यूक्रेन: हथियारों के हस्तान्तरण से शान्ति प्रयासों को ठेस ना पहुँचने देने का आग्रह

निरस्त्रीकरण मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र की उच्च प्रतिनिधि इज़ूमी नाकामित्सू ने सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को सम्बोधित करते हुए सचेत किया है कि यूक्रेन में अन्य देशों से बड़ी संख्या में शस्त्र व सैन्य उपकरण पहुँच रहे हैं, मगर इनके हस्तान्तरण के दौरान अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा व नियंत्रण तंत्रों का सख़्ती से पालन किया जाना आवश्यक है. साथ ही, उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इन हथियारों के हस्तान्तरण की वजह से शान्ति के लिए आकाँक्षाओं को ठेस पहुँचने से रोका जाना होगा.
Today, @UN_Disarmament High Representative @INakamitsu briefed the @UN Security Council on threats to international peace and security, focusing on the war in Ukraine and the issue of supplies of armaments.
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UN_Disarmament
सुरक्षा परिषद में बुधवार को यह बैठक रूसी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल के अनुरोध पर बुलाई गई थी.
निरस्त्रीकरण मामलों के लिए यूएन की उच्च प्रतिनिधि ने कहा कि अनेक देशों की सरकारों ने पहले से ही यूक्रेन को भारी पारम्परिक हथियार व आयुध सामग्री प्रदान की हैं.
इनमें रणभूमि के लिए वाहन, हवाई सुरक्षा के लिए क्षमता, भारी तोपख़ाना प्रणाली और बिना चालक दल के वायुयान, ड्रोन समेत अन्य हथियार हैं.
इज़ूमी नाकामित्सू ने बताया कि हाल के दिनों में अनेक देशों ने और अधिक भारी-भरकम सैन्य उपकरण, अत्याधुनिक शस्त्र प्रणालियाँ, जैसेकि टैंक मुहैया कराए जाने की मंशा ज़ाहिर की है.
उन्होंने कहा कि विशाल स्तर पर हथियारों के हिंसक टकराव से प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचने से लड़ाई और भड़कने का जोखिम होगा, जिसके मद्देनज़र, हथियार हस्तान्तरण के लिए अन्तरराष्ट्रीय प्रोटोकाल का सख़्ती से पालन किया जाना होगा.
यूक्रेन में हथियार हस्तान्तरण के अलावा, उच्च प्रतिनिधि ने अन्य देशों द्वारा यूक्रेन में इस्तेमाल के लिए रूसी सैन्य बलों को युद्धक ड्रोन समेत अन्य हथियार भेजे जाने का उल्लेख किया.
उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार, किसी भी प्रकार के शस्त्रों और आयुध सामग्री के हस्तान्तरण से पहले, जोखिम मूल्याँकन व उन्हें रवाना किए जाने के बाद नियंत्रण उपायों पर विचार होना चाहिए.
उच्च प्रतिनिधि ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध का आम नागरिकों पर भीषण असर हुआ है. यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के अनुसार रूसी सैन्य बलों के आक्रमण के बाद से अब तक 18 हज़ार से अधिक आम नागरिक हताहत हुए हैं.
उन्होंने दोनों पक्षों से आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दायित्व का निर्वहन करने का आग्रह किया.
संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थाई प्रतिनिधि राजदूत वेसिली नेबेन्ज़िया ने बुधवार को हुई बैठक के दौरान कहा कि यूक्रेन में पिछले तीन महीनों से लगातार, हथियारों की आपूर्ति का सिलसिला, बिना रुके जारी है.
उन्होंने बताया कि कुछ रक्षा कम्पनियों के शेयर मूल्यों में उछाल आया है, और पश्चिमी देशों के लिए यूक्रेन, अपना रक्षा बजट बढ़ाने और घरेलू हथियार निर्माताओं का राजस्व बढ़ाने का एक बहाना है.
रूसी महासंघ के प्रतिनिधि के अनुसार, कुछ देश भाड़े के सैनिकों और सेवाकर्मियों को यूक्रेन में रणभूमि में भेज रहे हैं, जिनके बिना यूक्रेन के लिए पश्चिमी हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल कर पाना सम्भव नहीं होता.
इस पृष्ठभूमि में, उन्होंने कहा कि यूक्रेन और उसके समर्थक, विभिन्न प्रकार के अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण क़ानूनों के गम्भीर हनन के लिए उत्तरदाई हैं.
संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के स्थाई प्रतिनिधि सर्गेई किस्लित्स्या ने रूस से महासभा और अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा यूक्रेनी क्षेत्र से अपने सैनिको को तत्काल वापिस बुलाए जाने की मांग को तत्काल लागू किए जाने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि रूस ने इस युद्ध के विकल्प को चुना है.
यूक्रेनी प्रतिनिधि ने यूएन चार्टर के अनुच्छेद 51 का उल्लेख किया, जिसमें किसी यूएन सदस्य देश द्वारा सशस्त्र हमला किए जाने की स्थिति में, देशों को वैयक्तिक या सामूहिक आत्मरक्षा के अन्तर्निहित अधिकार के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है.
राजदूत सर्गेई किस्लित्स्या ने कहा कि यदि सुरक्षा परिषद इस दुष्टतापूर्ण कृत्य के लिए उत्तरदाई पक्ष को दंडित नहीं करती है, तो फिर हमें और अन्य सभी ज़िम्मेदार देशों को हमारी साझा भलाई के लिए अपना काम करने दें.