वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां
24 मार्च 2021 को मेडागास्कर के मनंतांतली में, 17 वर्षीय मिजा अंजारसोआ खिड़की से बाहर देखती है। वह सोनियराना जनरल एजुकेशन कॉलेज में "कैच-अप क्लास" कार्यक्रम का हिस्सा हैं और दाई बनने की इच्छा रखती हैं.

2023: बाल कल्याण को प्रभावित करने वाले आठ बड़े रुझान

© UNICEF/Rindra Ramasomanana
24 मार्च 2021 को मेडागास्कर के मनंतांतली में, 17 वर्षीय मिजा अंजारसोआ खिड़की से बाहर देखती है। वह सोनियराना जनरल एजुकेशन कॉलेज में "कैच-अप क्लास" कार्यक्रम का हिस्सा हैं और दाई बनने की इच्छा रखती हैं.

2023: बाल कल्याण को प्रभावित करने वाले आठ बड़े रुझान

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने मंगलवार को अपनी एक नई रिपोर्ट जारी की है जिसमें आपस में गुँथे हुए, सिलसिलेवार संकट और ऐसे अहम रुझान साझा किये गए हैं, जिनका इस वर्ष बच्चों पर सीधा असर होने की आशंका है.

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण वैश्विक खाद्य क़ीमतें दस वर्षों के अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गईं हैं, वैश्विक स्तर पर भुखमरी उपजी है और मुद्रास्फीति में उछाल आया है.

ये चन्द उदाहरण दर्शाते हैं कि किस तरह मौजूदा संकट बच्चों सहित विश्व भर में करोड़ों लोगों को प्रभावित कर रहे हैं.

"Prospects for Children in 2023: A Global Outlook", शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में कोविड-19 महामारी के प्रभावों से लेकर इंटरनेट सुलभता व उपलब्धता में बढ़ती दूरियों और जलवायु आपातकाल तक, कई महत्वपूर्ण पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.

यूनीसेफ़ के इस अध्ययन में मुख्य रूप से ये आठ निष्कर्ष सामने आए हैं:

1) कोविड-19 महामारी की लम्बी परछाई, मगर स्वास्थ्य क्षेत्र में सफलताओं से जगी आशा

कोविड-19 महामारी ने मज़बूत वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर किया है और अब भी अनेक देश जोखिम में हैं.

दुर्भाग्यवश, अक्सर बच्चों को ही सर्वाधिक संवेदनशील परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. यदि केवल वायरस से नहीं, तो उससे सम्बन्धित अन्य प्रभावों के विषय में.

26 अक्टूबर 2022 को पूर्वोत्तर सीरिया के हसाकेह शहर के घवैरान पड़ोस में स्वास्थ्य कार्यकर्ता विभाग से एक बच्चे को टीका लगाया गया
© UNICEF/Delil Souleiman

इसके साथ ही, महामारी ने वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों में वैक्सीन के विकास व वितरण में उल्लेखनीय प्रगति और स्वास्थ्य प्रणालियों में प्रगति दर्ज की गई है.

वर्ष 2023 में, विश्व भर में स्वास्थ्य ढाँचे को मज़बूती देने की आवश्यकता पर बल दिया गया है.

2) मुद्रास्फ़ीति पर नियंत्रण पाने के प्रयासों का बाल निर्धनता पर प्रभाव

बढ़ती महंगाई, इस वर्ष, आर्थिक क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती रही है, और इसका अधिकतर परिवारों और बच्चों पर भीषण असर हुआ है. क़ीमतों में बढ़ोत्तरी को नियंत्रित करने के प्रयासों के कठोर परिणाम भी हो सकते हैं, जैसेकि आर्थिक विकास की गति धीमा होना और रोज़गार अवसरों में कमी, विशेष रूप से युवाओं के लिए.

सामाजिक लाभ के विस्तार और सुरक्षा के लिए सरकारी कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि आर्थिक मितव्ययिता के प्रभावों से सबसे निर्बल समुदायों की रक्षा की जा सके.

3) खाद्ध और पोषण असुरक्षा में वृद्धि जारी रहने की सम्भावना

यूक्रेन में युद्ध जैसे हिंसक टकरावों, आर्थिक व्यवधानों, चरम मौसम घटनाओं, और सप्लाई चेन में मुश्किलों के कारण खाद्ध असुरक्षा में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है. 

खाद्य क़ीमतों के बढ़ने के साथ ही विश्व भर में परिवारों के लिए अपने बच्चों का भरण-पोषण करने की चुनौती भी बढ़ी है और यह चलन वर्ष 2023 में भी जारी रहने की आशंका है.

वैश्विक खाद्य प्रणालियों को अधिक सुदृढ़ता प्रदान करके इस मुद्दे से निपटने में मदद मिल सकती है.

4) ऊर्जा संकट से तात्कालिक नुक़सान, मगर सततता पर बल का अर्थ है, हरित भविष्य  

अरबों लोगों के लिए ऊर्जा की बढ़ती क़ीमतों ने जीवन-व्यापन की क़ीमतों में भी वृद्धि की है और वर्ष 2023 के लिए दृष्टिकोण अनिश्चित नज़र आ रहा है.

इस पृष्ठभूमि में, युवाओं के लिए नए आजीविका स्रोतों की सम्भावना के साथ स्वच्छ और टिकाउ ऊर्जा स्रोतों की ओर ध्यान दिया जाना अहम होगा.

एक धुंध भरी सुबह में मानाबोवो नदी पूरी तरह से सूख चुकी है, निवासी पानी खोजने की उम्मीद में छेद खोदने के लिए इसके बिस्तर पर इकट्ठा हो रहे हैं।
© UNICEF/Safidy Andrianantenain

हालाँकि, अनेक लोग इन नए रोज़गारों के लिए स्वयं को तैयार महसूस नहीं करते हैं. इसलिए, रोज़गार की तलाश कर रहे युवजन के लिए प्रशिक्षण अवसरों को हरित ऊर्जा कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने की अहमियत को रेखांकित किया गया है.

5) विकासशील देशों के लिए जलवायु वित्त पोषण व ऋण राहत का समय

विकासशील देशों के समक्ष, वैश्विक अर्थव्यवस्था से स्थाई तौर पर अलग-थलग हो जाने का ख़तरा मंडरा रहा है.

विकासशील देश कोविड-19 महामारी से उबरते हुए, जलवायु संकट से जूझते हुए और आर्थिक दबाव का सामना करते हुए अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.

लेकिन इन देशों की बढ़ती ज़रूरतों की तुलना में वित्तीय सहायता आवश्यकता के अनुरूप नहीं बढ़ रही है.

विकास हेतु अतिरिक्त वित्त पोषण के लिए सुधारों के अभाव में, संसाधनों पर दबाव बढ़ेगा और तात्कालिक, आवश्यक ज़रूरतें अधूरी रह जाएंगी, जोकि बच्चों के लिए बुरी ख़बर है.

6) लोकतंत्र के लिए बढ़ता ख़तरा, सामाजिक आन्दोलनों को धक्का

हाल के वर्षों में लोकतंत्र पर जोखिम बढ़ा है, और वर्ष 2023 में भी ये चुनौती बरक़रार रखने की आशंका है. राजनैतिक अस्थिरता से सकारात्मक सामाजिक बदलाव आ सकता है, लेकिन यह सर्वाधिकारवादी नेताओं के लिए भी मार्ग खोल सकता है.

वर्ष 2023 में, यह सम्भावना है कि युवा लोग सामाजिक आन्दोलनों में और भी विशेष भूमिका निभाएंगे, जलवायु कार्रवाई, मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा, और लैंगिक समानता समेत अन्य क्षेत्रों में.

उनका पैरोकारी समर्थन प्रभावशाली होगा और परिवर्तन के लिए गति प्रदान करने में योगदान देगा.

ल्वीव, यूक्रेन में अस्थायी आश्रयों के क्षेत्र में बच्चों की साइकिल पर एक छोटा लड़का
© UNICEF/Aleksey Filippov

7) बढ़ते तनाव व विरोध से, बाल कल्याण प्रयासों से उपजी कठिनाई

बढ़ती गुटबाज़ी के माहौल में, बहुपक्षवाद और अधिक कठिन हो जाता है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद से मौजूदा समय में, ज़रूरतमन्द बच्चों की संख्या अपने उच्चतम स्तर पर है.

तनावों और विरोधों में घिरी दुनिया में बच्चों के लिए सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने की सम्भावना बहुत कम है.

बच्चों के समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम होने के लिए, बहुपक्षीय संगठनों में बेहतर अन्तरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होगी. हालाँकि, तनावों व विरोधों को दूर करने, साझा ज़मीन खोजने और बाल-कल्याण को प्राथमिकता देने के अवसर अब भी मौजूद हैं.

8) इंटरनेट सुलभता के क्षेत्र में बढ़ती खाई व दूरियाँ

प्रौद्योगिकी, व्यावसायिक और राजनैतिक वजहों से इंटरनेट के क्षेत्र में दूरियाँ और दरारें बढ़ रही हैं और अब वैब जगत, कनेक्टिविटी और शासन-व्यवस्था के मामले में अलग-अलग द्वीपों में बँटा नज़र आ रहा है.

इसका बच्चों पर विशेष रूप से प्रभाव हुआ है, चूँकि वे अपनी शिक्षा और सामाजिक सम्पर्क के लिए इंटरनेट पर बहुत अधिक निर्भर होते हैं.

वर्ष 2023 में, एक मुफ़्त, समावेशी और सुरक्षित वैब को बढ़ावा देने के प्रयासों को देखे जाने की सम्भावना है, ताकि हर बच्चे तक लाभ पहुँचाने वाले एक डिजिटल भविष्य को सृजित किया जा सके.