास किए हैं.

साथ ही, एक लाख 49 हज़ार बच्चों व देखभालकर्मियों के लिए मनोसामाजिक समर्थन सुनिश्चित किया गया है. बताया गया है कि ये प्रयास जारी रखने होंगे और बाल संरक्षण सेवाओं में किसी भी प्रकार के व्यवधान को रोका जाना अहम है.

यूनीसेफ़ ने तुर्कीये के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर, पोलियो समेत अन्य वैक्सीन का प्रावधान किया है. इस क्रम में, पोलिया के लिए तीन लाख 60 बच्चों और डिप्थीरिया व टिटनैस के लिए दो 83 हज़ार बच्चों के लिए टीकों की व्यवस्था की जाएगी.

इसके अलावा, अतिरिक्त चिकित्सा उपकरण व सामग्री भी प्रदान की गई है.

यूनीसेफ़ ने तीन लाख 90 हज़ार लोगों को स्वच्छता किट, सर्दी के लिए गर्म कपड़े, बिजली से चलने वाले हीटर और कम्बल वितरित किए हैं.

सुरक्षित व स्वच्छ जल की सुलभता अब भी एक बड़ी चिन्ता है और क्षतिग्रस्त जल नैटवर्क की मरम्मत का काम अभी चल रहा है. यूनीसेफ़ ने हज़ारों लोगों के लिए जल का प्रबन्ध किया है और साझीदार संगठनों के साथ मिलकर इसका दायरा बढ़ाया जा रहा है.

दो लड़के काहारनमारास, तुर्कीये में भूकम्प से क्षतिग्रस्त सड़कों से गुज़रते हुए.
© UNICEF/Özgür Ölçer

शिक्षा पर जोखिम

भूकम्प के कारण, स्कूलों में पढ़ रहे लगभग 40 लाख बच्चों की ज़िन्दगी पर असर हुआ है, जिनमें साढ़े तीन लाख शरणार्थी व प्रवासी बच्चे हैं.

भूकम्प प्रभावित इलाक़ों में 15 लाख बच्चों की पढ़ाई फिर से शुरू हो गई है और ढाई लाख बच्चे अपनी शिक्षा, देश के अन्य हिस्सों में जाकर जारी रखेंगे.

मगर, लाखों अन्य बच्चों के लिए शिक्षा की अभी व्यवस्था या पूर्ण सुलभता सम्भव नहीं है, और सबसे अधिक प्रभावित प्रान्तों में औपचारिक रूप से स्कूल अब भी खुल नहीं पाए हैं.

यूनीसेफ़ ने एक हज़ार 170 से अधिक स्कूलों को वित्तीय समर्थन प्रदान किया है, जिससे तीन लाख बच्चे लाभान्वित होंगे.

इसके अलावा, यूनीसेफ़ ने बच्चों, किशोरों और परिवारों के लिए समर्थन सुनिश्चित करने के इरादे से 10 प्रान्तों में मनोसामाजिक समर्थन, बीच में छूटी पढ़ाई को पूरा करने, घर पर पढ़ाई के लिए समर्थन व संरक्षण सेवाओं के लिए 37 हब स्थापित किए हैं.

इनके ज़रिए, अब तक 26 हज़ार बच्चों व देखभालकर्मियों तक पहुँच बनाई जा सकी है.

साथ ही, स्कूलों में एक हज़ार परामर्शदाताओं और शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे मनोसामाजिक समर्थन के नज़रिए से ज़रूरतमन्द बच्चों की पहचान कर पाएँ.