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'डच औपनिवेशिक दासता की दस सच्ची कहानियाँ' प्रदर्शनी

"ट्रोन्को" से व्यक्तियों को ग़ुलामों के रूप में नियंत्रित किया जाता था.
UN News/Eileen Travers
"ट्रोन्को" से व्यक्तियों को ग़ुलामों के रूप में नियंत्रित किया जाता था.

'डच औपनिवेशिक दासता की दस सच्ची कहानियाँ' प्रदर्शनी

संस्कृति और शिक्षा

"दासता: डच औपनिवेशिक दासता की दस सच्ची कहानियाँ" नामक एक प्रदर्शनी, यूएन मुख्यालय में 23 फ़रवरी 2023 को शुरू हुई है, जोकि ऐसे 10 लोगों की कहानियाँ प्रदर्शित करती है जो ग़ुलाम थे, उन लोगों की कहानियाँ जो ग़ुलामी की व्यवस्था से लाभान्वित हुए, और उनकी कहानियाँ जिन्होंने इस प्रथा के ख़िलाफ़ आवाज उठाई. एक महीने तक चलने वाली ये प्रदर्शनी, 17वीं से 19वीं सदी तक ब्राज़ील, सूरीनाम और कैरीबियाई के साथ-साथ दक्षिण अफ़्रीका, एशिया और नैदरलैंड्स में डच औपनिवेशिक युग में दासता पर केन्द्रित है. (वीडियो फ़ीचर)