सीरिया: संयुक्त राष्ट्र का पहला सहायता क़ाफिला घटनास्थल पर पहुँचा

सीरिया में विनाशकारी भूकम्प के बाद मानवीय सहायता सामग्री लेकर संयुक्त राष्ट्र का पहला क़ाफ़िला गुरूवार को सीरिया देश में पहुँचा है. इस भीषण भूकम्प के कारण तुर्कीये से आपूर्ति श्रृंखलाएँ पूरी तरह कट गईं और प्रभावित इलाक़ों में पीड़ित लोगों तक पहुँच पाना कठिन हो गया है.
सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने सीरिया के प्रभावित इलाक़ों में पहुँचने वाली सहायता सामग्री का "राजनीतिकरण" होने से बचाने और सहायता जारी रखे जाने आहवान किया है.
.@GeirOPedersen Emergency response must not be politicized. We must instead focus on what is needed urgently to help..those who we can still save, those whose lives are devastated by one of the most catastrophic earthquakes the region has seen... https://t.co/4qXfynzDw2 https://t.co/QZnJXGDk5V
UNEnvoySyria
उन्होंने जिनीवा में पत्रकारों से कहा, “नागरिकों को, चाहे वो सीमा पर हों या फिर सीरिया सीमा के पार हों, उन्हें, सहायता, जीवन रक्षक सहायता की सख़्त आवश्यकता है.”
“ज़रूरतमन्द लोगों तक जल्द मदद पहुँचानी होगी, हमें सबसे तेज़, प्रत्यक्ष और सबसे प्रभावी मार्गों के माध्यम से ये सहायता पहुँचानी होगी, प्रभावित लोगों को इस समय समर्थन सेवाओं की सख़्त ज़रूरत है.”
मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के अनुसार, मानवीय सहायता सामग्री लिए छह ट्रक गुरूवार को सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में बाब अल-हवा में पहुँचे हैं, जिनमें आश्रय व्यवस्था, और अन्य आवश्यक राहत आपूर्ति शामिल हैं.
सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने ज़ोर देकर कहा कि इस सहायता अभियान का राजनीतिकरण न किया जाए और “इस समय हमारा ध्यान केवल प्रभावित लोगों को बचाने पर होना चाहिए.”
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों की चेतावनी के बाद विशेष दूत ने जारी अपील में बुधवार को कहा था कि देश में भूकम्प आपदा से पहले, मानवीय सहायता की आवश्यकता वाले लोगों की संख्या एक करोड़ 53 लाख थी; और इस संख्या को संशोधित करके अब और अधिक करना होगा.
पैडरसन ने ज़ोर देते हुए कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जीवन रक्षक सहायता मुहैया करने में कोई भी बाधा न आए.”
देश में पिछले एक दशक से भी अधिक समय से जारी युद्ध के कारण, आबादी का एक बड़ा हिस्सा मानवीय राहत पर निर्भर है.
उन्होंने सीरिया के लिए मानवीय कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा, "मैं आज बैठक में भाग लेने वाले विभिन्न सदस्य देशों के बीच एकजुटता से बेहद प्रभावित हुआ हूँ."
सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन से पूछा गया कि क्या सीरिया पर लगे कुछ प्रतिबन्धों को हटाने का समय आ गया है ताकि जरूरतमन्द लोगों तक आवश्यक सहायता की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और योरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि पुरज़ोर कोशिश की जाएगी और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि इस सहायता अभियान में कोई रूकावट न आए.”
बचाव दल दोहरे भूकम्प की त्रासदी से प्रभावित क्षेत्रों में मलबे से लोगों को जीवित निकालने में अथक जुटे हुए हैं, लेकिन मलबे में फँसे हुए लोगों को जीवित निकाल पाने की सम्भावना अब धीरे-धीरे कम होती जा रही है.
मानवीय सहायता कर्मियों के अनुसार, ऐसी स्थितियों में पहले 72 घंटे हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं, सोमवार की सुबह रिक्टर पैमाने पर 7.8 तीव्रता के साथ पहला भूकम्प तुर्कीये में ग़ाजियान्तेप में आया और इसके कई घंटो बाद दूसरा भूकम्प 7.5 तीव्रता के साथ आया.
प्राप्त समाचारों के अनुसार, भूकम्प में अब तक 17 हज़ार से अधिक लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं. हताहतों की संख्या और अधिक होने की आशंका है.
विशेष दूत ने बताया, “इस समय जब हम यहाँ ये बातचीत कर रहे हैं, वहाँ दोनों देशों के बहुत से लोग इस कठोर सर्दी के मौसम में मलबे के नीचे फँसे हुए हैं. ये भूकम्प उस समय आया जब पहले से ही सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में एक लम्बे संघर्ष जारी था और इस आपदा के बाद हालात और भी बिगड़ चुके हैं.”
संयुक्त राष्ट्र के आकलन के अनुसार, भूकम्प से पहले सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में सीमा पार क्षेत्र में, चालीस लाख से अधिक लोग केवल मानवीय सहायता पर निर्भर हैं.
सीरिया को वहाँ की सरकार, विपक्षी दलों और अन्य सशस्त्र समूहों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में विभाजित किया गया है. भूकम्प के कारण सरकार और विपक्षी क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं.
सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन का कहना है कि, “हमें पश्चिमोत्तर के क्षेत्रों तक पहुँचने में समर्थन की आवश्यकता है, हमें सरकार द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों तक पहुँच में समर्थन चाहिए, विशेष रूप से प्रभावित हुए अलेप्पो और हामा... और हम जानते हैं कि अलेप्पो व दमिश्क के हवाई अड्डों को भी कुछ सहायता प्राप्त हो रही है.”
उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित हिस्सों में, मानवीय सहायता कर्मियों ने रसद, कुशल बचाव दल और अस्थाई आश्रय स्थलों की तत्काल आवश्यकता के बारे में बताया है. संयुक्त राष्ट्र, आपातकालीन टीमों और राहत दलों को मौक़े पर पहुँचाने में सहायता कर रहा है.