टिकाऊ विकास एजेंडा को साकार करने के लिए, कथनी को करनी में बदलने की दरकार

टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अभी और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है.
© UNICEF/Ricardo Franco
टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अभी और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है.

टिकाऊ विकास एजेंडा को साकार करने के लिए, कथनी को करनी में बदलने की दरकार

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को यूएन महासभा को सम्बोधित करते हुए आग्रह किया है कि दुनिया को, टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के रास्ते पर वापिस लाने के लिए प्रयासों मज़बूत किए जाने की आवश्यकता है.  

यूएन प्रमुख ने बताया कि ‘हमारा साझा एजेंडा’ में उल्लिखित सिफ़ारिशों को वैचारिक धरातल से क्रियान्वयन की अवस्था में लाने की अहमियत पर बल दिया. 

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'हमारा साझा एजेंडा' वर्ष 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान प्रस्तुत किया गया था, जिसमें टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा को साकार करने के लिए मार्ग प्रदान किया गया है.

इस क्रम में, यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने एक प्रगति रिपोर्ट पेश की और कार्रवाई की पुकार लगाई.    

टिकाऊ विकास लक्ष्यों को 2030 तक हासिल किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसका आधा सफ़र तय किया जा चुका है, प्रगति दर्ज की गई है, मगर अभी और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है.

“2030 की ओर आधे पड़ाव में, हम अभी मार्ग से बहुत दूर हैं.”

“इसे एक ऐसा वर्ष बनाना होगा जब हम ज़्यादा कारगर वैश्विक सहयोग के लिए बुनियाद तैयार करें, जोकि आज की चुनौतियों से निपट सकें, और आगे पेश आने वाले जोखिमों और ख़तरों से भी.”

महासचिव गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा कि शब्दों को कार्रवाई में तब्दील करना अहम होगा, और पुख़्ता प्रयासों के ज़रिए उन चुनौतियों पर पार पाना सम्भव है, जोकि 2015 के बाद उभरी हैं.

इनमें अन्तरसरकारी सहयोग के क्षेत्र में व्याप्त खाई भी है.  

उन्होंने जिन ठोस क़दमों का उल्लेख किया, उनमें जलवायु घटनाओं के कारण होने वाली ‘हानि व क्षति का मुद्दा, एक स्वच्छ, स्वस्थ और टिकाऊ पर्यावरण के अधिकार को मान्यता मिलना, शिक्षा में रूपान्तरकारी बदलावों पर केन्द्रित शिखर बैठक, रोज़गार व सामाजिक संरक्षा पर वैश्विक ऐक्सैलरेटर और युवजन के लिए यूएन कार्यालय की स्थापना है.

कगार के नज़दीक

महासचिव गुटेरेश ने आगाह किया कि ये केवल अभी एक शुरुआत हैं.

“हमें अभी आगे और अधिक गहराई तक जाना है. जलवायु पर, हिंसक टकराव पर, असमानता पर, खाद्य असुरक्षा पर, और परमाणु हथियारों पर – हम पहले के मुक़ाबले मंज़िल के कहीं अधिक नज़दीक हैं.”

यूएन प्रमुख के अनुसार सामूहिक रूप से समस्याओं के समाधान निकालने के लिए बनाए गए तंत्र, चुनौतियों के स्तर से मेल नहीं खाते हैं.  

उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि बहुपक्षीय शासन व्यवस्था के मौजूदा रूप, जिस दौर के लिए बनाए गए थे, वो बीत चुका है और और वे आज के जटिल, आपस में गुँथे हुई, तेज़ी से बदलती हुई और ख़तरनाक दुनिया के लिए पर्याप्त नहीं हैं.

‘एसडीजी को बचाना होगा’

इस वर्ष सितम्बर में यूएन मुख्यालय में ‘एसडीजी शिखर बैठक’ आयोजित की जाएगी, जोकि 2030 एजेंडा की प्राप्ति के रास्ते में आधे पड़ाव को प्रदर्शित करती है.

उन्होंने सदस्य देशों से आग्रह किया कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों को बचाने के लिए एक स्पष्ट संकल्प दर्शाना होगा, जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर रूपान्तराकारी, ठोस योजनाओं पर आधारित मानदंडों व संकल्पों की आवश्यकता होगी.

“एसडीजी शिखर बैठक में किसी को भी पीछे ना छूटने देने के हमारे संकल्प को क़ानून और नीति में एक वास्तविकता मे बदलना होगा.”

हमारा साझा एजेंडा में टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा को साकार करने के लिए मार्ग प्रदान किया गया है.
UNDP

नए नीतिगत पत्र

यूएन प्रमुख ने जी-20 देशों के समूह के लिए अपनी अपील दोहराई है, जिसमें विकासशील देशों को समर्थन देने के लिए, एसडीजी शिखर बैठक से पहले, 500 अरब डॉलर के वार्षिक स्फूर्ति पैकेज पर सहमति की बात कही गई है.

उन्होंने बताया कि उनका कार्यालय जल्द ही 11 नए नीतिपत्र जारी करेगा, जिसमें साइबर जगत में पनपी चुनौतियों से लेकर, एक अधिक कारगर वैश्विक अर्थव्यवस्था के निर्माण जैसे अहम मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा.

महासचिव के अनुसार इनमें से अनेक नीतिगत पत्रों के प्रस्तावों से वर्ष 2024 में आयोजित होने वाली ‘भविष्य की शिखर बैठक’ की तैयारियों में योगदान मिलेगा, जिसके एक पीढ़ी में आने वाले अवसर बताया गया है.

बताया गया है कि यह बैठक वैश्विक कार्रवाई में नई स्फूर्ति भरने, बुनियादी सिद्धान्तों के लिए प्रतिबद्धता दर्शाने, और ऐसे बहुपक्षीय फ़्रेमवर्क विकसित किए जाने का अवसर है, ताकि हम उस दुनिया की ओर बढ़ सकें, जिसकी हमें आकांक्षा है.