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सीरिया: भूकम्प की त्रासदी के बीच, महिलाओं ने जताई शान्ति की उम्मीद

सीरिया में अलेप्पो के ऐल-मिदान ज़िले की एक मस्जिद में परिवारों ने शरण ली हुई है.
© UNHCR/Hameed Maarouf
सीरिया में अलेप्पो के ऐल-मिदान ज़िले की एक मस्जिद में परिवारों ने शरण ली हुई है.

सीरिया: भूकम्प की त्रासदी के बीच, महिलाओं ने जताई शान्ति की उम्मीद

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि सीरिया के उत्तर और पश्चिमोत्तर इलाक़े में, पिछले सप्ताह आए घातक भूकम्प के बाद, महिलाओं और लड़कियों के लिए महत्वपूर्ण मातृ स्वास्थ्य सेवाओं व अन्य कार्यक्रम "बड़े पैमाने पर बढ़ाए गए हैं."

अरब देशों के लिए यूएनएफ़पीए की क्षेत्रीय निदेशक लायला बेकर ने, बुधवार को न्यूयॉर्क में प्रैस वार्ता से पहले, अलेप्पो से यूएन न्यूज़ के साथ बात की, जहाँ महिलाएँ, आपदा के मलबे और युद्ध की तबाही के बीच शान्ति की गुहार लगा रही हैं.

उन्होंने बताया, "महिलाओं के हर एक समूह में, चाहे वो व्यक्तिगत हो या सामूहिक, उनका सन्देश एक ही था: बहुत हुआ. हम थक चुके हैं, और हम सुलह चाहते हैं. हम शान्ति चाहते हैं. और हम उम्मीद करते हैं कि इस बेहद अन्धकारमय क्षण में, हर किसी का दिल व दिमाग़, शान्ति की सम्भावनाओं के लिए खुलेगा.”

अपार मानवीय ज़रूरतें

ख़बरों के अनुसार, सीरिया और पड़ोसी देश तुर्कीये में आए दोहरे भूकम्प से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, और यह 41 हज़ार से ज़्यादा हो गई है.

संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के कार्यालय, ओसीएचए के अनुसार, केवल सीरिया में ही लगभग नब्बे लाख लोग प्रभावित हुए हैं, और विपक्षियों के अन्तिम गढ़, पश्चिमोत्तर में सबसे अधिक नुक़सान हुआ है, जहाँ लगभग 12 वर्षों से चल रहे संघर्ष के कारण पहले से राहत आवश्यकताएँ रिकॉर्ड ऊँचाईं पर थीं.

4 हज़ार700 से अधिक इमारतें नष्ट हो गई हैं, सड़कें पूरी तरह ध्वस्त हो गई हैं, और अलेप्पो में 42 लाख लोग व इदलिब में अन्य 30 लाख लोगों पर विनाशकारी असर पड़ा है.

UNFPA, संयुक्त राष्ट्र की प्रजनन और यौन स्वास्थ्य एजेंसी है और लायला बेकर, शहर में इसके क्लीनिकों के साथ-साथ अस्थाई आश्रय स्थलों का दौरा करके, भागीदारों एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया कर्मियों से बात करती रही हैं.

हालाँकि तबाही के स्तर और पैमाने को समझना असम्भव सा लगता है, लेकिन यह स्पष्ट है कि नुक़सान की जड़ें बहुत गहरी हैं.

ढह गईं इमारतें, धराशाई उम्मीदें

उन्होंने कहा, “यह केवल भौतिक विनाश का मसला नहीं है जो एक दशक से अधिक के संघर्ष और युद्ध से जटिल हो गया हो."

"यह उन लोगों का मसला है, जो अपने अस्तित्व के लिए लड़ते हुए थक चुके हैं और अब महसूस करते हैं कि जिस क्षण वे कुछ सामान्य स्थिति में लौटने लगे व उन्हें उम्मीद की किरण दिखाई दी, तभी इस प्राकृतिक आपदा, बड़े पैमाने पर आए इस भूकम्प ने उनकी उम्मीदों को ठीक उसी तरह तोड़ दिया, जिस तरह भूकम्प ने इमारतों को ध्वस्त किया है.”

सीरिया के उत्तर और पश्चिमोत्तर इलाक़े में आश्रयों में शरण लेने वाले विस्थापितों में, अधिकतर महिलाएँ और लड़कियाँ हैं.

भूकम्प से पहले, यूएनएफ़पीए और उसके सहयोगी, सुरक्षित जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के साथ-साथ, लिंग आधारित हिंसा से सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई कार्यक्रम चला रहे थे.

विनाश के बीच गरिमा

लायला बेकर ने कहा, "इन कार्यक्रमों का बड़े पैमाने पर विस्तार करना पड़ा है." उन्होंने बताया कि अस्थाई आश्रय स्थलों, मस्जिदों, स्कूलों और पार्कों तक, इन सेवाओं का एकीकरण व विस्तार किया गया है, ख़ासतौर पर जहाँ स्थितियाँ आदर्श नहीं हैं.

उन्होंने कहा, "मैं 'आश्रय' ज़रूर कह रहीं हूँ, लेकिन मैं इस शब्द का प्रयोग ऊपरी तौर पर ही कर रही हूँ. इनमें से कोई भी अस्थाई आश्रय, मानव आवश्यकताओं से पूरी तरह लैस नहीं है. वहाँ पानी की कमी है. स्वच्छता, बिजली, तापन की कमी है. कई स्थानों पर ठंड थी, कहीं अन्धेरा छाया था. लेकिन हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर, ज़मीनी स्तर पर महत्वपूर्ण सेवाएँ प्रदान करने की पूरी  कोशिश कर रहे हैं.”

यूएनएफ़पीए ने केवल अलेप्पो शहर में, लगभग 40 हज़ार महिलाओं और परिवारों को "गरिमा किट" वितरित की है. साथ ही, उन्हें बुनियादी स्वच्छता उत्पादों व अन्य व्यक्तिगत देखभाल की वस्तुएँ प्रदान की हैं, जिससे उनमें हालात सामान्य होने का अहसास जागृत हो सके.

यूएनएफ़पीए, साझीदारों के साथ मिलकर, उन दो अस्पतालों में चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति करने की भी कोशिश कर रहा है, जो अभी कार्यशील हैं.

'स्वास्थ्य के लिए शान्ति'

जारी युद्ध ने सीरियाई स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को तहस-नहस कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भूकम्प से पहले भी, समस्त स्वास्थ्य सुविधाओं में से केवल आधी ही कार्यशील थीं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (who) के वरिष्ठ अधिकारी पिछले सप्ताहान्त सीरिया में ही थे, जिनमें एजेंसी के प्रमुख, डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस और स्वास्थ्य आपात कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक, डॉक्टर माइकल रायन शामिल थे.

डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा से अपनी नियमित मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बुधवार को कहा, "मैंने पूरे के पूरे समुदायों का विनाश, अकथनीय पीड़ा और बचे हुए लोगों व राहत कर्मियों का दृढ़ संकल्प देखा है."

उन्होंने कहा कि WHO, जीवित बचे लोगों को देखभाल से सेवाएँ प्रदान कर रहा है, मनोवैज्ञानिक-सामाजिक ज़रूरतों से लेकर दवाओं तक. हालाँकि उन्होंने कहा कि "जीवन बचाने की कार्रवाई की यह केवल शुरुआत है."

डॉक्टर माइकल रायन ने कहा, “हमें स्वास्थ्य के लिए शान्ति चाहिए. मानवीय कार्यों का विस्तार करना जारी है. लेकिन, हमारी कार्रवाई, ज़मीन पर व्याप्त परिस्थितियों पर निर्भर होगी.”

बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई

WHO और UNFPA का यह समर्थन, सीरिया और तुर्कीये में भारी तबाही के बाद, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा चलाए जा रहे व्यापक राहत एवं बचाव प्रयासों का हिस्सा है.

उदाहरण के लिए, संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को बताया कि संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने पाँच वर्ष से कम एक लाख 13 हज़ार बच्चों और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली एक हज़ार महिलाओं को, तीन महीने के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों की ख़ुराक प्रदान करने में मदद की है.

इस बीच, विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफ़पी), विस्थापित परिवारों को खाने के लिए तैयार भोजन व अन्य खाद्य सामग्री वितरित कर रहा है.

लायला बेकर ने कहा, "हम यहाँ, संयुक्त राष्ट्र की बाक़ी टीमों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे आपस में बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जा सके ताकि सर्वाधिक ज़रूरतमन्द लोगों को तेज़ी से सेवाएँ प्राप्त हो सकें."

"यह एक विशाल एवं अतुलनीय अभियान है. किसी भी एक एजेंसी या देश के लिए सम्भवतः अकेले इसका सामना करना कठिन होगा."

सुलह की दिशा में एक क़दम?

इस सप्ताह, मानवीय सहायता कर्मियों ने तुर्कीये के साथ लगी सीमा पर दो अतिरिक्त सीमा चौकियाँ खोलने के सीरियाई सरकार के फ़ैसले का स्वागत किया, ताकि पश्चिमोत्तर इलाक़े में राहत सहायता पहुँचाई जा सके.

6 फ़रवरी को जब भूकम्प आया, तब शुरुआत में क़ाफ़िले, नौ साल पहले अपनाए गए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के तहत अधिकृत एकमात्र शेष सीमा चौकी, बाब-अल-हवा के ज़रिए प्रवेश कर रहे थे.

बुधवार तक, 117 ट्रक इस व एक अन्य सीमा चौकियाँ बाब-अल-सलाम से अन्दर जा चुके हैं, जिनमें से 30 क़ाफ़िले पहले दिन ही दाख़िल हुए थे.

लायला बेकर ने कहा कि सीरिया के इस क़दम का सहायता कार्यों पर "बहुत सकारात्मक प्रभाव" पड़ेगा. उन्होंने सीरिया के ख़िलाफ़ लगे प्रतिबन्ध अस्थाई रूप से हटाने के लिए, सम्बद्ध देशों और सहयोग के लिए तुर्की की सरकार को धन्यवाद दिया.

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि सुलह शुरू होने के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है. आख़िरकार, हमारे पास एक बिन्दु है, जिसपर हर कोई सहमत है व उन लोगों की मदद करने के लिए तैयार है, जिन्हें हमारी सहायता की आवश्यकता है. और यह निष्पक्ष है, फ़िलहाल इसमें मानवीय सहायता के अलावा और कुछ दिखाई नहीं दे रहा है.”

राहतकर्मियों के प्रति कर्तव्य

यूएनएफ़पीए ने क्षेत्र में अतिरिक्त गरिमा किटें और अस्पताल उपकरण वितरित करने की योजना बनाई है. साथ ही ज़मीनी स्तर पर कर्मियों की संख्या व समन्वय भी बेहतर किया जाएगा, "क्योंकि हमें अपने दाताओं की भावना का भी ध्यान रखना होगा."

उन्होंने बताया कि हालाँकि एजेंसी के कर्मचारी भी भूकम्प से सदमे में हैं, फिर भी वे हर दिन अथक परिश्रम कर रहे हैं. कुछ तो, अपना काम पूरा करने के बाद, अपनी कारों में ही सो रहे हैं.

तात्कालिक कार्रवाई जारी

संयुक्त राष्ट्र ने इस सप्ताह सीरिया के लिए लगभग 40 करोड़ डॉलर की अपील जारी की है, और तुर्कीये के लिए इसी तरह की अपील को अन्तिम रूप दिया जा रहा है.

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता, स्तेफ़ान दुज़ैरिक ने बुधवार को न्यूयॉर्क में कहा कि सीरिया में विभिन्न क्षेत्रों की प्राथमिकताओं की पहचान करने के लिए प्रयास तेज़ी से बढ़ाए जा रहे हैं और अधिक आकलन करने की रणनीति तैयार की जा रही है.

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और अन्तर-एजेंसी स्थाई समिति के मानवीय सहायता भागीदारों ने, छह महीने के लिए प्रणालीगत विस्तार करने की घोषणा की है.

स्तेफ़ान दुज़ैरिक ने कहा, “इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि हम सामूहिक रूप से भूकम्प प्रभावित क्षेत्रों में तात्कालिक कार्रवाई के लिए, समस्त सम्भव साधन एवं संसाधन तैनात कर रहे हैं.”