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यूक्रेन युद्ध का एक वर्ष: 'युद्ध समाधान नहीं, समस्या है', यूएन महासचिव

उत्तरी यूक्रेन के चेरनीहीव में बमबारी में ध्वस्त इमारतों के पास से लोग गुज़र रहे हैं.
© UNDP/Oleksandr Ratushniak
उत्तरी यूक्रेन के चेरनीहीव में बमबारी में ध्वस्त इमारतों के पास से लोग गुज़र रहे हैं.

यूक्रेन युद्ध का एक वर्ष: 'युद्ध समाधान नहीं, समस्या है', यूएन महासचिव

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के शीर्षतम अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को, यूक्रेन मुद्दे पर यूएन महासभा के आपात विशेष सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि युद्ध समाधान नहीं, समस्या है, और यह समय बहुपक्षवादी व्यवस्था के लिए उपजे इस ख़तरे के कगार से वापिस लौट आने का है. उन्होंने आगाह किया कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को एक वर्ष पूरा हो रहा है, पिछले एक साल में पीड़ा और तबाही गहरी हुई है, और यह स्पष्ट है कि हालात अब भी बद से बदतर हो सकते हैं. इसके मद्देनज़र, उन्होंने यूएन चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून पर आधारित शान्ति प्रयासों को मज़बूत करने का आग्रह किया है.

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रूस के सैन्य बलों ने, 24 फ़रवरी 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण किया था, जिससे जान-माल की बड़ी हानि हुई है.

यूएन महासचिव ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का एक वर्ष, यूक्रेन की जनता और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गम्भीर पड़ाव है.

“यह आक्रमण हमारी सामूहिक चेतना पर एक चोट है. यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन है.”

महासचिव गुटेरेश ने क्षोभ प्रकट करते हुए कहा कि यूक्रेन युद्ध के मानव कल्याण और मानवाधिकारों के लिए नाटकीय नतीजे हुए है, और इसका असर यूक्रेन से परे भी महसूस किया जा रहा है.

“जैसाकि मैंने पहले दिन से ही कहा है, यूक्रेन पर रूस के हमले से, हमारी बहुपक्षवादी व्यवस्था के आधारशिला सिद्धान्तों और मूल्यों के लिए चुनौती उपजी है.”

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का चार्टर पूर्णतया स्पष्ट है: सभी सदस्य देश किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता और राजनैतिक स्वाधीनता के विरुद्ध, बल प्रयोग या उसकी धमकी से दूर रहेंगे.

महासचिव ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों – ख़ेरसॉन, ज़ैपोरिझिझिया, दोनेत्स्क और लुहांस्क – को अवैध ढग से हड़पे जाने की कोशिश पर स्पष्ट सन्देश दिया है कि बल प्रयोग या उसकी धमकी से किसी क्षेत्र को हड़पे जाने को क़ानूनी मान्यता नहीं दी जाएगी.

महासचिव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का रुख़ भी पूर्णतया स्पष्ट है. “हम, अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर, यूक्रेन की सम्प्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंड़ता के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

आपात विशेष सत्र फिर आरम्भ

इस बीच, यूक्रेन में जारी युद्ध के एक वर्ष पूरा होने की पूर्व संध्या पर, यूएन महासभा ने बुधवार को अपना 11वाँ आपात विशेष सत्र फिर से शुरू किया है, जिसमें शान्ति बहाली पर लक्षित एक प्रस्ताव के नए मसौदे पर विमर्श होगा.

महासभा अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने कहा कि लगभग पूरे एक साल से, इस वैश्विक मंच, यूएन महासचिव और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने युद्ध के अन्त और यूएन चार्टर व अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अनुपालन की पुकार लगाई है.

“बहुत सी ज़िन्दगियाँ, आजीविकाएँ, परिवार व समुदाय ख़त्म हो गए हैं. रूस ही, इस आक्रामकता और उसी के शुरू किए हुए इस युद्ध का अन्त कर सकता है.” अब तक 20 हज़ार लोगों व बड़ी संख्या में सैनिकों की मौत हुई है, और अनेक अन्य घायल हुए हैं. 

“रूस को इस नारकीय रक्तपात का अन्त करना होगा.”

यूएन महासभा का 11वाँ आपात विशेष सत्र के आरम्भ होने पर, एक नए प्रस्ताव का मसौदा पेश किया गया है, और दो संशोधन किए जाने का प्रस्ताव है.

इस मसौदे में तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने, रूस से यूक्रेन छोड़ कर जाने की मांग की गई है, और सभी पीड़ितों के लिए गम्भीर अपराधों के लिए जवाबदेही व न्याय की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है.

कगार से क़दम खींचने का समय

यूएन महासचिव ने अपने सम्बोधन में कहा, “यह समय कगार से अपने क़दम वापिस खींचने का है. इत्मीनान से बैठ जाने से संकट और अधिक गहरा होगा, और चार्टर में उदघोषित हमारे साझा सिद्धान्तों का क्षरण होगा.”

यूएन प्रमुख ने कहा कि युद्ध समाधान नहीं है, युद्ध समस्या है. “यूक्रेन में लोग विशाल पीड़ा भोग रहे हैं.”

महासचिव के अनुसार यूक्रेन, रूस और अन्य दूर स्थित देशों को शान्ति की आवश्यकता है.

“आज, भले ही हमें सम्भावनाएँ क्षीण नज़र आएँ, हम सभी को यह जानकर काम करना होगा कि असल, सतत शान्ति को यूएन चार्टर व अन्तरराष्ट्रीय क़ानून पर आधारित होना होगा.”

उन्होंने कहा कि यह लड़ाई जितने लम्बे समय तक खिंचती है, यह काम उतना ही मुश्किल होता जाएगा, और खोने के लिए हमारे पास समय नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित एक बस यूक्रेनी शरणार्थियों को, मोल्दोवा से रोमानिया ले जा रही है.
Victor Lacken/Lensman.eu

मानवीय सहायता प्रयास

यूएन के शीर्षतम अधिकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ अपने मानवीय राहत साझीदारों के साथ मिलकर, ज़मीनी स्तर पर ज़रूरतमन्द लोगों तक सहायता पहुँचा रही हैं.

“यूक्रेन में कुल 40 फ़ीसदी लोगों को मानवीय राहत की आवश्यकता है.”

“महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को निशाना बनाया गया है – जल, ऊर्जा, और तापीय प्रणाली, सर्दी के मौसम में बर्बाद हो गई है.”

यूएन एजेंसियाँ उन देशों के साथ भी सहयोग कर रही हैं, जोकि 80 लाख से अधिक यूक्रेनी शरणार्थियों की मेज़बानी कर रहे हैं. उन्होंने इसे दूसरे विश्व युद्ध के बाद से अब तक का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट क़रार दिया है.

“पिछले सप्ताह, यूएन ने यूक्रेन के लोगों के लिए 5 अरब 60 करोड़ डॉलर की मानवीय राहत अपील जारी की थी. मैं आपके पूर्ण समर्थन का आग्रह करता हूँ.”

यूएन प्रमुख के अनुसार, वह युद्ध आरम्भ होने के बाद से दो बार यूक्रेन का दौरा कर चुके हैं, जहाँ उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण और मानवाधिकार क़ानूनों के गम्भीर उल्लंघन के मामलों को सुना.

उन्होंने भरोसा दिलाया कि अन्य हिंसक टकरावों की तरह, संयुक्त राष्ट्र, यूक्रेन में भी न्याय और जवाबदेही तय किए जाने के लिए प्रतिबद्ध है.

यूक्रेन के ज़ैपरोझिझिया क्षेत्र के एक गाँव में राहत काफ़िले द्वारा मदद भेजी गई है.
OCHA Ukraine

काला सागर अनाज निर्यात पहल

यूएन प्रमुख ने बताया कि युद्ध की क्रूरता के बीच भी, समाधान की तलाश के लिए समन्वित और सृजनशील प्रयास किए जा रहे हैं.

इस क्रम में, काला सागर अनाज निर्यात पहल के ज़रिए वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मज़बूती देना सम्भव हुआ है, जिसमें तुर्कीये सरकार और संयुक्त राष्ट्र ने अहम भूमिका निभाई है.

मौजूदा चुनौतियों के बावजूद, यूक्रेन से अनाज व अन्य खाद्य वस्तुओं की खेप रवाना किए जाने की इस पहल से बड़ा बदलाव आया है.

महासचिव गुटेरेश के अनुसार इस पहल के रास्ते में पेश आने वाले हर अवरोध को हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं, और रूस से खाद्य वस्तुओं और उर्वरकों को वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचाने पर भी काम जारी है.

उन्होंने कहा कि भरोसे की गहरी कमी के बावजूद, युद्धरत पक्षों ने एक साथ मिलकर युद्ध बन्दियों के नियमित आदान-प्रदान के लिए प्रयास किए हैं, जिसमें क्षेत्रीय पक्षों की बड़ी भूमिका रही है.

यूक्रेन में ज़ैपोरिझिझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र.
Ⓒ IAEA

हालात बिगड़ने की आशंका प्रबल

यूएन प्रमुख ने कहा कि पिछले एक साल में पीड़ा और तबाही गहरी हुई है, और यह स्पष्ट होता जा रहा है कि हालात अब भी बद से बदतर हो सकते हैं.

योरोप के सबसे बड़े संयंत्र, ज़ैपरोझिझिया परमाणु ऊर्जा प्लांट के नज़दीक सैन्य गतिविधियों के कारण एक गम्भीर ख़तरा बना हुआ है.

यूएन प्रमुख ने इस इलाक़े की सुरक्षा के लिए अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के समन्वय में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है, और ध्यान दिलाया कि यूक्रेन के सभी परमाणु ऊर्जा प्लांट की सुरक्षा की गारंटी दी जानी होगी.

“युद्ध क्षेत्रीय अस्थिरता को भी हवा दे रहा है, और वैश्विक तनावों व दरारों को पैना कर रहा है, जबकि अन्य संकटों व अहम वैश्विक मुद्दों से ध्यान व संसाधन दूर होते जा रहे हैं.”

महासचिव ने कहा कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की अप्रत्यक्ष धमकियों को सुना गया है, और इन हथियारों का तथाकथित सामरिक इस्तेमाल पूरी तरह से अस्वीकार्य है.