
इसराइल-फ़लस्तीन: संगीत के ज़रिए भाईचारे, सहानुभूति व एकजुटता का सन्देश
सभ्यताओं के गठबन्धन के लिए उच्च प्रतिनिधि (UNAOC) मिगेल ऐंगेल मोराटिनोस के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र समर्थित कलाकारों का एक समूह, इसराइली और अरब लोगों के बीच की ऐतिहासिक दरारों को पाटने की आशाओं को मज़बूत कर रहा है. उनका मानना है कि संगीतकारों का यह समूह संगीत, समरसता, आपसी मेल-मिलाप, सहानुभूति, भाईचारे और एकजुटता का सन्देश फैला रहा है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने वर्ष 2016 में West-Eastern Divan नामक ऑरकेस्ट्रा को सांस्कृतिक समझ के लिए यूएन वैश्विक पैरोकार के रूप में नियुक्त किया था.
इस वादक समूह ने हाल ही में न्यूयॉर्क के यूएन मुख्यालय में अपना पहला संगीत कार्यक्रम (कॉन्सर्ट) प्रस्तुत किया.
इस समारोह के ज़रिए यह सन्देश देने का प्रयास किया गया कि जब लोग संगीत और अन्य माध्यमों से एक-दूसरे को सुनते हैं, तो उत्कृष्ट नतीजों को हासिल किया जा सकता है.

West-Eastern Divan नामक कलाकारों के इस दल में इसराइली और अरब विरासत के संगीतकार शामिल हैं, जिसकी अगुवाई ऑरकेस्ट्रा के काँसर्ट मास्टर माइकल बैरेनबॉइम कर रहे हैं.
इस समूह को स्थापित करने वाले ऐडवर्ड सईद और डेनियबल बैरनबॉइम के बीच बातचीत के आधार पर वर्ष 1999 में इस समूह ने आकार लिया.
फ़लस्तीनी लेखक-विद्वान और इसराइली संगीत संवाहक और पियानो वादक ने अपनी लम्बी मित्रता के दौरान संगीत, संस्कृति और मानवता जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की.
विचारों के आदान-प्रदान के दौरान, उन्हें महसूस हुआ कि इसराइली-फ़लस्तीनी टकराव को सम्बोधित करने के वैकल्पिक रास्तों की तलाश किए जाने की आवश्यकता है.
इसका अवसर तब आया जब बैरनबॉइम और सईद ने अपने अनुभव को एक मॉडल के रूप में पेश करते हुए, युवा संगीतकारों के लिए एक कार्यशाला की शुरुआत की.
“हमारे पास उन देशों के संगीतकार हैं, जो एक या दूसरी तरह से एक-दूसरे के साथ टकराव में हैं. हम इस तरह की परियोजना में सहयोग के ज़रिए यह दर्शाते हैं कि एक दूसरे के साथ टकराव वाले देशों से लोग अगर एक साथ मिलकर साझा लक्ष्य की ओर काम कर सकें तो उन्हें एक साथ लाना सम्भव है.”

“मेरा सोचना है कि यह एक वैकल्पिक मॉडल और मध्य पूर्व के लिए सोचने का एक वैकल्पिक रास्ता दर्शाता है. यह शस्त्रों, बमों, युद्ध, रक्त, और टकराव पर नहीं, बल्कि समझ, संवाद और एक दूसरे की बात सुने जाने पर आधारित है.”
“जब आप संगीत वादन करते हैं, तो आप वादक हैं, लेकिन आपको दूसरों को भी सुनना होता है.”
ऐडवर्ड सईद की विधवा मरियम सईद, अमेरिका-स्थित बैरनबॉइम-सैड फ़ाउंडेशन की उपप्रमुख हैं. उन्होंने बताया कि उनके पति ऐडवर्ड का मानना था कि मानवता के ज़रिए, हमारी दुनिया को बिखरने से रोका जा सकता है.
और यही वो सन्देश है जोकि यह ऑरकेस्ट्रा फैलाने का प्रयास कर रहा है.
“एक भाषा के तौर पर संगीत को सिखाना दिमाग़ों को खोलता है, जिससे समाज में नए विचारों की पीढ़ी पनपती है. इससे लोगों को एक दूसरे को जानने का मौक़ा भी मिलता है.”
मिस्र के सिंडी फ़ैसल अब्देल वहाब इस संगीत समूह में वायलिन वादक हैं, और 2013 में इस टीम में शामिल हुए.
“यह मेरे लिए पहली बार था जब मैं अन्य अरब देशों और इसराइल के संगीतकारों से मिला. यह मेरे लिए हैरानी भरा था, और मुझे जिज्ञासा थी कि हम एक दूसरे के साथ किस तरह व्यवहार करते हैं, किस तरह हम वादन करेंगे और एक दूसरे को समझेंगे.”

मैंने यह समझा कि इसराइलियों की भी हमारे समान संस्कृति है, लेकिन राजनीति लोगों को एक दूसरे से अलग करती है. “जब हम वादन करते हैं, तो हम हर बात भूल जाते हैं.”
“संगीत के ज़रिए, कोई भी सब कुछ कर सकते हैं. आपको शब्दों या फिर किसी लिखित विषय वस्तु की ज़रूरत नहीं है.”
“आप एक साथ वाद्य यंत्र बजाते हैं, और एक दूसरे को सुनना सीखते हैं. और यह असल में बड़ी मदद है जो मनुष्य के तौर पर पूरी उम्र हमारे लिए एक बड़ी मदद है, चूँकि हम सीखते हैं कि एक दूसरे को किस तरह सुना जाना है.”
इस संगीत समारोह से पहले, यूएन के वैश्विक संचार विभाग में आउटरीच विभाग के निदेशक माहेर नासेर ने कहा था कि जब आप इन आठ संगीतकारों के समूह को एक साथ वादन करते हुए और एक ही पन्ने से पढ़ते हुए देखते हैं तो वे समरसता के वाहक बनते हैं और वे सभी समान हैं.
उन्होंने कहा कि इनमें से कोई चैलो और अन्य वायलिन बजाते हैं, लेकिन यह एक ही यंत्र से आती हुई प्रतीत होती है. इनमें से हर कोई समान है.
कुछ संगीतकार वायलिन और अन्य दूसरे वाद्य यंत्र बजा रहे हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि उनसे निकल रही ध्वनि एक ही यंत्र से आ रही है. हर तान समान है.