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सबसे कम विकसित देशों के साथ न्याय किए जाने का समय, यूएन महासचिव 

यूएन महासचिव ने क़तर की राजधानी दोहा में सबसे कम विकसित देशों के नेताओं को सम्बोधित किया.
UN Photo/Evan Schneider
यूएन महासचिव ने क़तर की राजधानी दोहा में सबसे कम विकसित देशों के नेताओं को सम्बोधित किया.

सबसे कम विकसित देशों के साथ न्याय किए जाने का समय, यूएन महासचिव 

आर्थिक विकास

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से सम्पन्न देशों से आग्रह किया है कि विश्व के अल्पतम विकसित देशों में रह रहे एक अरब से अधिक लोगों की आगे बढ़ाकर सहायता की जानी होगी, ताकि उन्हें निर्धनता के कुचक्र से उबारा जा सके. उन्होंने सबसे कम विकसित देशों पर क़तर की राजधानी दोहा में यूएन के अहम सम्मेलन से पहले शनिवार को आयोजित एक शिखर बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है.

महासचिव ने शिखर बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा, “सबसे कम आवश्यकता वाले देशों को सर्वाधिक समर्थन की ज़रूरत है. और आपको यह अभी चाहिए. आप पृथ्वी पर हर आठ में से एक व्यक्ति को प्रदर्शित करते हैं.”

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“मगर, आपके देश, ऐसे कुचक्रों में फँसे हुए हैं कि विकास, यदि असम्भव नहीं, तो कठिन हो जाता है.”

विश्व के निर्धनतम और निर्बलतम देशों के राष्ट्राध्यक्षों और सरकार प्रमुखों की शनिवार को बैठक हुई, जोकि सबसे कम विकसित देशों पर यूएन के पाँचवे सम्मेलन (LDC5) के उदघाटन से ठीक पहले आयोजित की गई है.

यह सम्मेलन क़तर की राजधानी दोहा में 5 से 9 मार्च तक चलेगा. LDC शिखर बैठक हर दस वर्ष में एक बार आयोजित की जाती है, मगर 2021 के बाद से कोरोनावायरस महामारी के कारण यह इसमें दो बार देरी हुई है.

दोहा में सम्मेलन के दौरान नेता, सरकारी प्रतिनिधि और अन्य हितधारक इस्तामबुल कार्रवाई कार्यक्रम को लागू किए जाने की समीक्षा करेंगे.

इस कार्यक्रम को वर्ष 2011 में तुर्कीये में वर्ष 2011 में हुई बैठक के दौरान पारित किया गया था, जिसका लक्ष्य 46 सबसे कम विकसित देशों की सहायता के लिए अतिरिक्त अन्तरराष्ट्रीय समर्थन और कार्रवाई की लामबन्दी करना है.

सम्मान नहीं, दंड के समान

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने LDC शिखर बैठक में अपने सम्बोधन में ध्यान दिलाया कि यूक्रेन में युद्ध की वजह से जीवन-व्यापन कठिन हो गया है और खाद्य वस्तुओं व ऊर्जा क़ीमतों में उछाल आया है.

हिंसक संघर्ष, सूखे, भूख और अत्यधिक निर्धनता जैसी चुनौतियों के कारण एक ऐसी स्थिति पैदा हुई है, जोकि निर्धनता व अन्याय को ईंधन प्रदान कर रही है.

यूएन प्रमुख ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सतत निवेश की आवश्यकता होगी, मगर मौजूदा वैश्विक वित्तीय प्रणाली को सम्पन्न देशों ने तैयार किया है, जोकि उनके अपने लाभ के लिए है.

एंतोनियो गुटेरेश ने सचेत किया कि कारगर ऋण राहत के अभाव में, अल्पतम विकसित देशों को अपने सरकारी राजस्व का एक बड़ा हिस्सा कर्ज़ की क़िस्त चुकाने में देना पड़ता है, जोकि लगातार बढ़ रहा है.

साथ ही, सबसे कम विकसित देशों के दर्जे को पीछे छोड़कर मध्य-आय वाले देशों की सूची में खड़े होने वाले देशों को, इस दर्जे के लिए निर्धारित विशिष्ट लाभ नहीं मिल पाएंगे, जोकि सम्मान नहीं, बल्कि एक सज़ा बन जाएगा.  

न्याय का क्षण

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि देशों को विकास की सीढ़ी पर लुढ़कने नहीं दिया जा सकता, चूँकि इस पर चढ़ने के लिए इन देशों ने कड़ी मेहनत की है.

इसके मद्देनज़र, उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र LDC का दर्जा छोड़कर आगे बढ़ने की प्रक्रिया के दौरान आवश्यकता अनुरूप समर्थन प्रदान किए जाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है.

इस क्रम में, दोहा कार्रवाई कार्यक्रम में एक ऑनलाइन युनिवर्सिटी, एक खाद्य भंडारण व्यवस्था, और अन्तरराष्ट्रीय निवेश समर्थन केन्द्र समेत अन्य उपायों का उल्लेख किया गया है.

यह कार्रवाई कार्यक्रम, मार्च 2022 में पारित किया गया एक ऐसा रोडमैप है, जिसके ज़रिये सबसे कम विकसित देशों में टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति को साकार किया जाना है.

इसके अलावा, एसडीजी स्फूर्ति पैकेज को फ़रवरी में पेश किया गया, जोकि टिकाऊ विकास के लिए वित्त पोषण बढ़ाने, कर्ज़ की ऊँची क़ीमत से निपटने और आपात हालात के लिए वित्तीय संसाधनों का स्तर बढ़ाने पर केन्द्रित है.

महासचिव ने कहा कि आगामी LDC5 सम्मेलन को इन देशों के समूह के लिए एक न्याय का क्षण बनाया जाना होगा, और उन्हें हरसम्भव प्रदान करते हुए, LDC दर्जे को इतिहास बनाना होगा.

मलावी के राष्ट्रपति और LDC समूह के प्रमुख लज़ारस मैक्कार्थी चकवेरा ने सभी विकास साझीदारों से LDC देशों के रास्ते में खड़े अवरोधों को दूर करने में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया.
UN Photo/Evan Schneider

कथनी के बजाय करनी पर ध्यान

मलावी के राष्ट्रपति और LDC समूह के प्रमुख लज़ारस मैक्कार्थी चकवेरा ने शनिवार को इस शिखर बैठक का उदघाटन किया.

मलावी, दुनिया के निर्धनतम देशों में है और विश्व बैन्क के अनुसार, 2021 में यहाँ प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 639 डॉलर थी.

अन्य अल्पतम विकसित देशों की तरह, सब-सहारा क्षेत्र में स्थित मलावी में भी निर्धनता और कुपोषण व्याप्त है और आधी से अधिक आबादी निर्धनता रेखा से नीचे जीवन गुज़ार रही है.

मलावी को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का भी सामना करना पड़ रहा है, और देश में बाढ़ व सूखे की घटनाएँ बढ़ी हैं, जिससे फ़सलों व आजीविकाओं को नुक़सान पहुँचा है.

राष्ट्रपति चकवेरा ने कहा कि हम यहाँ केवल बात करने के लिए एकत्र नहीं हुए हैं, बल्कि यहाँ वास्तव में काम किया जाएगा और अहम नतीजों पर सहमति होगी.

इस क्रम में, उन्होंने सभी विकास साझीदारों से LDC देशों के रास्ते में खड़े सभी अवरोधों को दूर करने में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया है.

साझा चुनौतियाँ, साझा समाधान

एक दर्जन से अधिक देशों के नेताओं ने शिखर बैठक के दौरान, साझा चुनौतियों के अर्थपूर्ण समाधान ढूंढने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया.

साथ ही, दोहा कार्रवाई कार्यक्रम में प्रस्तुत किए गए लक्ष्यों, संकल्पों और नतीजों को सामयिक ढंग से लागू किए जाने के लिए दिशानिर्देश भी प्रदान किए गए.

अगले कुछ दिनों में, विश्व नेता यहाँ निजी सैक्टर, नागरिक समाज, सांसदों और युवजन के साथ एकत्र होंगे और नवीनतम विचारों, समर्थन के लिए नए संकल्पों को प्रोत्साहन मिलेगा.

LDC5 सम्मेलन के दौरान विशिष्ट पहलों और ठोस नतीजों की घोषणा किए जाने की सम्भावना है, जिसका लक्ष्य सबसे कम विकसित देशों के समक्ष मौजूद चुनौतियों और दोहा कार्रवाई कार्यक्रम को लागू किया जाना है.

क़तर की राजधानी दोहा में LDC5 सम्मेलन से पहले युवा प्रतिनिधियों ने युवा फ़ोरम में हिस्सा लिया.
UN News/Anold Kayanda

युवजन की भागीदारी

शनिवार को आयोजित शिखर बैठक में, निजी सैक्टर, युवजन और सांसदों पर केन्द्रित तीन फ़ोरम भी आयोजित की गईं. बड़ी संख्या में युवा प्रतिनिधि भी इस फ़ोरम में शामिल हुए, जिन्होंने 46 LDC देशों के 22 करोड़ से अधिक युवजन का नेतृत्व किया.

किसी LDC सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाली यह पहली युवा फ़ोरम थी, जिसमें युवजन के लिए अपने समाधान, कार्रवाई और असर को साझा करने का एक अनूठा अवसर था.

सोमालिया के एक युवा प्रतिनिधि हमज़ा अब्दीवहाब ने यूएन न्यूज़ को बताया कि उनके क्षेत्र में स्थित सबसे कम विकसित देशों में राजनैतिक अस्थिरता एक साझा समस्या है, जोकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और निर्धनता सम्बन्धी अनेक मुद्दों को प्रभावित करती है.

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 46 LDC देशों में से 24 हिंसक संघर्ष से ग्रस्त हैं, और हर चार में से तीन हिंसक टकराव या उसके समाप्त होने के बाद के हालात से जूझ रहे हैं.

युवा प्रतिनिधियों ने अपने जीवन को प्रभावित करने वाले सभी मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य, रोज़गार, जलवायु परिवर्तन, शान्ति व सुरक्षा, मानवाधिकार और प्रवासन है.

युवा फ़ोरम के दौरान एक घोषणापत्र भी पारित किया गया, जिसमें विश्व के सबसे कम विकसित देशों में एक बेहतर भविष्य के निर्माण में युवजन के योगदान के संकल्प को रेखांकित किया गया है.

हेती, अमेरिकी क्षेत्र में एकमात्र ऐसा देश है, जोकि अल्पतम विकसित देशों की सूची में है.
© UNICEF/Georges Harry Rouzier

अल्पतम विकसित देश 

अल्पतम विकसित देशों की श्रेणी में उन देशों को सूचीबद्ध किया जाता है, जोकि सामाजिक-आर्थिक विकास में विविध प्रकार के संकेतकों पर सबसे निचले पायदान पर हैं. ऐसे सभी देशों की सकल राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 1,018 डॉलर से भी कम है.

संयुक्त राष्ट्र ने मार्च 2023 तक, निम्न 46 देशों को सबसे कम विकसित देशों की श्रेणी में सूचीबद्ध किया है:

  • अफ़्रीका (33): अंगोला, बेनिन, बुरकीना फ़ासो, बुरुंडी, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, चाड, कोमोरोस, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य, जिबूती, ऐरीट्रिया, इथियोपिया, गाम्बिया, गिनी, गिनी-बिसाउ, लेसोथो, लाइबेरिया, मैडागास्कर, मलावी, माली, मॉरीटेनिया, मोज़ाम्बीक़, निजेर, रवांडा, साओ तोम एंड प्रिंसिपि, सेनेगल, सिएरा लियोन, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सूडान, तंज़ानिया, टोगो, युगांडा, ज़ाम्बिया
     
  • एशिया (9): अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, कम्बोडिया, लाओ लोकतांत्रिक जन गणराज्य, म्याँमार, नेपाल, तिमोर-लेस्ते, यमन
     
  • कैरीबियाई क्षेत्र (1): हेती
     
  • प्रशान्त क्षेत्र (3): किरीबाती, सोलोमन आइलैंड्स, तुवालु