WIPO: वर्ष 2022 में, वैश्विक बौद्धिक सम्पदा क्षेत्र में रिकॉर्ड वृद्धि

बौद्धिक सम्पदा मामलों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेषीकृत एजेंसी (WIPO) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में बताया है कि वर्ष 2022 में, पेटेंट, ट्रेडमार्क और डिज़ाइन के पंजीकरण मामलों में रिकॉर्ड स्तर पर वृद्धि देखी गई है. चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, कोरिया गणराज्य और जर्मनी में नवप्रवर्तकों (innovators) ने अपने आविष्कारों के लिए पेटेंट आवेदन दायर किए हैं.
एजेंसी के अनुसार, चीन की विशाल टैलीकॉम कम्पनी हुआवेई (Huawei) ने वर्ष 2022 में सबसे अधिक पेटेंट दायर किए हैं. हुआवेई (Huawei) के नाम पर सात हज़ार 600 से अधिक आवेदन दाख़िल हुए हैं.
International patent applications continued their upward trend in 2022, defying challenging economic conditions: https://t.co/mwWEGStQgt.
These countries filed the most international patent applications⤵️ https://t.co/JxR2JvBOLi
WIPO
दूसरे स्थान पर, दक्षिण कोरिया की सैमसंग कम्पनी रही, और इसके बाद अमेरिका के क्वॉलकॉम, जापान के मित्सुबिशी और स्वीडन के एरिक्सन के नाम रहे हैं.
बौद्धिक सम्पदा मामलों पर यूएन की विशेषीकृत एजेंसी (WIPO) की स्थापना, वर्ष 1967 में संयुक्त राष्ट्र की एक स्व-वित्तपोषित एजेंसी के रूप में की गई थी.
यह एजेंसी संगठन के 193 सदस्य देशों को एक मंच मुहैया कराने के लिए गठित किया गया था.
WIPO की ज़िम्मेदारी, पूरे क्षेत्र में बौद्धिक सम्पदा सेवाओं, नीतिगत जानकारी और अन्तरराष्ट्रीय सहयोग का निरीक्षण करने की है.
इस विशेषीकृत एजेंसी का लक्ष्य "सन्तुलित और प्रभावी" प्रणाली के विकास का नेतृत्व करना है जो सर्वजन के लाभ के लिए नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा दे.
वर्ष 2022 में, एक वर्ष में अब तक पेटेंट संख्या में सबसे मज़बूत वृद्धि दिखाई दी. वैश्विक स्तर पर, पेटेंट आवेदन कुछ बढ़कर 2 लाख 78 हज़ार से अधिक पर दर्ज हुए.
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण, कोविड-19 महामारी की लम्बी अवधि, बढ़ती मुद्रास्फीति और आपूर्ति श्रृंखला संकट के कारण अर्थव्यवस्था को भारी चुनौतियों के बावजूद, ये बढ़त देखी गई.
WIPO के मुख्य अर्थशास्त्री कार्स्टन फिंक ने बताया कि भारत में पेटेंट पंजीकरण में 25.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और दक्षिण कोरिया में केवल छह प्रतिशत की तेज़ी देखी गई, लेकिन सम्पूर्ण तस्वीर में मामूली वृद्धि दर्ज की गई.
उन्होंने कहा, “एक ओर, यह निर्बाध विकास के 13वें वर्ष को दर्शाता है, जो मुझे लगता है कि काफ़ी महत्वपूर्ण है, दूसरी ओर, निश्चित रूप से 0.3 प्रतिशत मामूली विकास दर है, जिसे हम वर्ष 2022 की चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों का नतीजा समझते हैं.
एशिया क्षेत्र, बौद्धिक सम्पदा विकास में प्रगति को मज़बूती दे रहा है. एशिया में पेटेंट पंजीकरण में सबसे तेज़ वृद्धि देखी गई. जबकि वर्ष 2022 में इस क्षेत्र में, आधा प्रतिशत वृद्धि के साथ, 54.7 प्रतिशत बढ़ोतरी ही दर्ज की गई.
चीन के अन्तरराष्ट्रीय डिज़ाइन पंजीकरण प्रणाली का हिस्सा बनते ही, डिज़ाइन सुरक्षा के आवेदनों में रिकॉर्ड स्तर पर वृद्धि देखी गई.
औद्योगिक डिज़ाइनों के अन्तरराष्ट्रीय पंजीकरण के लिए WIPO की हेग प्रणाली में अन्तरराष्ट्रीय अनुप्रयोगों में शामिल डिज़ाइनों की संख्या में, 11.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई जो अब बढ़कर 25 हज़ार से अधिक हो गई है.
WIPO द्वारा वर्ष 2021 में, 15 प्रतिशत की "असाधारण वृद्धि" की सूचना जारी करने के बाद, वर्ष 2022 के दौरान बड़ी कम्पनियों (Brands) की सुरक्षा के लिए अन्तरराष्ट्रीय ट्रेडमार्क प्रणाली का इस्तेमाल - 6.1 प्रतिशत गिर गया, जोकि वर्ष 2009 में, वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से सबसे बड़ी गिरावट थी.
कोविड-19 महामारी का सामना करते हुए नई वस्तुओं और सेवाओं के आने से, वर्ष 2021 में आवेदनों में उछाल देखा गया. हालाँकि 2022 में बड़ी गिरावट देखी गई.
बौद्धिक सम्पदा मामलों पर यूएन की विशेषीकृत एजेंसी (WIPO) ने बताया कि दायर किए गए आवेदनों की कुल संख्या वर्ष 2022 में अब भी, साल 2020 की तुलना में आठ प्रतिशत अधिक थी.
यूएन एजेंसी के महानिदेशक डैरन टैंग ने कहा कि चीन के नेतृत्व में विश्व भर से डिज़ाइन आवेदनों में वृद्धि देखने से मालूम होता है कि अन्तरराष्ट्रीय सहयोग में, बहुपक्षीय दृष्टिकोण से सभी को लाभ पहुँच सकता है.