
वैश्विक जल संकट के प्रति जागरूकता प्रसार के लिए, मैराथन दौड़ के ज़रिए मुहिम
‘संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन’ बुधवार, 22 मार्च को आरम्भ हुआ है, और इसी सुबह, मैराथन धावक मीना गुली ने 200 मैराथन दौड़ने की अपनी मुहिम पूरी की है. पिछले एक वर्ष से जारी इस मुहिम का उद्देश्य वैश्विक जल संकट के प्रति जागरूकता का प्रसार करना है. उन्होंने अपना अन्तिम चरण यूएन मुख्यालय में पूरा किया, जोकि इस ऐतिहासिक सम्मेलन का आयोजन स्थल भी है.
अनेक धावकों के लिए मैराथन में हिस्सा लेना एक ऐसी चुनौती है, जोकि जीवन में कभी-कभार ही आती है, और यदि वे इसके लिए बहुत उत्साहित हों, तो यह हर वर्ष उनकी सहनशक्ति का वार्षिक परीक्षण भी बन जाता है.
मगर, मीना गुली कुछ अलग हैं. वह पिछले एक वर्ष से दुनिया भर में, हर सप्ताह चार मैराथन दौड़ पूरी कर रही हैं, यानि एक बार में 26.2 मील की दूरी.
वह अब तक 200 लम्बी दूरी की ऐसी दौड़ पूरी कर चुकी हैं और उन्होंने अपनी “Run Blue” मुहिम के ज़रिए वैश्विक जल संकट के प्रति जागरूकता का प्रसार किया है.
इस मुहिम का उद्देश्य, उन अनेक चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित करना है, जिन पर यूएन जल सम्मेलन के दौरान चर्चा होगी. वर्ष 1977 में अर्जेन्टीना में पहली शिखर बैठक के बाद इस विषय पर केवल दूसरी बार यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है.
पहले सम्मेलन के 46 वर्ष बीत चुके हैं, मगर अब भी हर वर्ष आठ लाख लोगों की मौत, ऐसी बीमारियों से हो जाती है, जिनकी वजह असुरक्षित जल, अपर्याप्त साफ़-सफ़ाई व्यवस्था और स्वच्छता बरतने के ख़राब तौर-तरीक़े हैं.

विश्व भर में क़रीब चार अरब लोगों को साल में कम से कम एक बार गम्भीर जल क़िल्लत का सामना करना पड़ता है.
मीना गुली ने मंगलवार को, सम्मेलन के उदघाटन सत्र से पहले, इस मुहिम की अपनी अन्तिम मैराथन में न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में समापन रेखा को पूरा किया.
उन्होंने यूएन अधिकारियों को एक ध्वज भी सौंपा जिस पर टिकाऊ विकास का छठा लक्ष्य अंकित है, जिसमें सर्वजन के लिए स्वच्छ व सुरक्षित जल आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही, इस ध्वज पर उन लोगों के हस्ताक्षर भी हैं, जिनसे मीना गुली ने अपनी मुहिम के दौरान मुलाक़ात की.
मीना गुली ने बताया कि, “मैं साल में 200 मैराथन दौड़ रही हूँ, चूँकि दुनिया ने बद से बदतर होते जा रहे जल संकट पर आँखें मून्द ली हैं. मैं इतनी लम्बी दूरियों तक दौड़ती हूँ, चूँकि यह पूरी तरह बेहूदा है कि अरबों लोगों की अब भी सुरक्षित जल और साफ़-सफ़ाई तक पहुँच नहीं है.”
मीना के अनुसार वह यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि जल और ताज़ा जल पारिस्थितिकी तंत्रों को खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु अनुकूलन और सतत विकास पर वैश्विक चर्चा के केन्द्र में जगह मिले, और वास्तविक कार्रवाई के लिए प्रेरणा भी.

मीना गुली ऑस्ट्रेलिया की महिला व्यवसाई हैं और Thirst Foundation नामक एक ग़ैर-लाभकारी संगठन की संस्थापक हैं, जोकि जल पर कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय है.
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के अलावा अनेक अन्य वैश्विक मंचों से अपनी बात सामने रखी है.
उन्होंने कहा कि इन मैराथन में दौड़ना मुश्किल है, मगर असम्भव नहीं है. वैसे ही जैसे, वैश्विक जल संकट को हल करने के लिए सरकारों व कम्पनियों को क़दम उठाने की आवश्यकता है.
मीना गुली के अनुसार, यूएन जल सम्मेलन एक ऐसा अभूतपूर्व अवसर है, जिसके ज़रिए विश्व में जल, और उसे प्रदान करने वाली नदियों, झीलों, आर्द्रभूमि के साथ बर्ताव में रूपान्तरकारी बदलाव लाए जा सकते हैं.

जागरूकता मुहिम और यूएन जल सम्मेलन
- यूएन जल सम्मेलन में सरकार प्रमुख और राष्ट्राध्यक्ष, मंत्री, और विभिन्न क्षेत्रों से हितधारक शिरकत करेंगे और उनका प्रयास अन्तरराष्ट्रीय लक्ष्यों पर सहमति बनाना होगा. इनमें टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा के तहत छठा एसडीजी लक्ष्य भी है, जोकि सर्वजन के लिए सुरक्षित जल, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता सुनिश्चित करने पर केन्द्रित है
- इस सम्मेलन के समापन पर एक जल कार्रवाई एजेंडा को आकार दिए जाने की सम्भावना है, जिसमें जल-सम्बन्धी सभी स्वैच्छिक संकल्प जुटाए जाएंगे और उनकी प्रगति की समीक्षा होगी. इस एजेंडा में सभी सदस्य देशों, हितधारकों और निजी क्षेत्र से जल चुनौतियों पर पार पाने के लिए तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया गया है
- मीना गुली ने मार्च 2022 में अपनी मुहिम शुरू की और फिर मैराथन दौड़ें ओशनिया, एशिया, अफ़्रीका, योरोप और अमेरिकी क्षेत्र के विभिन्न देशों में पूरी की है
- मिस्र में पिछले वर्ष यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप27) में भी हिस्सा लिया और जलवायु कार्रवाई में जल व ताज़ा पानी के पारिस्थितिकी तंत्रों की अहमियत को रेखांकित किया. मीना गुली बुधवार, 22 मार्च को, एसडीजी मीडिया ज़ोन में आयोजित होन वाले ‘Running the world blue’ नामक एक सत्र को सम्बोधित करेंगी.