वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

‘पक्के व सुस्पष्ट’ जलवायु तथ्यों से, वैश्विक तापमान वृद्धि की रोकथाम सम्भव

ओमान के रेगिस्तान में, बारिश के बाद एकत्रित पानी.
WMO/Said Alshukaili
ओमान के रेगिस्तान में, बारिश के बाद एकत्रित पानी.

‘पक्के व सुस्पष्ट’ जलवायु तथ्यों से, वैश्विक तापमान वृद्धि की रोकथाम सम्भव

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को कहा है कि विश्व नेताओं को वैश्विक तापमान वृद्धि को तत्काल कम करने के लिए, ठोस वैज्ञानिक तथ्यों और दिशा-निर्देशों को सुनकर, उन पर अमल करने की ज़रूरत है. उन्होंने ये विचार, जलवायु परिवर्तन पर अन्तर-सरकारी पैनल )IPCC) के, सोमवार को शुरू हुए सत्र के लिए अपने वीडियो सन्देश में व्यक्त किए.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपने सन्देश में, “वैश्विक तापमान वृद्धि को, मज़बूत और सुस्पष्ट तथ्यों के आधार पर तत्काल रोके जाने की ज़रूरत” को रेखांकित किया.

Tweet URL

उन्होंने कहा कि इस पैनल की, नवम्बर 2023 में, दुबई में होने वाले यूएन जलवायु सम्मेलन (कॉप 28) से पहले आने वाली रिपोर्ट, बहुत अहम पड़ाव पर जारी होगी.

अहम पड़ाव का शीर्ष बिन्दु

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “हमारी दुनिया एक चौराहे पर है, और हमार ग्रह भारी जाल में फँसा हुआ है. हम वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की अन्तरराष्ट्रीय सहमत सीमा को पार कर देने के, एक ऐसे पड़ाव के नज़दीक पहुँच रहे हैं, जहाँ से वापसी सम्भव नहीं होगी. हम ढलान के शीर्ष बिन्दु पर पहुँच चुके हैं.”

ये पैनल, जलवायु परिवर्तन से सम्बन्धित विज्ञान का आकलन करने वाली यूएन संस्था है, जिसने दशकों से ये स्पष्ट साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं कि लोग और पृथ्वी किस तरह जलवायु तबाही से प्रभावित हो रहे हैं.

इस पैनल का नया आकलन, वर्ष 2015 में हुए पेरिस जलवायु समझौता होने के बाद से, जलवायु परिवर्तन पर पहली व्यापक रिपोर्ट होगी.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “आपने जलवायु परिवर्तन का विज्ञान प्रस्तुत करके और जलवायु कार्रवाई की तात्कालिकता उजागर करके, अपनी बात स्पष्ट रूप में कह दी है. सबूत बहुत स्पष्ट, ठोस और अकाट्य रहा है.”

उन्होंने बताया कि पैनल के निष्कर्ष तत्काल कार्रवाई की ज़रूरत रेखांकित करते हैं. उन्होंने आईपीसीसी की हाल की रिपोर्टों का सन्दर्भ देते हुए कहा कि वर्ष 2021 में पहली बार सबूत सामने आए कि पृथ्वी के महासागरों, हिम, और धरातल पर जो परिवर्तन हुए हैं, उनमें से कुछ को पलटना सम्भव नहीं होगा.

उस रिपोर्ट में ये भी दिखाया गया है कि ये परिवर्तन, मानव गतिविधि के कारण ही हुए हैं, जिनमें जीवाश्म ईंधन के बेतहाशा प्रयोग और अभूतपूर्व स्तर पर, ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन ज़िम्मेदार हैं.

प्रगति सम्भव है

आईपीसीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की लगभग आधी आबादी, जलवायु प्रभावों के जोखिम क्षेत्र में रह रही है. रिपोर्ट कहती है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के उपायों में संसाधन निवेश बढ़ाना होगा. साथ ही ये भी संकेत दिया गया है कि वैश्विक तापमान वृद्धि को, वैश्विक अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में त्वरित और गहन उत्सर्जन कमी के ज़रिए, 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखना सम्भव है.

यूएन प्रमुख ने पैनल से कहा, “तथ्यों पर कोई सवाल नहीं हैं, बल्कि हमारी कार्रवाइयाँ सवालों के दायरे में हैं. अब भी अधिक देर नहीं हुई है, जैसाकि आपने दिखाया है.”

उन्होंने आईपीसीसी को, अगले यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप28 के नज़दीक आने के सन्दर्भ में, विश्व हस्तियों को, लोगों और पृथ्वी ग्रह की ख़ातिर सही निर्णय लेने के वास्ते, ठोस, बेबाक, विस्तृत वैज्ञानिक दिशा-निर्देश मुहैया कराने के लिए प्रोत्साहित किया.