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यूक्रेन: युद्ध का दूसरा साल, 1.8 करोड़ लोगों को मदद की ज़रूरत

यूक्रेन युद्ध ने, लाखों लोगों को देश के भीतर, और लाखों अन्य को विदेशों में विस्थापित कर दिया है.
© UNOCHA/Matteo Minasi
यूक्रेन युद्ध ने, लाखों लोगों को देश के भीतर, और लाखों अन्य को विदेशों में विस्थापित कर दिया है.

यूक्रेन: युद्ध का दूसरा साल, 1.8 करोड़ लोगों को मदद की ज़रूरत

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को कहा है कि यूक्रेन में रूसी आक्रमण शुरू होने एक वर्ष बाद, देश की लगभग आधी आबादी, यानि क़रीब एक करोड़ 80 लाख लोगों को मानवीय सहायता और संरक्षण की आवश्यकता है.

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों से कहा, “पूर्ण स्तर का युद्ध शुरू होने के बाद से, हमने और यूक्रेन में हमारे मानवीय सहायता साझीदारों ने, ऐसे लोगों को जीवन-रक्षक सहायता मुहैया के लिए भरसक प्रयास किए हैं, जिन्हें इस सहायता की सर्वाधिक आवश्यकता है.”

प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 2022 के दौरान, हज़ारों क़ाफ़िलों ने, देश के सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सहायता सामग्री पहुँचाई, और मानवीय सहायताकर्मियों ने लगभग एक करोड़ 60 लाख लोगों तक पहुँच बनाई, जिसमें पानी, दवाइयाँ, गर्माहट करने वाले उपकरण व अन्य सामान के साथ - साथ, घरों की मरम्मत में काम आने वाला सामान भी शामिल था.

स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि क़रीब 60 लाख लोगों को नक़दी सहायता भी मुहैया कराई गई, जिसका कुल दायरा लगभग एक अरब 20 करोड़ डॉलर था, और ये, इतिहास में इस तरह का सबसे विशाल कार्यक्रम था.

प्रवक्ता ने कहा कि अब जबकि युद्ध दूसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है तो संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों ने एक करोड़ 10 लाख से भी ज़्यादा लोगों की मदद करने के लिए, लगभग चार अरब डॉलर की सहायता राशि की अपील की है. अभी इस सहायता राशि का केवल 14 प्रतिशत हिस्सा ही प्राप्त हुआ है.

युवा ज़िन्दगियों की हानि

यूएन एजेंसियाँ यूक्रेन में, पिछले 12 महीनों के दौरान हुई मौतों, विध्वंस, तबाही और विस्थापन का आकलन कर रही हैं.

यूएन मानवीय सहायताकर्मियों ने शुक्रवार को जिनीवा में बताया कि लगभग 500 बच्चों की मौत हुई है और क़रीब 1000 बच्चे घायल हुए हैं.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने कहा है कि इनसानी जीवन की इस हृदय विदारक हानि के अतिरिक्त, गोलाबारी में 800 से ज़्यादा स्वास्थ्य सेवाएँ या तो ध्वस्त हो गई हैं या उन्हें भारी नुक़सान पहुँचा है.

यूक्रेन में युद्ध के कारण, लाखों बच्चों बच्चों की शिक्षा पहुँच बाधित हुई है.
© UNICEF/Diego Ibarra Sánchez

शिक्षा पर जोखम

यूक्रेन में युद्ध ने शिक्षा उपलब्धता में भी व्यवधान खड़ा कर दिया है, और आरम्भिक व सैकंडरी शिक्षा के हज़ारों स्कूलों को नुक़सान पहुँचा है.

यूनीसेफ़ ने आगाह किया है कि कुल लगभग 78 लाख बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ा है, और 50 लाख बच्चों को तो स्कूली शिक्षा तक बिल्कुल भी पहुँच नहीं बची है.

विषैली विरासत का जोखिम

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने इस सप्ताह के आरम्भ में कहा था कि यूक्रेन में युद्ध, आने वाली पीढ़ियों के लिए, एक विषैली विरासत छोड़ेगा.

यूएन पर्यावरण एजेंसी (यूनेप) के अनुसार वायु, जल, और भूमि प्रदूषण और पारिस्थितिकियों के क्षरण की हज़ारों सम्भावित घटनाओं की, पहले ही निशानदेही की जा चुकी है, जिनमें पड़ोसी देशों को होने वाले जोखिम भी शामिल हैं.

पर्यावरण एजेंसी, दूरस्थ पर्यावरण प्रभाव की निगरानी में, यूक्रेन सरकार की मदद कर रही है, और वृहद आकलन की भी तैयारी कर रही है, जोकि एक विशाल कार्य है.

यूनेप की कार्यकारी निदेशक इन्गेर ऐंडरसन का कहना है कि पर्यावरण दुर्घटनाओं के आरम्भिक आकलन से यह पुष्ट होता है कि ये युद्ध बहुत विषैला है.

उन्होंने कहा, “यूक्रेन को देश भर में हुए नुक़सान का आकलन, उसके अनुकूलन और नुक़सान को कम करने, और वृहद क्षेत्र में जोखिम कम करने के लिए, बहुत बड़ी अन्तरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता पड़ेगी.“

वायु और जल प्रदूषित

आँकड़े दिखाते हैं कि युद्ध ने देश के अनेक क्षेत्रों में भारी नुक़सान पहुँचाया है. इनमें परमाणु ऊर्जा संयंत्र और सुविधाओं, ऊर्जा ढाँचे, तेल भंडार टैंकरों, तेल शोधकों, और खनन मंचों; व अन्य स्थानों पर हुई घटनाओं के साथ-साथ, वितरण पाइपलाइनों, खदानों, औद्योगिक स्थलों, और कृषि प्रसंस्करण सुविधाओं में हुई घटनाएँ शामिल हैं.

यूएन पर्यारण एजेंसी का कहना है कि इन घटनाओं के परिमाणस्वरूप वायु प्रदूषण के साथ-साथ, ज़मीन के भीतर और सतह पर मौजूद पानी गम्भीर रूप में दूषित हो गया है.

पम्पिंग स्टेशनों, जल शुद्धिकरण संयंत्रों और अपशिष्ट जल की निकासी सुविधाओं जैसे जल ढाँचे को भी भारी नुक़सान पहुँचा है.

IAEA के महानिदेशक रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी (मध्य), यूक्रेन स्थित ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र का दौरा करते हुए.
© IAEA

परमाणु विपत्ति से बचाव

यूक्रेन में युद्ध ने इतिहास में पहली बार ऐसा घटनाक्रम दर्ज किया है कि ये युद्ध, एक प्रमुख परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के ठिकानों के आसपास लड़ा जा रहा है.

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने इसी सप्ताह एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें, यूक्रेन में युद्ध के दौरान, परमाणु दुर्घटना की सम्भावना को टालने के लिए, अपनी गतिविधियों को रेखांकित किया है.

एजेंसी, ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में परमाणु सुरक्षा मज़बूत करने के लिए, एक संरक्षण ज़ोन लागू करने पर काम कर रहा है. यह परमाणु संयंत्र योरोप में सबसे बड़ा है, जिस पर युद्ध शुरू होने के समय से ही, रूसी सेनाओं ने क़ब्ज़ा कर रखा है.

इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर अनेक बार गोलीबारी हुई है जिससे परमाणु दुर्घटना की आशंकाओं ने भी बल पकड़ा.

एजेंसी के महानिदेशक रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने ध्यान दिलाया कि देश में अन्य चार ऊर्जा संयंत्रों को भी, सीधे गोलाबारी का निशाना बनाया गया है.

एजेंसी ने युद्ध काल में परमाणु सुरक्षा व संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सात अनिवार्य सिद्धान्त तैयार किए हैं, और इस युद्ध में उनमें से हर एक सिद्धान्त की अनदेखी की गई है.

रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने यूक्रेन के लोगों और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को भरोसा दिलाया है कि वो और एजेंसी, परमाणु दुर्घटना के ख़तरे को टालने के लिए, यूक्रेन के लोगों की मदद करने की भरसक कोशिश करेंगे.