कोविड-19: चीन से पारदर्शी ढंग से डेटा साझा किए जाने का आग्रह

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने चीन से फिर आग्रह किया है कि कोविड-19 बीमारी के स्रोत का पता लगाने के लिए, सम्बन्धित डेटा को पारदर्शी ढंग से साझा किए जाने की ज़रूरत है.
यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने शुक्रवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि वैश्विक महामारी के दौरान, किसी अन्य समय की अपेक्षा, दुनिया अब कहीं बेहतर स्थिति में है.
वैश्विक महामारी अब अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर गई है. यह पहली बार है जब पिछले चार सप्ताहों में मृतक संख्या, वैश्विक महामारी की घोषणा किए जाने के बाद दर्ज की गई संख्या से कम रही है.
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WHO
“मुझे भरोसा है कि इस वर्ष हम यह कह सकेंगे कि कोविड-19 का, अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति के तौर पर अन्त हो गया है.”
यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि वैश्विक महामारी का अन्त होने के प्रति हम आशान्वित हो रहे हैं, लेकिन यह बीमारी किस तरह शुरू हुई, इसका जवाब अभी नहीं मिल पाया है.
पिछले रविवार, बीमारी नियंत्रण व रोकथाम के लिए चीनी केन्द्र ने वैश्विक वायरस डेटाबेस, GISAID, में डेटा उपलब्ध कराया था, जोकि जनवरी 2022 में हुआनन बाज़ार से एकत्र किए नमूनों पर आधारित है.
समुद्री भोजन का यह बाज़ार, वूहान शहर में स्थित है जहाँ कोविड-19 बीमारी की वजह बनने वाले SARS-CoV-2 वायरस पहली बार उभरा था.
अनेक देशों के वैज्ञानिकों ने इस डेटा का विश्लेषण किया है, मगर फिर इसे बाद में हटा दिया गया.
बताया गया है कि ऐसे आणविक तथ्य मिले हैं, जिनके अनुसार बाज़ार में ऐसे जानवरों की बिक्री की जाती थी, जिनमें से कुछ, SARS-CoV-2 संक्रमण की दृष्टि से संवेदनशील थे.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि उनके संगठन ने चीनी केन्द्र से सम्पर्क साधकर, उनसे डेटा को अन्तरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय के साथ साझा किए जाने का आग्रह किया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नॉवल वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए गठित वैज्ञानिक सलाहकार समूह की मंगलवार को बैठक बुलाई थी, जिसमें चीन के शोधकर्ताओं और अन्तरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों से अपना विश्लेषण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने बताया कि इन डेटा से वैश्विक महामारी के शुरू होने के प्रश्न पर कोई निश्चित जवाब नहीं मिला है, लेकिन हर प्रकार का डेटा अहम है, जो हमें उस उत्तर के पास ले जा सकता है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कोविड-19 के स्रोत का पता लगाने के लिए अध्ययन किए जा रहे हर डेटा को अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ तत्काल साझा किया जाना होगा.
यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने कहा कि इन डेटा को तीन वर्ष पहले साझा किया जा सकता था, और ऐसा किया जाना चाहिए था. “हम चीन से डेटा साझा करने में पारदर्शी बनने, आवश्यक पड़ताल करने और नतीजों को साझा करने की अपील जारी रखते हैं.”
“यह समझना कि वैश्विक महामारी किस प्रकार से शुरू हुई, एक नैतिक व वैज्ञानिक अनिवार्यता है.”
कोविड-19 पर यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की प्रमुख, डॉक्टर मारिया वान कर्कहॉव ने कहा कि समुद्री भोजन के बाज़ार से पॉज़िटिव पाए जाने वाले जिन पर्यावरणीय नमूनों को एकत्र किया गया था, संगठन को उसकी पहले से जानकारी थी.
उनके अनुसार, नवीनतम नतीजे इस सिलसिले में गहराई से जानकारी प्रदान करते हैं. डॉक्टर कर्कहॉव ने कहा कि स्वास्थ्य संगठन ने वूहान के अन्य बाज़ारों और चीन के अन्य हिस्सों में अध्ययन की बार-बार अपील की है, ताकि जानवरों को उनके स्रोत फ़ार्म तक ले जाया जा सके.
साथ ही, इन बाज़ारों और फ़ार्म में काम करने वाले लोगों के नमूने भी एकत्र किए जा सके.
इस बीच, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने अन्तरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर, वैश्विक महामारी की शुरुआत के कारणों, उसके स्रोत का पता लगाने के लिए प्रयास जारी रखे हैं.
डॉक्टर कर्कहॉव ने इस विषय में डेटा को साझा किए जाने की अहमियत को रेखांकित किया, ताकि अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञ खुले और पारदर्शी विश्लेषण के साथ-साथ नतीजों पर चर्चा कर सकें.
उन्होंने कहा कि फ़िलहाल अनेक सम्भावनाओं की पड़ताल किए जाने की आवश्यकता है, जैसेकि वायरस, मानव आबादी तक किस प्रकार पहुँचा: या तो चमगादड़ से, एक माध्यमिक स्रोत के ज़रिये, या जैव सुरक्षा में ग़लती के ज़रिए, एक लैब से लीक हुआ.
डॉक्टर कर्कहॉव के अनुसार, फ़िलहाल वैश्विक महामारी की शुरुआत होने के सवाल का कोई निश्चित जवाब नहीं है.