UNDP: सब-सहारा अफ़्रीका क्षेत्र में बेरोज़गारी, हिंसक अतिवाद का मुख्य कारण
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम – UNDP ने मंगलवार को जारी की गई एक नई रिपोर्ट में कहा है कि सब-सहारा अफ़्रीका क्षेत्र के देशों में, रोज़गार के अवसरों की कमी, लोगों को हिंसक अतिवादियों के तेज़ी से बढ़ते समूहों में शामिल होने का एक मुख्य कारण है.
All countries are affected by #ViolentExtremism in different ways & struggle with its root causes: poverty, inequality, exclusion, lack of opportunities & perceptions of injustice.
See how we work w/ governments & communities to address violent extremism. https://t.co/fIC53kA25m https://t.co/LwZYmMPYJh
UNDP
इस रिपोर्ट में, अतिवादी समूहों में भर्ती के पीछे, आर्थिक कारकों की महत्ता को भी रेखांकित किया गया है.
हताशा है एक कारक
यूएन विकास कार्यक्रम – UNDP के प्रशासक अख़िम श्टीनर ने, रिपोर्ट जारी किए जाने के अवसर पर कहा कि आय की कमी, रोज़गार व आजीविकाओं के अवसरों की कमी का मतलब है कि हताशा व बौखलाहट, लोगों को अवसर हथियाने के लिए विवश कर रही है, चाहें वो किसी की तरफ़ से भी हों.
उन्होंने कहा कि इन समूहों में भर्ती किए गए लगभग 25 प्रतिशत लोगों ने, रोज़गार अवसरों की कमी को, अपने इस फ़ैसले का मुख्य कारण बताया, जबकि 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें भर्ती होने के समय, आजीविकाओं की तत्काल आवश्यकता थी.
सब-सहारा अफ़्रीका क्षेत्र, हिंसक अतिवाद का एक नया वैश्विक केन्द्र बन गया है, जहाँ वर्ष 2021 के दौरान, दुनिया भर में आतंकवाद से सम्बन्धित कुल मौतों की लगभग आधी संख्या दर्ज की गई थी.
ये रिपोर्ट आठ देशों में लगभग 2 हज़ार 200 विभिन्न लोगों से बातचीत पर आधारित है. इन देशों के नाम हैं – बुर्कीनी फ़ासो, कैमेरून, चाडस, माली, निजेर, नाईजीरिया, सोमालिया, और सूडान.
दुर्व्यवहार भी है कारण
यूएनडीपी की क्षेत्रीय शान्तिनिर्माण सलाहकार और इस रिपोर्ट की मुख्य लेखिका निरीना किपलागट ने कहा कि लगभग 71 प्रतिशत लोगों ने स्वयं के साथ हुए मानवाधिकार दुर्व्यवहार को भर्ती का एक कारण बताया है, जिनमें सरकारी कार्रवाई जैसे मामले भी शामिल हैं.
राष्ट्रीय सैन्य बलों द्वारा पिता की गिरफ़्तारी, या किसी के भाई को अपने साथ ले जाने जैसे कारकों का भी ज़िक्र किया गया.
रिपोर्ट के अनुसार, परिवार के सदस्यों या मित्रों से पड़ने वाले दबाव को भी, भर्ती का दूसरा सबसे सामान्य कारण बताया गया है, जिनमें ऐसी महिलाओं की भर्ती के मामले भी शामिल हैं जो अपने जीवन-साथी के पीछे-पीछे अतिवादी समूह में भर्ती हो गईं.
धार्मिक विचारधारा को इस भर्ती का तीसरा सर्वाधिक सामान्य कारण बताया गया है, जिसे 17 प्रतिशत लोगों ने एक कारण बताया.
विकास आधारित समाधान
यूएनडीपी का कहना है कि ये नई रिपोर्ट, तीन रिपोर्टों की श्रृंखला का एक हिस्सा है, जिसमें हिंसक अतिवाद की रोकथाम का विश्लेषण किया गया है.
इसमें सुरक्षा-आधारित कार्रवाइयों से तुरन्त हटकर, विकास आधारित दृष्टिकोण अपनाए जाने की तत्काल ज़रूरत को रेखांकित किया गया है, जो रोकथाम पर केन्द्रित हो.
रिपोर्ट में, बाल कल्याण और शिक्षा सहित बुनियादी सेवाओं में और ज़्यादा संसाधन निवेश की पुकार लगाई गई है. साथ ही पुनर्वास और समुदाय आधारित एकीकरण सेवाओं में भी और ज़्यादा निवेश का आहवान किया गया है.