पाकिस्तान: पेशावर मस्जिद पर हुए घातक हमले की कड़ी भर्त्सना

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश और कुछ अन्य शीर्ष अधिकारियों ने पाकिस्तान के पेशावर शहर में, सोमवार को हुए एक भीषण आत्मघाती बम विस्फोट की कड़ी भर्त्सना की है. इस हमले में कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई और 150 अन्य घायल हुए हैं.
समाचारों में कहा गया है कि खचाखच भरी मस्जिद पर किए गए इस हमले के लिए, एक चरमपंथी गुट ने ज़िम्मेदारी स्वीकार की है.
.@antonioguterres strongly condemns the suicide bombing at a mosque in Pakistan.
It is particularly abhorrent that the attack occurred at a place of worship. Freedom of religion or belief, including the ability to worship in peace & security, is a universal human right. https://t.co/Tq4Cgg4bjU
UN_Spokesperson
समाचारों में दिखाया गया है इस बम विस्फोट के कारण, मस्जिद की छत, वहाँ मौजूद लोगों पर गिर पड़ी.
घिनौना हमला
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने अपने प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा है, “ये विशेष रूप से इसलिए भी एक घिनौना कृत्य कि ये हमला, एक उपासना स्थल पर किया गया है.”
धर्म या आस्था की स्वतंत्रता, एक सार्वभौमिक मानवाधिकार है जिसमें शान्ति और सुरक्षा के माहौल में, प्रार्थना कर पाना शामिल है.”
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने पीड़ितों के परिवारों के साथ शोक संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.
उन्होंने आतंकवाद व हिंसक अतिवाद से निपटने के प्रयासों में, पाकिस्तान सरकार और वहाँ के लोगों के साथ, संयुक्त राष्ट्र की एकजुटता व्यक्त की है.
यूएन महासभा के अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने भी पेशावर में मस्जिद पर हुए इस आत्मघाती हमले की तीखी निन्दा की है. उन्होंने कहा कि लोगों को प्रार्थना करते समय, इस तरह के घातक हमलों का निशाना बनाया जाना, वास्तव में भयावह और एक कायराना कृत्य है.
पवित्र स्थान सुरक्षित महसूस करें
सभ्यताओं के संयुक्त राष्ट्र गठबन्धन (UNAOC) के लिए उच्च प्रतिनिधि मिगुएल ऐंजेल मोरैटिनोस ने भी एक वक्तव्य जारी करके, इस हमले की निन्दा करते हुए ज़ोर दिया है कि हिंसा के सभी रूप और आम लोगों व धार्मिक स्थलों के विरुद्ध आतंकवादी कृत्य, सहन नहीं किए जा सकते, और उन्हें किसी भी आधार पर न्यायसंगत भी नहीं ठहराया जा सकता है, और उनकी स्पष्ट निन्दा की जानी चाहिए.
हमलों में बढ़ोत्तरी पर चिन्ता
उच्च प्रतिनिधि मिगुएल ऐंजेल मोरैटिनोस ने कहा कि उपासना स्थल पवित्र स्थान होते हैं जहाँ धर्मावलम्बी अपनी आस्था पर सुरक्षित व स्वतंत्र तरीक़े से अमल कर सकें और उसका प्रदर्शन कर सकें.
उन्होंने कुल मिलाकर भेदभाव, असहिष्णुता और किसी भी धार्मिक समूह या अन्य समुदायों को निशाना बनाकर, हिंसा के तमाम रूपों की घटनाओं की बढ़ोत्तरी पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है.
इनमें इस्लामोफ़ोबिया, यहूदीवाद विरोध और ईसाइयों के विरुद्ध नफ़रत से प्रेरित घटनाएँ और अन्य धर्मों, आस्थाओं, लिंग व नस्ल के लोगों के विरुद्ध पूर्वाग्रह भी शामिल हैं.
यूएन कार्रवाई योजना
उच्च प्रतिनिधि मिगुएल ऐंजेल मोरैटिनोस ने तमाम धर्मों और आस्थाओं के लिए आपसी सम्मान और बन्धुत्व व शान्ति की संस्कृति को प्रोत्साहन देने का आहवान करते हुए, देशों की सरकारों व अन्य हितधारकों से, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए यूएन कार्रवाई योजना का समर्थन करने का आग्रह किया.
यह कार्रवाई योजना इस गठबन्धन ने, यूएन महासचिव के अनुरोध पर तैयार की है.