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सीरिया: भूकम्प प्रभावित इलाक़ों में यूएन सहायता और वरिष्ठ अधिकारियों के दौरे जारी

यूएन आपदा राहत एजेंसी - OCHA के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स, बाब-अल-हवा सीमा चौकी के, तुर्कीये की तरफ़ के इलाक़े का दौरा करते हुए.
UN News
यूएन आपदा राहत एजेंसी - OCHA के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स, बाब-अल-हवा सीमा चौकी के, तुर्कीये की तरफ़ के इलाक़े का दौरा करते हुए.

सीरिया: भूकम्प प्रभावित इलाक़ों में यूएन सहायता और वरिष्ठ अधिकारियों के दौरे जारी

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत एजेंसी – OCHA ने सीरिया में भूकम्प से हुए विनाश के माहौल में, अपने सहायता अभियान जारी रखने के साथ-साथ इन अभियानों का दायरा, देश के पश्चिमोत्तर इलाक़ों में भी बढ़ाया है जहाँ अत्यधिक विनाश हुआ है.

यूएन मानवीय सहायता एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को भी देश का दौरा जारी रखा, जब एजेंसी के मुखिया मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने रविवार को सीरिया और तुर्कीये के बीच सीमा चौकी बाब-अल-हवा का जायज़ा, तुर्कीये की तरफ़ पहुँचकर लिया.

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यही एक मात्र सीमा चौकी है जहाँ से होकर यूएन सहायता सामग्री सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में पहुँचती है, इसे सुरक्षा परिषद की स्वीकृति प्राप्त है.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों के कार्यालय – OCHA के अनुसार, पश्चिमोत्तर इलाक़े में भी 4 हज़ार 300 से अधिक मौतें होने और लगभग 7 हज़ार 600 लोगों के घायल होने की ख़बरें हैं.

भूकम्प आने से पहले क़रीब 41 लाख लोग पहले ही मानवीय सहायता पर निर्भर थे, और इस समय आवश्यकताएँ अभूतपूर्व ऊँचाई पर हैं.

स्वास्थ्य ढाँचे का विनाश

सीरिया में 12 वर्षों से जारी युद्ध, कोविड-19 महामारी, हैज़ा संक्रमण फैलाव और आर्थिक पतन के साथ-साथ, अब भूकम्प नवीनतम संकट है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपदा निदेशक डॉक्टर माइकल रायन का कहना है कि देश में 12 वर्षों के युद्ध ने स्वास्थ्य व्यवस्था को ध्वस्त करके रख दिया है.

भूकम्प से पहले, केवल 50 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाएँ संचालन में थीं, मगर विनाश का वास्तविक दायरा, उससे भी कहीं ज़्यादा है.

डॉक्टर माइकल रायन ने कहा, “स्वास्थ्य ढाँचे को केवल भौतिक नुक़सान ही नहीं हुआ है, बल्कि स्वास्थ्य कर्मियों का काम छोड़कर चले जाना, वेतन का नुक़सान, प्रशिक्षण का नुक़सान. ये एक तरह से पूरी व्यवस्था को, धीरे-धीरे लगने वाली चोटों से होने वाली मौत के समान है.”

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने हतय नामक स्थान पर यूएन हब का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने 10 ट्रकों का एक क़ाफ़िला तैयार होते देखा, जिसमें अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) द्वारा उपलब्ध कराई गई राहत सामग्री, सीरिया के लिए रवाना की जा रही थी.

सोमवार को तुर्कीये के उत्तरी इलाक़े में भूकम्प आने के बाद से, ये संयुक्त राष्ट्र की सीमा पार सहायता का चौथा क़ाफ़िला था. इस भूकम्प में सीमा के दोनों तरफ़ लोग प्रभावित हुए हैं.

संयुक्त राष्ट्र की सहायता सामग्री का छह ट्रकों का पहला क़ाफ़िला, महत्वपूर्ण सड़कें ध्वस्त होने से उत्पन्न हुई अस्थाई बाधा के बाद, गुरूवार को सीरिया में दाख़िला हुआ था.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी सीरिया में भूकम्प से हुए विनाश का सामना करने के लिए, मानवीय सहायता के तहत, चिकित्सा सामग्री भेज रहा है.
WHO

आईओएम के 14 ट्रकों का दूसरा क़ाफ़िला शुक्रवार को सीरिया में दाख़िल हुआ था, जिसके बाद तीसरा क़ाफ़िला शनिवार को दाख़िल हुआ, जिसमें 22 ट्रक शामिल थे. उनमें दवाइयाँ, हैज़ा परीक्षण किटें, कम्बल, स्वच्छता किटें, सौर लैम्प और अन्य राहत सामग्री भरे हुए थे.

यूएन आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA का कहना है कि सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में भूकम्प के झटके लगातार महसूस किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को अपने घर छोड़कर चले  जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है.

राजनीतिक को एक तरफ़ रख दें – यूएन दूत

इस सीरिया के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन एक पूर्व नियोजित यात्रा पर रविवार को, सीरिया की राजधानी दमिश्क पहुँचे हैं.

उन्होंने पुष्टि की है कि मानवीय सहायता कर्मी सभी ज़रूरतमन्द लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए यथासम्भव प्रयास करेंगे, और उन्होंने मानवीय सहायता प्रयासों को अपना समर्थन भी रेखांकित किया.

उन्होंने कहा, “हम स्वभाविक रूप से द्विपक्षीय देशों के साथ सम्पर्क साध रहे हैं, हम धनराशि का प्रबन्ध करने की कोशिश कर रहे हैं और हम सभी से राजनीति को एक तरफ़ रख देने की पुकार लगा रहे हैं. यह समय, सीरियाई लोगों की मदद करने के एक साझा प्रयास के पीछे एकजुट होने का है.”

गेयर पैडरसन ने नियंत्रण रेखाओं से परे और सीमा पार सहायता की उपलब्धता की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया है.

उन्होंने कहा, “मैं यूएन मानवीय सहायता परिवार के साथ निकट सम्पर्क में हूँ, हम इस सहायता को सम्भव बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं. और यही मेरी सीरिया यात्रा के दौरान मेरा मुख्य सन्देश है.”