यूक्रेन: मानवाधिकारों का व्यापक स्तर पर गम्भीर उल्लंघन जारी, OHCHR की नई रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने अपनी नई रिपोर्ट में सचेत किया है कि वर्ष 2022 में, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से मानवाधिकार क़ानूनों का गम्भीर हनन हुआ है और मौजूदा हालात बेहद चिन्ताजनक हैं. शुक्रवार को जारी की गई इस रिपोर्ट में इस वर्ष जनवरी महीने के अन्त तक, छह महीने की अवधि तक का आकलन किया गया है.
In her statement to the reports launch, @UNHumanRightsUA Head Matilda Bogner told about horrendous human cost, violence & ill-treatment of POWs in the context of the armed attack by the Russia against Ukraine. https://t.co/BfCLQ23sye
UN_Ukraine
रिपोर्ट के अनुसार, अन्तरराष्ट्रीय सशस्त्र टकराव के कारण, मानवाधिकारों का व्यापक उल्लंघन हुआ है, जिनसे आमजन और युद्धकों, दोनों प्रभावित हुए हैं.
यूएन कार्यालय ने बताया कि जबरन गुमशुदगी, यातना दिए जाने, मनमाने ढंग से की गई हत्याओं, दुर्व्यवहार, हिंसक संघर्ष-सम्बन्धी यौन हिंसा और आम लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने के बड़ी संख्या में मामले सामने आए हैं.
इस अवधि में, कुल पाँच हज़ार 987 नागरिकों के हताहत होने की पुष्टि हुई है – एक हज़ार 605 लोग मारे गए और चार हज़ार 382 घायल हुए हैं.
मगर हताहतों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आंशका जताई गई है.
बताया गया है कि विस्फोटक हथियारों से किए गए हमलों से बड़ी संख्या में नागरिक हताहत हुए हैं, जिनका बड़े इलाक़े पर असर होता है.
रिपोर्ट दर्शाती है कि स्थानीय नागरिकों को युद्ध की एक बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ी है, शत्रुतापूर्ण कृत्यों में व्यक्तियों के समूहों को मार दिया गया, और अक्सर एक ही परिवार के अनेक सदस्यों ने एक साथ अपनी जान गँवाई है.
बुनियादी ढाँचे की क्षति
अक्टूबर 2022 के बाद से, रूसी सैन्य बलों ने यूक्रेन में ऊर्जा-सम्बन्धी बुनियादी ढाँचे पर सिलसिलेवार हमले किए, जिनमें कम से कम 116 नागरिक मारे गए हैं और क़रीब 379 घायल हुए हैं.
इस क्षति और ऊर्जा आपूर्ति में आए व्यवधान से, लाखों लोगों को गम्भीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा और कठोर सर्दी में बिना बिजली और तापन व्यवस्था के रहने के लिए मजबूर होना पड़ा.
इस दौरान, 107 चिकित्सा केन्द्रों और 179 शैक्षणिक इमारतों को नुक़सान पहुँचा और रिहायशी इलाक़े भी बर्बाद हो गए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, इन हालात में विकलांगजन के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार, शिक्षा, आवास, सामाजिक समर्थन और सेवाओं के अधिकार, और धर्म व आस्था की स्वतंत्रता का भी उल्लंघन हुआ है.
बिना सुनवाई के हत्याएँ
इस अवधि में, रूसी सैन्य बलों द्वारा आम नागरिकों पर हमलों और बिना सुनवाई के हत्या किए जाने के मामलों में लगभग 21 नागरिक मारे गए.
रूस के क़ब्ज़े वाले यूक्रेनी इलाक़ों में नागरिकों के जबरन लापता होने और मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने के 214 मामले सामने आए हैं जिनमें 185 पुरुष, 24 महिलाएँ और 5 लड़के हैं.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने रूसी सैन्य बलों द्वारा बच्चों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखने, उनके जबरन लापता होने, बच्चों को यातना दिए जाने या उनके साथ बुरा बर्ताव किए जाने के मामलों पर गम्भीर चिन्ता जताई है.
रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में 14 से 17 वर्ष की उम्र के पाँच लड़कों के जबरन लापता होने की पुष्टि की गई है. ये बच्चे यातना या बुरा बर्ताव किए जाने का शिकार हुए और एक मामले में, पीड़ित को देश निकाला देकर बेलारूस भेज दिया गया.

यौन हिंसा
फरवरी 2022 से इस वर्ष 31 जनवरी तक, मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने रूस के क़ब्जे वाले क्षेत्र में संघर्ष से सम्बन्धित यौन हिंसा के 133 मामलों में जानकारी जुटाई. पीड़ितों में 85 पुरुष, 45 महिलाएँ, और 3 लड़कियाँ हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि रूसी सैन्य बलों और अन्य कर्मचारियों को 109 मामलों के लिए ज़िम्मेदार पाया गया है.
कुछ समुदायों में महिलाओं के साथ बलात्कार किए जाने और यौन व लिंग आधारित हिंसा के भी अनेक मामले दर्ज किए हैं. ये मामले उन क्षेत्रों में सामने आए हैं, जहाँ रूसी सैन्य बल तैनात थे.
यूक्रेन के नियंत्रण वाले इलाक़ों में हनन
यूक्रेन में सरकारी सुरक्षा बलों के नियंत्रण वाले इलाक़ों में भी जबरन गुमशुदगी और मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने के 91 मामलों में जानकारी एकत्र की गई है, जिन्हें यूक्रेनी सुरक्षा बलों और क़ानूनी एजेंसियों ने अंजाम दिया.
अधिकाँश मामलों में, पीड़ितों को रूसी सैन्य बलों की किसी रूप में मदद किए जाने के आरोप में हिरासत में लिया गया. यूएन कार्यालय के अनुसार, 88 रूसी नाविकों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने की जानकारी मिली है.
इन नाविकों ने पिछले वर्ष, रूसी सैन्य बलों के आक्रमण से पहले यूक्रेन में प्रवेश किया था, मगर फिर उसके बाद, उन्हें ओडेसा क्षेत्र में जहाज़ से उतरने की अनुमति नहीं दी गई.
पिछले वर्ष 24 फ़रवरी के बाद से अब तक, यूएन कार्यालय ने यूक्रेन सरकार के नियंत्रण वाले इलाक़ों में संघर्ष-सम्बन्धी यौन हिंसा के 24 मामले दर्ज किए हैं. ये सभी मामले पिछले वर्ष मार्च और जुलाई के बीच घटित हुए.