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बच्चों में निहित सम्भावनाओं को साकार करने के लिए, स्वास्थ्य व पोषण में निवेश पर बल

बुरुंडी के एक प्राथमिक स्कूल में बच्चे भोजन कर रहे हैं.
WFP/Hugh Rutherford
बुरुंडी के एक प्राथमिक स्कूल में बच्चे भोजन कर रहे हैं.

बच्चों में निहित सम्भावनाओं को साकार करने के लिए, स्वास्थ्य व पोषण में निवेश पर बल

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र की तीन एजेंसियों ने बुधवार को प्रकाशित अपनी एक रिपोर्ट में सचेत किया है कि स्कूलों में स्वास्थ्य व पोषण कार्यक्रमों में निवेश से बच्चों पर सकारात्मक असर होता है, इसके बावजूद विश्व भर में क़रीब एक-तिहाई स्कूलों में सुरक्षित पेयजल और बुनियादी साफ़-सफ़ाई की व्यवस्था नहीं है.

विश्व भर में, स्कूली-आयु के बच्चों व किशोरों की स्वास्थ्य ज़रूरतों में हर साल केवल दो अरब डॉलर का निवेश किया जाता है, जबकि निम्न- और निम्नतर-मध्य-आय वाले देशों में इस आयु समूह को शिक्षित करने का व्यय 210 अरब डॉलर है.

फ़िलहाल, हर तीन में से एक स्कूल में सुरक्षित पेयजल और साफ़-सफ़ाई की बुनियादी सुविधा नहीं है. इसका अर्थ है कि लगभग 58 करोड़ बच्चों की स्कूलों में सुरक्षित पेयजल सेवा तक पहुँच नहीं है. इनमें से क़रीब 40 प्रतिशत सब-सहारा अफ़्रीका में रहते हैं.

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दुनिया में लगभग सभी देशों में स्कूलों में बच्चों को आहार प्रदान किया जाता है, लगभग सात करोड़ सर्वाधिक निर्बल बच्चों को ज़मीनी स्तर पर इन आहार कार्यक्रमों का लाभ नहीं मिल पाता है.

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने यह रिपोर्ट संयुक्त रूप से प्रकाशित की है.

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले ने कहा कि सुरक्षित व स्वस्थ स्कूलों में बच्चों की सर्वोत्तम पढ़ाई होती है. “इसके बावजूद, अनेक शैक्षणिक संस्थानों में अति-आवश्यक पेयज और साफ़-सफ़ाई सुविधा समेत अच्छा स्वास्थ्य व कल्याण सुनिश्चित करने के साधनों का अभाव है.”

Ready to learn and thrive: School health and nutrition around the world’ की शीर्षक वाली रिपोर्ट दर्शाती है कि स्वास्थ्य और पोषण के प्रावधान से बच्चों को स्कूल आने और वहाँ रहने के लिए प्रोत्साहन मिलता है.

केवल स्कूली आहार से बच्चों के पंजीकरण व उनकी उपस्थिति में क्रमश: 9 प्रतिशत और 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

बताया गया है कि कृमिहरण (De-worming) यानि पेट में कीड़ों को मारने, और सूक्ष्म पोषक तत्वों को प्रदान करने के परिणामस्वरूप, बच्चों द्वारा अतिरिक्त ढाई साल स्कूल में पढ़ाई की सम्भावना बढ़ जाती है.

रिपोर्ट में बच्चों की आँखों की देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य व कल्याण को बढ़ावा देने, और स्कूल में हिंसा की रोकथाम समेत अन्य मुद्दों से निपटने की भी बात कही गई है.

यूएन विशेषज्ञों का मानना है कि इन उपायों में निवेश करने से देशों को लाभ होगा, और बच्चों के लिए दैनिक जीवन व पढ़ाई-लिखाई के माहौल को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.

उदाहरणस्वरूप, स्कूलों में भोजन के कार्यक्रमों से हर एक डॉलर के निवेश के ज़रिये 9 डॉलर का लाभ हो सकता है.

मानसिक स्वास्थ्य पर केन्द्रित स्कूली कार्यक्रमों से हर एक डॉलर के निवेश पर लगभग 21 डॉलर का लाभ हो सकता है.

समाधान व निवेश

विश्व भर में 10 में से 9 देशों में स्कूलों में स्वास्थ्य व पोषण कार्यक्रमों में निवेश किया जाता है, मगर इन निवेशों में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्नताएँ देखने को मिलती हैं, और अक्सर आवश्यकताओं की तुलना में ये अपर्याप्त साबित होते हैं.

यूनेस्को और साझेदार संगठनों ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से स्कूलों में स्वास्थ्य, पोषण व सामाजिक संरक्षण में निवेश करने के लिए देशों का समर्थन किए जाने का आग्रह किया है.

इस क्रम में, राष्ट्रीय सरकारों द्वारा मज़बूत संकल्प लिए जाने और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन को अति-आवश्यक बताया गया है.

यूएन एजेंसियों ने सभी हितधारकों से स्थानीय सन्दर्भों व आवश्यकताओं के अनुरूप उपयुक्त उपायों पर ध्यान केन्द्रित किए जाने का आग्रह किया है.

इनमें स्कूलों में आहार की व्यवस्था करना, पेट में कीड़ों से परेशान बच्चों को राहत प्रदान करना, मनोसामाजिक समर्थन सुनिश्चित करना, कौशल आधारित शिक्षा का प्रबन्ध करना है ताकि बच्चे स्वस्थ जीवन गुज़ार सकें.

इसके समानान्तर, स्वास्थ्य व कल्याण को बढ़ावा देने वाले सुरक्षित व समावेशी माहौल को प्रोत्साहित किया जाना होगा.