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10 अफ़्रीकी देशों में, 19 करोड़ बच्चों पर जल-सम्बन्धी संकटों का जोखिम  

ज़ाम्बिया के पेम्बा ज़िले के एक प्राथमिक स्कूल में हाथ धोने के लिए बनाए गए स्थान पर बच्चे, अपने हाथ धो रहे हैं.
© UNICEF/Karin Schermbrucke
ज़ाम्बिया के पेम्बा ज़िले के एक प्राथमिक स्कूल में हाथ धोने के लिए बनाए गए स्थान पर बच्चे, अपने हाथ धो रहे हैं.

10 अफ़्रीकी देशों में, 19 करोड़ बच्चों पर जल-सम्बन्धी संकटों का जोखिम  

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) का एक नया विश्लेषण दर्शाता है कि अफ़्रीका में स्थित 10 देशों में क़रीब 19 करोड़ बच्चे, आपस में गुँथे हुए तीन जल-सम्बन्धी विशाल जोखिमों का सामना कर रहे हैं: अपर्याप्त जल, साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता; सम्बन्धित बीमारियाँ; और जलवायु संकट.

यह विश्लेषण सोमवार को, ऐतिहासिक यूएन जल सम्मेलन से ठीक पहले जारी किया गया है, जोकि 22 से 24 मार्च तक यूएन मुख्यालय में आयोजित होगा.

अध्ययन में घर-परिवारों की जल, साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता (WASH) सेवाओं तक सुलभता, इनकी क़िल्लत की वजह से पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मौतों का आकलन किया है.

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हर दिन, इन सेवाओं की कमी की वजह से होने वाली बीमारियों के कारण लगभग चार हज़ार लोगों की मौत होती है. पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए यह संख्या एक हज़ार है.

साथ ही, जलवायु व पर्यावरणीय जोखिमों के चपेट में आने का विश्लेषण किया गया है. रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि बच्चों के लिए सबसे बड़े ख़तरे कहाँ हैं और अनावश्यक मौतों को टालने के लिए समाधानों में निवेश कहाँ किया जा सकता है.

यूनीसेफ़ में कार्यक्रम निदेशक संजय विजेसेकरा ने बताया कि, “अफ़्रीका एक जल विनाश का सामना कर रहा है. जलवायु और जल-सम्बन्धी झटके दुनिया भर में बढ़ रहे हैं, मगर विश्व में और किसी भी स्थान पर, बच्चों के लिए जोखिमों में इतनी गम्भीर वृद्धि नहीं होती है.”

“तबाही लाने वाले तूफ़ान, बाढ़ और ऐतिहासिक सूखा, पहले से सुविधा केन्द्रों और घरों को बर्बाद कर रहे हैं, जल संसाधनों को दूषित कर रहे हैं, भूख संकट पैदा कर रहे हैं और बीमारियाँ फैला रहे हैं.”

“मौजूदा हालात जितने चुनौतीपूर्ण अभी हैं वो तो हैं ही, मगर तत्काल कार्रवाई के अभाव में, भविष्य और भी निराशाजनक हो सकता है.”

सशस्त्र टकराव के कारण गहराते संकट

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने जिन तिहरे ख़तरों का उल्लेख किया है, उनके कारण बेनिन, बुर्कीना फ़ासो, कैमरून, चाड, आइवरी कोस्ट, गिनी, माली, निजेर, नाइजीरिया और सोमालिया में हालात सबसे अधिक ख़राब हैं.

इस पृष्ठभूमि में पश्चिमी और मध्य अफ़्रीका, विश्व के सर्वाधिक जल-असुरक्षित और जलवायु-प्रभावित क्षेत्रों में हैं.

विश्लेषण के अनुसार, सर्वाधिक प्रभावित अनेक देशों को अस्थिरता और सशस्त्र टकराव से भी जूझना पड़ रहा है, जिसके कारण बच्चों के लिए स्वच्छ जल व साफ़-सफ़ाई की सुलभता प्रभावित हुई है.

सर्वाधिक प्रभावित 10 देशों में, क़रीब एक-तिहाई बच्चों के पास घरों में बुनियादी जल की सुलभता नहीं है, और दो-तिहाई की बुनियादी साफ़-सफ़ाई सेवाओं तक पहुँच नहीं है.

एक-चौथाई बच्चों को खुले स्थानों में शौच के लिए जाने पर मजबूर होना पड़ता है, हाथों की स्वच्छता भी सीमित है, और तीन-चौथाई बच्चे अपने घरों में, पानी और साबुन के अभाव के कारण, अपने हाथ धो पाने में असमर्थ हैं.

इसके परिणामस्वरूप, इन देशों में जल, साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता सेवाओं की क़िल्लत की वजह से होने वाली दस्त जैसी बीमारियों और मौतों का बोझ भी उठाना पड़ता है.

उदाहरण के तौर पर, इन 10 में से छह देशों ने पिछले वर्ष हैज़ा के प्रकोप का सामना किया है. विश्व भर में, पाँच वर्ष से कम आयु के एक हज़ार से अधिक बच्चों की, WASH सम्बन्धी बीमारियों के कारण मौत हो जाती है. इनमें हर पाँच में से दो मौतें इन्हीं 10 देशों में होती हैं.

जलवायु ख़तरों के प्रति संवेदनशील

ये देश, जलवायु व पर्यावरणीय ख़तरों के नज़रिए से उच्चतम जोखिमों का सामना कर रहे शीर्ष 25 फ़ीसदी देशों में भी हैं.

पश्चिम और मध्य अफ़्रीका के कुछ हिस्सों का तापमान वैश्विक औसत की तुलना में, 1.5 गुना तेज़ी से बढ़ रहा है, और इन परिस्थितियों में विषाणुओं की संख्या में भी वृद्धि होती है.

भूगर्भ जल के स्तर में गिरावट आई है, जिसके कारण कुछ समुदायों को दोगुनी गहराई तक जाकर कुँए खोदने पड़ रहे हैं. जबकि वर्षा अनियत समय पर और गहन होती है, जिससे बाढ़ आती है और जल आपूर्ति दूषण का शिकार होती है.

कुछ देशों में हिंसक टकराव से उफजे दबाव के कारण सुरक्षित जल व साफ़-सफ़ाई सेवाओं की दिशा में हुई प्रगति पर जोखिम मंडरा रहा है.

उदाहरणस्वरूप, बुर्कीना फ़ासो में समुदायों को विस्थापित करने के मक़सद से जल केन्द्रों पर हमले बढ़े हैं. वर्ष 2022 में 58 जल केन्द्रों पर हमले हुए और आठ लाख 30 हज़ार से अधिक लोगों की सुरक्षित पेयजल तक अब पहुँच नहीं है, जिनमें आधे से अधिक बच्चे हैं.

सभी के लिए सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है.
© WHO/Rob Holden

यूएन जल सम्मेलन में यूनीसेफ़

22-24 मार्च तक आयोजित होने वाले यूएन जल सम्मेलन में विश्व नेता, संगठन और अन्य प्रतिभागी मिलकर, पिछले 46 वर्षों में पहली बार, सर्वजन के लिए जल व साफ़-सफ़ाई सेवाओं को सुलभ बनाने में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने सम्मेलन के अवसर निम्न कार्रवाई उपायों की ओर ध्यान आकृष्ट किया है:

- WASH सैक्टर में त्वरित गति से निवेश का दायरा व स्तर बढ़ाया जाना होगा

- WASH सैक्टर और समुदायों में जलवायु सहन-क्षमता को मज़बूत करना होगा

- WASH कार्यक्रमों व नीतियों में सर्वाधिक निर्बलों को प्राथमिकता दी जानी होगी

- कारगर व जवाबदेह व्यवस्थाओं, और जल व साफ़-सफ़ाई सेवाएँ प्रदान करने के लिए समन्वय व क्षमताओं का विस्तार करना होगा

- यूएन वॉटर-एसडीजी 6 (टिकाऊ विकास लक्ष्य) वैश्विक फ़्रेमवर्क को लागू किया जाना होगा और कार्रवाई में तेज़ी लाने के लिए अहम क्षेत्रों में निवेश बढ़ाया जाना होगा