इटली में हुए घातक नाव हादसे से, कार्रवाई के लिए मुस्तैदी की पुकार

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख और शरणार्थियों व प्रवासियों की सेवा में सक्रिय एजेंसियों ने, इन लोगों के लिए सुरक्षित यात्रा मार्ग व मज़बूत बचाव अभियान तत्काल सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया है. ये आग्रह, रविवार को इटली के एक तटीय इलाक़े में हुई घातक नौका दुर्घटना के बाद किया गया है जिसमें कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरश ने कहा है, “अपने लिए एक बेहतर ज़िन्दगी की तलाश में लगे हर व्यक्ति को, एक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन का अधिकार है. हमें प्रवासियों व शरणार्थियों के लिए सुरक्षित और क़ानूनी मार्गों की ज़रूरत है.”
The tragic shipwreck off the coast of Crotone confirms the urgent need to strengthen the search and rescue system in the Med, and to open more regular migration channels.
This is not an emergency in terms of numbers,but a humanitarian emergency
@UNHCRItalia @UNmigration
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OIMItalia
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी – UNHCR और अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने एक संयुक्त वक्तव्य में, इस हादसे के पीड़ितों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है, और देशों से इस सम्बन्ध में अपनी ज़िम्मेदारियाँ पूरी करने के लिए, संसाधन और क्षमताएँ बढ़ाने की पुकार लगाई है.
यूएन एजेंसियों का कहना है कि रविवार तक 45 लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे, मगर तलाश और बचाव टीमों को, मृतक संख्या बढ़ने का भय है. ख़बरों के अनुसार, एक नवजात और छोटी उम्र का शिशु भी मृतकों में शामिल है.
समाचारों में संकेत मिलता है कि उस छोटी नाव पर लगभग 170 लोग सवार थे, जिनमें बच्चे और परिवार भी शामिल थे.
यूएन शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि प्राप्त जानकारी से मालूम होता है कि 80 लोग जीवित बच गए लगते हैं. इनमें से कुछ लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इटली के लिए UNHCR की प्रतिनिधि चियारा कैर्दोलेत्ती ने कहा कि इस तरह के हादसों को होते देखना अस्वीकार्य है, जहाँ परिवारों और बच्चों को, इस तरह की ख़तरनाक नावों के हवाले कर दिया जाता है. इस हादसे से हमें कार्रवाई करने और अभी करने के लिए कमर कसनी होगी.”
वो नाव तुर्कीये से चली थी जिसमें ज़्यादातर यात्री अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान से थे.
यूएन शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि वर्ष 2022 के दौरान, समुद्र के रास्ते इटली पहुँचने वाले लोगों में 15 प्रतिशत संख्या तुर्कीये के लोगों की थी, और इस मार्ग से इटली पहुँचने वाले लोगों की लगभग आधी संख्या, अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने वाले लोगों की थी.
एजेंसियों का कहना है कि बचाव अभियानों के लिये, योरोपीय व्यवस्थाओं की तत्काल आवश्यकता है.
UNHCR की प्रतिनिधि चियारा कैर्दोलेत्ती ने कहा कि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, बचाव क्षमता को मज़बूत करने की, अभूतपूर्व रूप से आवश्यकता है, क्योंकि ये क्षमता अब भी अपर्याप्त है.
भूमध्यसागर के लिए IOM की समन्वय कार्यालय के निदेशक लॉरेंस हार्ट का कहना है ये नौका दुर्घटना दिखाती है कि समुद्र के ज़रिए प्रवासन के मुद्दे पर, किस तरह तमाम योरोपीय देशों को ध्यान देने की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए मानवीय सहायता की ज़रूरत है और एक ऐसे तरीक़ा अपनाए जाने की भी आवश्यकता है जिसमें लोगों के इस पलायन के लिए ज़िम्मेदार विभिन्न कारणों पर विचार किया जाए.
संगठन की – लापता प्रवासी परियोजना की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2023 में अभी तक भूमध्यसागर मार्ग पर मौत का शिकार हुए या लापता हुए लोगों की संख्या कम से कम 220 है. इनमें रविवार को मौत का शिकार हुए लोगों की संख्या भी शामिल है.