स्तन कैंसर, एक विशाल ख़तरा, स्वास्थ्य विषमताओं पर पार पाने के लिए नई पहल

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार, 4 फ़रवरी को, ‘विश्व कैंसर दिवस’ के अवसर पर कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में स्तन कैंसर से निपटने पर केन्द्रित एक वैश्विक पहल के ज़रिये, वर्ष 2040 तक 25 लाख ज़िंदगियों की रक्षा की जा सकती है.
हर वर्ष, 23 लाख से अधिक महिलाओं में स्तन कैंसर की पुष्टि होती है, जोकि विश्व भर में समस्त वयस्कों को प्रभावित करने वाले कैंसर की सूची में सबसे आम बीमारी है.
वर्ष 1990 के बाद से अब तक, सीमित संख्या में उच्च-आय वाले देश, स्तन कैंसर के कारण होने वाली मौतों में कमी लाने में सफल हुए हैं.
मगर, निर्धन देशों में समय पर इस बीमारी का पता चल पाना एक बड़ी चुनौती है.
यूएन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉक्टर बेन्टे मिक्केलसेन ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि, “निम्न- और मध्य-आय वाले देशों में स्तन कैंसर मामलों में जीवित बचने की दर 50 फ़ीसदी या उससे कम है.”
“लेकिन यह दर उन लोगों के लिए 90 प्रतिशत है, जिन्हें उच्च-आय वाले देशों में सर्वोत्तम देखभाल प्राप्त होती है.”
स्वास्थ्य देखभाल व उपचार में पसरी इन विषमताओं की पृष्ठभूमि में और 4 फ़रवरी को ‘विश्व कैंसर दिवस’ के अवसर पर यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की ‘वैश्विक स्तन कैंसर पहल’ इस बीमारी से होने वाली मौतों में प्रति वर्ष 2.5 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है.
यूएन एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणालियों वाले देश, स्तन कैंसर के बोझ का वहन कर पाने में सबसे कम सक्षम हैं.
“इससे व्यक्तियों, परिवारों, समुदायों, स्वास्थ्य प्रणालियों और अर्थव्यवस्थाओं पर भीषण दबाव पड़ता है, इसलिए, इसे हर स्थान पर स्वास्थ्य मंत्रालयों और सरकारों की प्राथमिकता बनाना होगा.”
“स्तन कैंसर की रोकथाम करने और ज़िंदगियाँ बचाने के लिए हमारे पास उपकरण और ज्ञान है.”
यूएन एजेंसी प्रमुख के अनुसार, उनका संगठन 70 देशों को समर्थन प्रदान कर रहा है, विशेष रूप से मध्य-आय वाले देशों में, ताकि स्तन कैंसर का समय रहते पता लगाना सम्भव हो, और बेहतर ढँग से उपचार मुहैया कराया जा सके.
उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर के हर मरीज़ को एक कैंसर-मुक्त भविष्य की आशा प्रदान की जानी होगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान दर्शाते हैं कि वर्ष 2040 तक, दुनिया भर में हर साल 30 लाख से अधिक मामले और 10 लाख मौत होने की आशंका है.
इनमें से 75 फ़ीसदी मौतें निम्न- और मध्य-आय वाले देशों में होंगी.
इसके मद्देनज़र, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने देशों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इस पहल के तहत, सरकारों के लिए जो दिशानिर्देश तैयार किए हैं, वे मुख्यत: तीन स्तम्भों पर टिके हैं.
- बीमारी का जल्द पता लगाने के लिए स्वास्थ्य उपायों को बढ़ावा
- समय पर उपयुक्त निदान
- कारगर थेरेपी के ज़रिये उपचार