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यूएन जल सम्मेलन के समापन पर महत्वाकाँक्षी कार्रवाई एजेंडा पारित

चाड के एक स्कूल में एक लड़की पानी पी रही है.
© UNICEF/Frank Dejongh
चाड के एक स्कूल में एक लड़की पानी पी रही है.

यूएन जल सम्मेलन के समापन पर महत्वाकाँक्षी कार्रवाई एजेंडा पारित

एसडीजी

एक महत्वपूर्ण ‘जल कार्रवाई एजेंडा’ को पारित किए जाने के साथ  संयुक्त राष्ट्र 2023 जल सम्मेलन का शुक्रवार को समापन हो गया. इस एजेंडा में मानवता के सबसे मूल्यवान संसाधन की सुरक्षा के लिए लगभग 700 संकल्प लिए गए हैं, और सदस्य देशों समेत अन्य हितधारकों ने सर्वजन के लिए सुरक्षित, सतत औऱ स्मार्ट जल प्रबन्धन, स्वच्छता व साफ़-सफ़ाई व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की प्रतिबद्धताएँ व्यक्त की है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि तीन-दिवसीय इस सम्मेलन के दौरान दो हज़ार से अधिक प्रतिभागियों ने एक महत्वाकाँक्षी दूरदृष्टि प्रस्तुत की है.

“कार्रवाई व रूपारन्तरकारी बदलावों के प्रति आपका समर्पण, हमें आमजन व पृथ्वी, दोनों के लिए एक टिकाऊ, न्यायसंगत और समावेशी, जल-सुरक्षित भविष्य की ओर आगे बढ़ा रहा है.”

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“इस सम्मेलन ने एक अहम सच्चाई प्रदर्शित की है. मानवता की सबसे मूल्यवान, वैश्विक साझा भलाई की वस्तु के रूप में, जल हम सभी को एक साथ जोड़ता है, यह अनेक वैश्विक चुनौतियों से होकर गुज़रता है.”

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि “जल, स्वास्थ्य, साफ़-सफ़ाई, स्वच्छता और बीमारी-रोकथाम से जुड़ा है. जल, शान्ति से जुड़ा है. जल, टिकाऊ विकास, निर्धनता से लड़ाई, खाद्य प्रणालियों के लिए समर्थन, रोज़गार सृजन व समृद्धि से जुड़ा है.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जल, मानवाधिकारों और लैंगिक समानता से भी जुड़ा है और इसलिए इसे, वैश्विक राजनैतिक एजेंडा के केन्द्र में रखे जाने की ज़रूरत है.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी के अनुसार, भविष्य के लिए मानवता की उम्मीद, एक ऐसे विज्ञान-आधारित रास्ते पर बढ़ने की है जिससे जल कार्रवाई एजेंडा को सजीव किया जा सके.

इस क्रम में, यूएन प्रमुख ने खाद्य उत्पादन व कृषि में जल के सतत ढंग से इस्तेमाल के लिए, वैकल्पिक खाद्य प्रणालियों को विकसित करने पर भी बल दिया है.

साथ ही, एक नई वैश्विक जल सूचना व्यवस्था को भी विकसित व लागू किया जाना होगा, ताकि वर्ष 2030 तक के लिए योजनाओं व प्राथमिकताओं को दिशा मिल सके.

उन्होंने कहा कि सितम्बर 2023 में टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर होने वाली बैठक से पहले, जल के मुद्दे पर एक विशेष दूत की नियुक्ति पर भी विचार किया जा रहा है.

एक महत्वपूर्ण शुरुआत

न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में यह सम्मेलन 22 से 24 मार्च तक आयोजित किया गया, जिसमें दो हज़ार से अधिक सरकारी प्रतिनिधियों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, नागरिक समाज समूहों, आदिवासी समुदायों, निजी सैक्टर के सदस्यों और युवा प्रतनिधियों ने विविध परिप्रेक्ष्यों को साझा किया.

संयुक्त राष्ट्र में आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के अवर महासचिव, ली जुनहुआ ने शुक्रवार को बताया कि जल कार्रवाई एजेंडा में विविध क्षेत्रों में लगभग 700 संकल्प लिए गए हैं, जिनमें क्षमता निर्माण, निगरानी व्यवस्था, और बुनियादी ढाँचों को सुदृढ़ बनाए जाने समेत अन्य उपाय हैं.

“यह अभी एक शुरुआत है. जल कार्रवाई एजेंडा के लिए ऑनलाइन प्लैटफ़ॉर्म अभी अन्य सुझावों के लिए खुला रहेगा, और सम्मेलन की वैबसाइट पर सभी के देखने के लिए उपलब्ध है.”

दूसरा अहम नतीजा, इस सम्मेलन की प्रक्रिया का एक साराँश होगा, जिसे यूएन महासभा अध्यक्ष ने तैयार किया है, और इसमें सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत किए गए विचारों, सिफ़ारिशों और समाधानों को एक साथ जुटाया गया है.

पाकिस्तान में एक छह-वर्षीय लड़की एक सामुदायिक हैंडपम्प से पानी पी रही है.
© UNICEF

इतिहास का एक पन्ना

यूएन महासभा के 77वें सत्र के लिए अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने अपने सम्बोधन में कहा कि रूपान्तरकारी जल कार्रवाई एजेंडा के लिए 300 अरब डॉलर के संकल्प लिए गए हैं, जिनमें एक हज़ार अरब डॉलर मूल्य की सामाजिक-आर्थिक व पारिस्थितिकी प्रगति सुनिश्चित करने की सम्भावना निहित है.

“इस सम्मेलन का नतीजा, क़ानूनी रूप से बाध्यकारी एक दस्तावेज़ नहीं है, लेकिन यह फिर भी इतिहास के पन्ने को पलटता है.”

“आपने फिर से सर्वजन के लिए जल व साफ़-सफ़ाई के मानवाधिकार को लागू करने के वादे को पुष्ट किया है.” इसका अर्थ होगा, उन लाखों-करोड़ों तक पहुँचना, जिन्हें इस सम्मेलन की जानकारी भी नहीं है.

“जिन रूपान्तरकारी बदलावों पर चर्चा हुई, उन्हें साकार करने के लिए आगे बढ़ते हुए, हम अपने आँख और कान वैज्ञानिक तथ्यों के लिए खुले रखेगें.”

यूएन महासभा प्रमुख ने कहा कि नागरिक समाज और निजी सैक्टर, कायापलट करने वाले इन बदलावों के केन्द्र में हैं, और उनके पास सफलता की कुंजी है.

इस क्रम में, उन्होंने समावेशी साझेदारियों और समाधानों पर बल दिया है.

मेडागास्कर में साफ़ पेयजल के लिये एक दिन में 14 किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता है.
© UNICEF/Safidy Andrianantenain

‘हमारा साझा भविष्य’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि जल के बिना, टिकाऊ विकास सम्भव नहीं है.

“इस ऐतिहासिक सम्मेलन से वापसी के समय, आइए, हम साझा भविष्य के लिए फिर से संकल्प दर्शाएं. आइए, सर्वजन के लिए जल-सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी यात्रा में हम अगले क़दम उठाएं.”

महासचिव ने जल को एक बुनियादी मानवाधिकार के रूप में मज़बूती प्रदान करने की भी बात कही है.

उन्होंने कहा कि जल-विज्ञान प्रणालियों पर दबाव में कमी लानी होगी और बढ़िया निर्णय-निर्धारण व स्मार्ट नीतियों को सुनिश्चित किया जाना होगा.

एंतोनियो गुटेरेश ने जल, पारिस्थितिकी तंत्रों व जलवायु के लिए उपायों को एकीकृत किए जाने पर बल दिया है, ताकि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती लाई जा सके, सुदृढ़ बुनियादी ढाँचे, जल पाइपलाइन व अपशिष्ट शोधन की व्यवस्था हो, और वर्ष 2027 तक हर व्यक्ति को प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा के लिए समय पूर्व चेतावनी प्रणाली के दायरे में लाया जा सके.

उन्होंने कहा कि टिकाऊ विकास एजेंडा के छठे लक्ष्य में तय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ज़रूरतमन्द देशों के लिए संसाधनों व निवेश की आवश्यकता को पूरा किया जाना होगा.