WHO: विभिन्न प्रकोपों के मद्देनज़र, स्वास्थ्य प्रणालियाँ मज़बूत करने की आवश्यकता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ने कहा है कि वर्तमान बीमारियों के प्रकोप, इस बात का संकेत हैं कि हर एक देश को, तत्काल अपनी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियाँ मज़बूत करने की आवश्यकता है.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक, डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने बुधवार को पत्रकारों से कहा है कि मारबर्ग और मंकीपॉक्स के प्रकोप, कोविड -19 के कारण आज भी हर सप्ताह 10 हज़ार से अधिक मौतें, और सीरिया और तुर्कीये में घातक भूकम्प के लिए चल रही आपातकालीन सहायता प्रयासों के मद्देनज़र, यह आहवान किया गया है.
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उन्होंने कहा, "ये मौजूदा स्थितियाँ साथ मिलकर, सभी देशों में स्वास्थ्य प्रणालियों के पुख़्ता निर्माण की महत्वपूर्ण आवश्यकता की ओर इशारा करती हैं," जो ऐसी आपातस्थितियों से निपटने में सक्षम हों.
उन्होंने हाल ही की अपनी सीरिया यात्रा को याद करते हुए कहा कि एक दशक से अधिक के संघर्ष ने, देश के स्वास्थ्य ढाँचे को भूकम्प के बाद की स्थिति से निपटने में असमर्थ बना दिया है. पूरे के पूरे शहर नष्ट हो गए हैं, मानों युद्ध की विरासत पेश कर रहे हों.
उन्होंने कहा कि हाल के ये प्रकोप, तत्काल स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत करने की ज़रूरत पर प्रकाश डालते हैं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) इक्वेटोरियल गिनी में हाल के प्रकोप से निपटने के लिए, देश की सरकार के साथ मिलकर, मारबर्ग के संदिग्ध मामलों की तेज़ी से पहचान करने की दिशा में काम कर रही है. मारबर्ग, इबोला जैसा विरला वायरस है जिसकी मृत्यु दर 88 प्रतिशत तक है.
अभी तक, इससे नौ लोगों की मौत होने की सूचना मिली है, हालाँकि पड़ोसी कैमरून और गैबॉन देशों से, किसी पुष्ट मामले की जानकारी नहीं है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए टीके विकसित किए जा रहे हैं, और क्लीनिकल परीक्षणों जैसे किसी भी निर्णय में इक्वेटोरियल गिनी की सहमति आवश्यक होगी.
WHO के एक डॉक्टर आब्दी महमूद ने बताया कि कोविड-19 महामारी से सीखे गए सबक़, निकटवर्ती देशों में मामलों की निगरानी के मौजूदा अभियान में पहले ही समाहित किए जा चुके हैं.
WHO ने जारी प्रयासों और मंकीपॉक्स के मामलों में निरन्तर गिरावट को स्वीकार करते हुए बताया कि वर्तमान में 30 से अधिक देशों में इसके मामल सामने आ रहे हैं.
डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने आगाह किया, "वैश्विक स्तर पर यह प्रकोप, एक सार्वजनिक आपातस्थिति बना हुआ है."
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सभी मामलों की रिपोर्टिंग न होना भी चिन्ता का विषय रहता है, विशेष रूप से उन देशों में, जहाँ पहले मामले सामने आए हैं. उन्होंने सभी देशों से निगरानी प्रयास जारी रखने की अपील की.
मंकीपॉक्स, मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ़्रीका के उष्णकटिबन्धीय वर्षावन क्षेत्रों में होने वाली एक दुर्लभ वायरस बीमारी है, जो दुनिया के अन्य हिस्सों में देखी जा रही है. 110 देशों में इसके, 80 हज़ार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 55 लोगों की मौत की सूचना मिली है.
WHO के प्रमुख ने कहा कि हालाँकि कोविड महामारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने व मौतों की संख्या में कमी आई है, लेकिन दुनिया भर में अभी भी हर सप्ताह 10 हज़ार मौतें हो रही हैं.
उन्होंने कहा, "यह 10 हज़ार मौतें उस बीमारी के लिए हद से ज़्यादा हैं, जिसकी रोकथाम सम्भव है."
ओमिक्रॉन स्ट्रेन के उप प्रकार भी, अपनी बढ़ी हुई संप्रेषणीयता और मारक क्षमता के कारण चिन्ता का विषय बने हुए हैं.
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कोविड-19 से मौत का शिकार होने वाले और प्रभावित हुए लाखों लोगों के मद्देनज़र कहा कि वैज्ञानिक और नैतिक कारणों से, महामारी की उत्पत्ति का पता लगाना, अगली बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा, "नैतिक रूप से, यह जानना महत्वपूर्ण है कि हमने अपने प्रियजन को कैसे खोया. हमें तब तक खोज जारी रखनी होगी, जब तक हमें इस महामारी की उत्पत्ति और कारण के बारे में उचित जवाब नहीं मिल जाते."
कोविड-19, इबोला, मारबर्ग और अन्य बीमारियों की उत्पत्ति के बारे में अभी हम अनजान हैं, लेकिन जाँच जारी है.
हालाँकि डब्ल्यूएचओ को इसका अध्ययन करने के लिए, किसी भी देश में अपनी मर्ज़ी से जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन नवीन रोगजनक उत्पत्ति पर उसके वैज्ञानिक सलाहकार समूह (एसएजीओ) को अगले क़दम की पूर्ण जानकारी है.